25-05-2022, 03:59 PM
कोरोना के कारण सब कुछ बंद हो गया था. हम दोनों के दिन घर की चारदीवारी में ही बीतने लगे.
चार दिन बाद सुबह के समय मैं उठा, तो मैंने देखा कि मौसी बाथरूम में नहा रही थीं. बाथरूम का दरवाजा पूरी तरह से लगा नहीं था इसलिए अन्दर का मदमस्त कर देने वाला नजारा साफ़ दिख रहा था. नंगा सीन देख कर मैं ठिठक गया और देखने लगा. सुबह के समय वैसे ही मन में कुछ उत्तेजना रहती है और मेरा लंड भरा हुआ था.
मैंने चुपचाप अपनी मौसी को नहाते हुए देखना शुरू कर दिया. साबुन के झाग से उनके दोनों मम्मे ढके हुए थे और वो नीचे पैंटी पहनी हुई थीं. मैं अपने लंड को सहलाते हुए मौसी को देखने लगा. बड़ा ही मस्त नज़ारा था.
जब मौसी ने अपने जिस्म पर पानी डाला तो उनके दोनों चूचे साफ़ दिखने लगे और मेरे अन्दर की आग भड़क उठी. साथ ही साथ खड़ा हो चुका मेरा लंड फड़फड़ा उठा.
मैं भूल गया कि सामने मेरी मौसी हैं … मुझे तो बस एक मस्त कांटा माल दिखाई दे रहा था.
मौसी का नंगा बदन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई पोर्न वीडियो में किसी पोर्न ऐक्ट्रेस को नंगी देख रहा हूँ.
चार दिन बाद सुबह के समय मैं उठा, तो मैंने देखा कि मौसी बाथरूम में नहा रही थीं. बाथरूम का दरवाजा पूरी तरह से लगा नहीं था इसलिए अन्दर का मदमस्त कर देने वाला नजारा साफ़ दिख रहा था. नंगा सीन देख कर मैं ठिठक गया और देखने लगा. सुबह के समय वैसे ही मन में कुछ उत्तेजना रहती है और मेरा लंड भरा हुआ था.
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.