25-05-2022, 03:54 PM
मैंने दूसरी पैंटी उन्हें पहनाई ही नहीं.
“देख लो अच्छे से … फिर से नहीं देखने दूँगी!” वो बोली.
“मासी कुछ बताओ ना इसके बारे में?” मैंने कहा.
“अम्म अच्छा … तुम पूछो तुम्हें जो पूछना है. मैं बताऊँगी!” उन्होंने कहा.
“ये छोटा सा उभार क्या है मासी?” मैंने उनके क्लिट की तरफ इशारा करके कहा.
पर वो समझीं नहीं, उन्होंने कहा- क्या? कौन सा उभार?
“अरे कैसे बताऊं … आपने हाथ लगाने से मना किया है ना!” मैं बोला.
मेरा ये पैतरा काम कर गया और वो बोलीं- अच्छा बताओ, अपने हाथ से बस उंगली लगा के बताओ.
मैंने उनकी क्लिट को हल्के से उंगली लगा के और मसल कर बताया- ये!
वो हल्की सी सिसकारी और बोलीं- सिर्फ बताने को कहा था, घिसने को नहीं. इसे चूत का दाना कहते हैं.
“इससे क्या होता है मासी?” मैंने पूछा.
“अब कैसे बताऊं कि इससे क्या होता है … अम्म इसे हम चूत को गीली करने के लिए इस्तेमाल करते हैं और इससे हमें मज़ा आता है.” वो बोलीं.
“चूत क्या है मासी?” मैंने बुद्धू बनते हुआ पूछा.
तो उन्होंने अपनी चूत की फांकें फैलाई और चूत का छेद दिखाते हुए कहा- ये है चूत! अब ये मत पूछना ये किस लिए है. तुम्हें पता है … बस बन रहे हो. फिर भी बताती हूँ. इससे बच्चे पैदा होते हैं. और मज़ा आता है अगर कुछ डालो तो!” वो बोलीं.
वो चूत के छेद में उंगली डालकर उसमें का पानी निकाल के दिखाकर बोली- तुमने क्लिट घिस दिया था न … तो उससे देखो ये गीली हो गई है!
फिर वो अपने पेशाब के छेद को दिखाते हुए बोली- इससे हम सुसू करते है ये भी देख लो!
“हो गया … अब पैंटी पहना दो.” वो बोलीं.
पर मैंने थोड़ा जिद किया और कहा- थोड़ी देर और देखने देने के लिए!
तो वो बोलीं- इतनी अच्छी लगी तुम्हें मेरी चूत? बस देखते ही रहोगे क्या?
“हाँ मासी!” मैं बोला.
“मैं हाथ लगा कर देखूँ मासी प्लीज! बस एक बार?” मैंने पूछा.
और वो हाँ बोलीं.
फिर मैंने उनकी चूत पे अपना हाथ फिराया और उनकी क्लिट से खेलने लगा.
वो अपने होंठ दबा रही थी और सश्हस अहहसस ऐसे आवाज कर रही थी.
“क्या हुआ मासी?” मैं अनजान बनते हुए बोला.
“कुछ नहीं … अब करो जो करना है जल्दी! आह आह ऊफ!” वो सिसकारी.
उनकी चूत में से पानी निकल रहा था तो मैं अनजान बनते हुए बोला- मासी, ये सफेद सा क्या निकल रहा है?
तो वो बोलीं- इसका मतलब है मुझे अब कुछ अंदर डालना पड़ेगा बेटा! या इसे चाटना पड़ेगा!
मैं बोला- मैं चाट दूँ मासी?
तो उन्होंने हाँ कहा क्योंकि वो अब गर्म हो गई थी.
बस फिर मैंने उनकी चूत चाटी और उनका पूरा रस पी गया.
वो एक बार मेरे मुंह में ही झड़ गई.
“बेटा, तुम चूत चोदना जानते हो?” उन्होंने पूछा.
“नहीं मासी, आप सिखा दो न मासी!” मैंने कहा.
फिर क्या था, उन्होंने मुझे अपना लंड निकालने को कहा और चूत में डालने को कहा.
मैं उनकी चूत में लंड डाल रहा था, वो जोर से चिल्ला उठी, उन्हें दर्द हो रहा था.
उन्होंने मुझे धीरे धीरे डालने को कहा.
मेरा लंड पूरा उनकी चूत में जाने के बाद उन्होंने मुझे अंदर बाहर करने कहा और फिर मैंने उनकी जम के चुदाई की.
उनके बूब्स को ब्रा में से निकाल के जोर से दबाए और उनके निप्पल अपने मुख में लेकर खूब चूसे.
वो जोर जोर से चिल्ला रही थी.
अपना लंड अंदर बाहर करते वक्त मैं उनकी क्लिट को भी घिस रहा था.
तब तो उनकी चूत से और भी ज्यादा सफेद पानी निकलने लगा और मेरे लंड पे लग गया जिसके कारण हमें और भी मज़ा आ रहा था.
कुछ देर ऐसे चोदने के बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और उनकी गांड पर चांटें मारते हुए खूब चोदा और उनके अंदर ही झड़ गया.
वो भी दो बार झड़ चुकी थी.
फिर उन्होंने मुझे पास बुलाया, किस किया और कहा- बेटा, मुझे इससे जादा मज़ा कभी नहीं आया. अभी आराम करते हैं. अब मैं तुम्हें औरत के बारे में और सब कुछ सिखाऊँगी. तब तक आराम करो. तुम जब चाहो तब मेरी चुदाई कर सकते हो. अब मैं तुम्हारी हूँ.
फिर हम दोनों दिन भर चुदाई करते रहे और मजे किए.
“देख लो अच्छे से … फिर से नहीं देखने दूँगी!” वो बोली.
“मासी कुछ बताओ ना इसके बारे में?” मैंने कहा.
“अम्म अच्छा … तुम पूछो तुम्हें जो पूछना है. मैं बताऊँगी!” उन्होंने कहा.
“ये छोटा सा उभार क्या है मासी?” मैंने उनके क्लिट की तरफ इशारा करके कहा.
पर वो समझीं नहीं, उन्होंने कहा- क्या? कौन सा उभार?
“अरे कैसे बताऊं … आपने हाथ लगाने से मना किया है ना!” मैं बोला.
मेरा ये पैतरा काम कर गया और वो बोलीं- अच्छा बताओ, अपने हाथ से बस उंगली लगा के बताओ.
मैंने उनकी क्लिट को हल्के से उंगली लगा के और मसल कर बताया- ये!
वो हल्की सी सिसकारी और बोलीं- सिर्फ बताने को कहा था, घिसने को नहीं. इसे चूत का दाना कहते हैं.
“इससे क्या होता है मासी?” मैंने पूछा.
“अब कैसे बताऊं कि इससे क्या होता है … अम्म इसे हम चूत को गीली करने के लिए इस्तेमाल करते हैं और इससे हमें मज़ा आता है.” वो बोलीं.
“चूत क्या है मासी?” मैंने बुद्धू बनते हुआ पूछा.
तो उन्होंने अपनी चूत की फांकें फैलाई और चूत का छेद दिखाते हुए कहा- ये है चूत! अब ये मत पूछना ये किस लिए है. तुम्हें पता है … बस बन रहे हो. फिर भी बताती हूँ. इससे बच्चे पैदा होते हैं. और मज़ा आता है अगर कुछ डालो तो!” वो बोलीं.
वो चूत के छेद में उंगली डालकर उसमें का पानी निकाल के दिखाकर बोली- तुमने क्लिट घिस दिया था न … तो उससे देखो ये गीली हो गई है!
फिर वो अपने पेशाब के छेद को दिखाते हुए बोली- इससे हम सुसू करते है ये भी देख लो!
“हो गया … अब पैंटी पहना दो.” वो बोलीं.
पर मैंने थोड़ा जिद किया और कहा- थोड़ी देर और देखने देने के लिए!
तो वो बोलीं- इतनी अच्छी लगी तुम्हें मेरी चूत? बस देखते ही रहोगे क्या?
“हाँ मासी!” मैं बोला.
“मैं हाथ लगा कर देखूँ मासी प्लीज! बस एक बार?” मैंने पूछा.
और वो हाँ बोलीं.
फिर मैंने उनकी चूत पे अपना हाथ फिराया और उनकी क्लिट से खेलने लगा.
वो अपने होंठ दबा रही थी और सश्हस अहहसस ऐसे आवाज कर रही थी.
“क्या हुआ मासी?” मैं अनजान बनते हुए बोला.
“कुछ नहीं … अब करो जो करना है जल्दी! आह आह ऊफ!” वो सिसकारी.
उनकी चूत में से पानी निकल रहा था तो मैं अनजान बनते हुए बोला- मासी, ये सफेद सा क्या निकल रहा है?
तो वो बोलीं- इसका मतलब है मुझे अब कुछ अंदर डालना पड़ेगा बेटा! या इसे चाटना पड़ेगा!
मैं बोला- मैं चाट दूँ मासी?
तो उन्होंने हाँ कहा क्योंकि वो अब गर्म हो गई थी.
बस फिर मैंने उनकी चूत चाटी और उनका पूरा रस पी गया.
वो एक बार मेरे मुंह में ही झड़ गई.
“बेटा, तुम चूत चोदना जानते हो?” उन्होंने पूछा.
“नहीं मासी, आप सिखा दो न मासी!” मैंने कहा.
फिर क्या था, उन्होंने मुझे अपना लंड निकालने को कहा और चूत में डालने को कहा.
मैं उनकी चूत में लंड डाल रहा था, वो जोर से चिल्ला उठी, उन्हें दर्द हो रहा था.
उन्होंने मुझे धीरे धीरे डालने को कहा.
मेरा लंड पूरा उनकी चूत में जाने के बाद उन्होंने मुझे अंदर बाहर करने कहा और फिर मैंने उनकी जम के चुदाई की.
उनके बूब्स को ब्रा में से निकाल के जोर से दबाए और उनके निप्पल अपने मुख में लेकर खूब चूसे.
वो जोर जोर से चिल्ला रही थी.
अपना लंड अंदर बाहर करते वक्त मैं उनकी क्लिट को भी घिस रहा था.
तब तो उनकी चूत से और भी ज्यादा सफेद पानी निकलने लगा और मेरे लंड पे लग गया जिसके कारण हमें और भी मज़ा आ रहा था.
कुछ देर ऐसे चोदने के बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और उनकी गांड पर चांटें मारते हुए खूब चोदा और उनके अंदर ही झड़ गया.
वो भी दो बार झड़ चुकी थी.
फिर उन्होंने मुझे पास बुलाया, किस किया और कहा- बेटा, मुझे इससे जादा मज़ा कभी नहीं आया. अभी आराम करते हैं. अब मैं तुम्हें औरत के बारे में और सब कुछ सिखाऊँगी. तब तक आराम करो. तुम जब चाहो तब मेरी चुदाई कर सकते हो. अब मैं तुम्हारी हूँ.
फिर हम दोनों दिन भर चुदाई करते रहे और मजे किए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.