25-05-2022, 04:00 PM
मैं ये सुनकर डर गया और बोला- न….नहीं तो मौसी!
मेरे इतना कहते ही मौसी मेरे करीब आ गईं और उन्होंने अपनी एक हथेली से मेरी जांघ को दबा दिया.
मौसी – मैंने तुझे उस दिन ही देख लिया था, जब तू भाग कर कमरे में गया और अपना हिला रहा था.
अब मेरी हालत खराब हो गई- मौसी मुझसे गलती हो गई, माफ कर दो.
कुछ देर बाद मौसी बोलीं- देख तू मुझे खुश कर दे वरना मैं भैया को सब बता दूंगी.
मैं चुप हो गया और मेरी नजरें झुक गईं.
मौसी – बोल न … क्या तू मेरी गर्मी दूर करेगा?
ये कह कर मौसी ने मेरी जांघ से हाथ अन्दर को सरका कर मेरे लंड को सहला दिया. मेरा लंड कड़क होने लगा था. मेरे अन्दर का डर भी अब साहस में बदलने लगा था. मैंने उन्हें देखा, तो मौसी ने आंख दबा दी.
मैं समझ गया कि यह हॉट औरत सेक्स के लिए बेचैन है. मैंने बिना रुके अपने होंठ आगे बढ़ा दिए और मौसी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए. बस इतना हुआ ही था कि मौसी तो मेरे ऊपर एकदम से मानो टूट पड़ीं और मेरे पूरे मुँह पर चुम्बन करने लगीं. मैं भी कई दिनों से भूखे शेर की तरह उन पर टूट पड़ा.
लगभग दस मिनट हमने केवल लिपकिस किया. मौसी बीच में रुक जाती थीं, शायद वो सांस लेने लगती थीं. अब मेरा लंड और तड़प उठा था. मौसी ने मुझे धक्का दे दिया और मेरे सीने पर झुक कर मुझे चूमने लगीं. मैंने नीचे से उनके गाउन में हाथ डाला और ऊपर करके बाहर निकाल दिया. मौसी ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. लग रहा था कि मौसी चुदने के लिए पूरी तैयार होकर आई थीं. उनके मोहक मम्मों को मैंने दबाना और मसलना शुरू कर दिया. मौसी मेरे मुँह में एक दूध देने लगीं और मैंने मौसी के उस दूध का निप्पल अपने मुँह में दबा लिया और दबाते हुए चूची चूसने लगा.
वे ‘आह … आह …’ करती रहीं.
मैंने कुछ ही देर में मौसी के दोनों दूध चूस चूस कर लाल कर दिए.
फिर उनको खड़ा कर दिया और अपने आपको मौसी के पीछे करके मैं मौसी के दोनों मम्मों को मसलने लगा. इस समय मौसी केवल पैंटी में थीं.
मौसी भी मेरे ऊपर टूट पड़ीं और मेरे जिस्म पर बनियान बरमूडा और कच्छे को उतार कर दूर फेंक दिया.
मैं नंगा हो गया था और मेरा लंड मौसी की नंगी जवानी को खा जाने के लिए एकदम रेडी था.
मौसी ने मेरा मोटा लम्बा लंड देखा और वो उसे ऊपर से सहलाने लगीं.
मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हें बिस्तर पर धकेल दिया.
आज मौसी ने अलग ही किस्म का परफ्यूम लगाया था, उनकी पूरी चूत महक रही थी.
मेरे इतना कहते ही मौसी मेरे करीब आ गईं और उन्होंने अपनी एक हथेली से मेरी जांघ को दबा दिया.
मौसी – मैंने तुझे उस दिन ही देख लिया था, जब तू भाग कर कमरे में गया और अपना हिला रहा था.
अब मेरी हालत खराब हो गई- मौसी मुझसे गलती हो गई, माफ कर दो.
कुछ देर बाद मौसी बोलीं- देख तू मुझे खुश कर दे वरना मैं भैया को सब बता दूंगी.
मैं चुप हो गया और मेरी नजरें झुक गईं.
मौसी – बोल न … क्या तू मेरी गर्मी दूर करेगा?
ये कह कर मौसी ने मेरी जांघ से हाथ अन्दर को सरका कर मेरे लंड को सहला दिया. मेरा लंड कड़क होने लगा था. मेरे अन्दर का डर भी अब साहस में बदलने लगा था. मैंने उन्हें देखा, तो मौसी ने आंख दबा दी.
मैं समझ गया कि यह हॉट औरत सेक्स के लिए बेचैन है. मैंने बिना रुके अपने होंठ आगे बढ़ा दिए और मौसी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए. बस इतना हुआ ही था कि मौसी तो मेरे ऊपर एकदम से मानो टूट पड़ीं और मेरे पूरे मुँह पर चुम्बन करने लगीं. मैं भी कई दिनों से भूखे शेर की तरह उन पर टूट पड़ा.
लगभग दस मिनट हमने केवल लिपकिस किया. मौसी बीच में रुक जाती थीं, शायद वो सांस लेने लगती थीं. अब मेरा लंड और तड़प उठा था. मौसी ने मुझे धक्का दे दिया और मेरे सीने पर झुक कर मुझे चूमने लगीं. मैंने नीचे से उनके गाउन में हाथ डाला और ऊपर करके बाहर निकाल दिया. मौसी ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. लग रहा था कि मौसी चुदने के लिए पूरी तैयार होकर आई थीं. उनके मोहक मम्मों को मैंने दबाना और मसलना शुरू कर दिया. मौसी मेरे मुँह में एक दूध देने लगीं और मैंने मौसी के उस दूध का निप्पल अपने मुँह में दबा लिया और दबाते हुए चूची चूसने लगा.
वे ‘आह … आह …’ करती रहीं.
मैंने कुछ ही देर में मौसी के दोनों दूध चूस चूस कर लाल कर दिए.
फिर उनको खड़ा कर दिया और अपने आपको मौसी के पीछे करके मैं मौसी के दोनों मम्मों को मसलने लगा. इस समय मौसी केवल पैंटी में थीं.
मौसी भी मेरे ऊपर टूट पड़ीं और मेरे जिस्म पर बनियान बरमूडा और कच्छे को उतार कर दूर फेंक दिया.
मैं नंगा हो गया था और मेरा लंड मौसी की नंगी जवानी को खा जाने के लिए एकदम रेडी था.
मौसी ने मेरा मोटा लम्बा लंड देखा और वो उसे ऊपर से सहलाने लगीं.
मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हें बिस्तर पर धकेल दिया.
आज मौसी ने अलग ही किस्म का परफ्यूम लगाया था, उनकी पूरी चूत महक रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.