25-05-2022, 04:01 PM
मैंने पैरों से चूमना शुरू किया और जांघों पर आकर मौसी की संगमरमर से बदन को चाटने लगा. मौसी आंह आंह करने लगीं और वो मेरे सर पर अपना हाथ फेरने लगीं. मैंने मौसी की पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और उनकी पैंटी को नीचे कर दिया.
आह … मेरे सामने मौसी की एकदम चिकनी चुत खुल गई थी. हल्की सांवली सी चुत … जिस पर से चॉकलेटी महक आ रही थी. एक बार मौसी की तरफ देखा मैंने … तो मौसी की वासना से तप्त आंखें मेरे सामने एक प्यासी औरत की कामुकता को दर्शा रही थीं. मैंने अपनी नजर नीचे की तो मेरे सामने उनके दोनों चूचे बिल्कुल पहाड़ के जैसे तने थे. उनमें जरा भी ढलकाव नहीं था.
मैंने एक हाथ से एक दूध पकड़ा और बस के हॉर्न जैसे दबा दिया. इस बार मैंने मौसी का दूध कुछ जोर से मसला था तो मौसी की आह निकल गई और इसी के साथ उनकी चुत कुछ ऊपर को उठ गई. मैंने उसी पल मौसी की चुत में जीभ फेर दी. मौसी तड़फ उठीं और मेरे सर को उन्होंने जोर से अपनी चुत पर दबा दिया.
पूरी चुत नमकीन रस से भरी पड़ी थी. मैंने चुत चाटना शुरू कर दिया और मौसी आह आह करती हुई अपनी चुत चटवाने का सुख लेने लगीं.
कुछ ही देर में मौसी की चुत ने रस छोड़ दिया और मैंने चुत को चाट चाट कर पूरा साफ़ कर दिया.
मौसी की आंखें एकदम से लाल हो गई थीं. वो कुछ शिथिल सी पड़ी हुई मेरी तरफ देख रही थीं और मेरे सर को सहला रही थीं.
अब तक मैं बहुत गर्म हो गया था और मेरा लंड फट पड़ने को था.
मैं उठा और मौसी की चुत की तरफ मुँह करके 69 में हो गया. इससे मेरा लंड मौसी के मुँह की तरफ आ गया था. मौसी ने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगीं.
कोई पांच मिनट बाद मौसी ने मेरे लंड को निचोड़ लिया था और रस को खा गई थीं.
हम दोनों एक एक बार झड़ चुके थे.
हमारे बीच आपस में किसी तरह की कोई बात नहीं हो रही थी.
फिर मौसी ने उठ कर दराज से एक सिगरेट निकाली और जला कर धुंआ उड़ाने लगीं.
उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा तो मैंने अपनी उंगलियां उनकी तरफ बढ़ा दीं.
मौसी ने सिगरेट मेरी उंगलियों में फंसा दी.
मैंने धुँआ उड़ाना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद हमारे बीच फिर से माहौल बन गया और मैंने मौसी को लिटा दिया. एक बार फिर से हमारे बीच सेक्स होने लगा. लंड खड़ा हो गया था, चुत गर्मा गई थी.
मैंने मौसी की दोनों टांगें फैला दीं और लंड का सुपारा चुत की फांकों में सैट कर दिया. कुछ देर लंड चुत पर रगड़ा और एकदम से अन्दर पेल दिया. मौसी की मस्त आंह निकल गई और हमारे बीच चुदाई शुरू हो गई. दस मिनट तक मौसी को मिशनरी पोज में चोदने के बाद मैंने लंड निकाला और चित लेट गया.
आह … मेरे सामने मौसी की एकदम चिकनी चुत खुल गई थी. हल्की सांवली सी चुत … जिस पर से चॉकलेटी महक आ रही थी. एक बार मौसी की तरफ देखा मैंने … तो मौसी की वासना से तप्त आंखें मेरे सामने एक प्यासी औरत की कामुकता को दर्शा रही थीं. मैंने अपनी नजर नीचे की तो मेरे सामने उनके दोनों चूचे बिल्कुल पहाड़ के जैसे तने थे. उनमें जरा भी ढलकाव नहीं था.
मैंने एक हाथ से एक दूध पकड़ा और बस के हॉर्न जैसे दबा दिया. इस बार मैंने मौसी का दूध कुछ जोर से मसला था तो मौसी की आह निकल गई और इसी के साथ उनकी चुत कुछ ऊपर को उठ गई. मैंने उसी पल मौसी की चुत में जीभ फेर दी. मौसी तड़फ उठीं और मेरे सर को उन्होंने जोर से अपनी चुत पर दबा दिया.
पूरी चुत नमकीन रस से भरी पड़ी थी. मैंने चुत चाटना शुरू कर दिया और मौसी आह आह करती हुई अपनी चुत चटवाने का सुख लेने लगीं.
कुछ ही देर में मौसी की चुत ने रस छोड़ दिया और मैंने चुत को चाट चाट कर पूरा साफ़ कर दिया.
मौसी की आंखें एकदम से लाल हो गई थीं. वो कुछ शिथिल सी पड़ी हुई मेरी तरफ देख रही थीं और मेरे सर को सहला रही थीं.
अब तक मैं बहुत गर्म हो गया था और मेरा लंड फट पड़ने को था.
मैं उठा और मौसी की चुत की तरफ मुँह करके 69 में हो गया. इससे मेरा लंड मौसी के मुँह की तरफ आ गया था. मौसी ने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगीं.
कोई पांच मिनट बाद मौसी ने मेरे लंड को निचोड़ लिया था और रस को खा गई थीं.
हम दोनों एक एक बार झड़ चुके थे.
हमारे बीच आपस में किसी तरह की कोई बात नहीं हो रही थी.
फिर मौसी ने उठ कर दराज से एक सिगरेट निकाली और जला कर धुंआ उड़ाने लगीं.
उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा तो मैंने अपनी उंगलियां उनकी तरफ बढ़ा दीं.
मौसी ने सिगरेट मेरी उंगलियों में फंसा दी.
मैंने धुँआ उड़ाना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद हमारे बीच फिर से माहौल बन गया और मैंने मौसी को लिटा दिया. एक बार फिर से हमारे बीच सेक्स होने लगा. लंड खड़ा हो गया था, चुत गर्मा गई थी.
मैंने मौसी की दोनों टांगें फैला दीं और लंड का सुपारा चुत की फांकों में सैट कर दिया. कुछ देर लंड चुत पर रगड़ा और एकदम से अन्दर पेल दिया. मौसी की मस्त आंह निकल गई और हमारे बीच चुदाई शुरू हो गई. दस मिनट तक मौसी को मिशनरी पोज में चोदने के बाद मैंने लंड निकाला और चित लेट गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.