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तुम्हारी रचना मौसी
#25
अगले दिन सुबह:

मैं उठकर अपने काम करने लगा.
दवाइयों के कारण मासी काफी देर से उठीं.
उठने के बाद फिर मैंने उन्हें बाथरूम तक जाने में मदद की, कमोड होने के कारण उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं हुई.
फिर मैंने उन्हें नाश्ता दिया और उनकी दवाइयाँ दी.
उन्होंने फिर मुझे कहा कि उन्हें नहाने जाना है.
मैंने उन्हें कपड़े निकालने में मदद की.
वो केवल ब्रा, पैंटी पहनकर नहाने वाली थीं.
मैं उन्हें बाथरूम में स्टूल पर बैठा कर शावर चालू कर बाहर आया.
कुछ देर में उन्होंने मुझे आवाज दी, मैं उन्हें बाथरूम में से बाहर ले आया.
उन्होंने ब्रा निकाल दी थी और टावल लपेट लिया था पर पैंटी नहीं निकाल पाई थी.
उन्हें मैंने उनके ब्रा, पैंटी दिए और घूम गया ताकि वो ब्रा पहन लें.
फिर उन्होंने मुझे पैंटी पहनने में मदद करने के लिए कहा.
उन्होंने सीधे अपना तौलिया निकाल दिया.
मैं चौंक गया पर फिर देखा लो उन्होंने पैंटी निकाली ही नहीं थी जिसकी वजह से वो पूरी गीली हो गई थी.
वो निकालने के लिए उन्होंने मुझसे कहा- ये गीली वाली निकाल दो और दूसरी पहना दो.
“आँखें बंद करोगे या नहीं?” वो बोली.
“बंद ही करनी है न मासी?” मैं बोला.
“हाँ बंद कर लो. वैसे भी सब तो तुम देख ही चुके हो न पहले ही! क्यों?” वो बोली.
“नहीं, मैंने कुछ नहीं देखा मासी, आपने आँख बंद करने कहा था ना, तो !!” मैं बोला.
“झूठ तो मत बोलो तुम मुझसे! मुझे सब दिखाई देता है, सच बोलो देखी ना? घबराओ मत … मैं कुछ नहीं बोलूँगी. आखिर तुम मेरे बेटे जैसे ही हो. तो बताओ अब कैसी लगी?”
“सच मासी?” मैंने पूछा.
“हाँ अब बोलो भी!” वो बोलीं.
“अच्छी लगी. मैंने कभी देखी नहीं है ना … इसलिए ऐसे देख रहा था. और ऊपर से आप इतनी सुंदर हो! कैसे काबू करता?” मैं बोला.
“अच्छा तो फिर तो अब आंखें बंद करके ही पहना देना. देख लिया न सब कुछ!!” वो बोलीं.
मैं उदास होने की सूरत बनाने लगा.
“क्या हुआ उदास हो गए? फिर से देखनी है?”उन्होंने पूछा.
मैं झट से हाँ बोल बैठा.
“ठीक है. पर छूने नहीं दूँगी कुछ भी … चलेगा?” उन्होंने कहा.
“चलेगा मासी!!” मैंने कहा.
“चलाना तो पड़ेगा ही! वैसे भी ये इतनी आसानी से किसी को नहीं मिलती!” उन्होंने कहा.
फिर मैंने उनकी गीली पैंटी बिना आंखें बंद करे ही निकाली और उनकी चूत के दर्शन किए.
उफ … उस वक्त तो मैं सातवें आसमान पर था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
मौसी - by neerathemall - 23-05-2022, 03:36 PM
RE: तुम्हारी रचना मौसी - by neerathemall - 25-05-2022, 03:53 PM



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