25-05-2022, 03:51 PM
मैंने उन्हें उठाया अपने कंधे पर उनका हाथ रखा और उन्हें बेडरूम में ले आया.
वो दर्द से कराह रही थीं.
उन्होंने कहा- चक्कर आने के कारण मैं गिर गई.
मैंने उनके पैर पर स्प्रे मार कर थोड़ी मालिश कर दी पर उनका दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा था.
उन्होंने कहा- दवाखाने जाना पड़ेगा. शायद हड्डी टूट गई है.
मैं हड़बड़ी में गाड़ी निकालने जा रहा था पर मैं ये तो भूल ही गया कि मासी ने कपड़े नहीं पहने हैं.
मासी ने आवाज लगाकर मुझे वापिस बुलाया और कहा- रुको, ऐसे नहीं जा सकते बुद्धू … मुझे कपड़े पहनने होंगे. जरा मेरी अलमारी में से मेरे कपड़े दे दो.
मैंने झट से उनके अलमारी में से सलवार कमीज निकाले और उनको दे दिए.
“अरे बेटा, मुझे अंदर के कपड़े भी पहनने होंगे वहाँ सब लोग होंगे, ऊपर के ड्रावर में से मेरे अंदर के कपड़े दे दे.” उन्होंने कहा.
मेरी तो लोटरी ही लग गई.
इससे पहले मैंने मासी के ब्रा पैंटी सिर्फ बाथरूम में लटके देखे थे और कभी कभार तो हाथ में लेकर भी देखे थे.
मैंने उन्हें सफ़ेद ब्रा पैंटी दे दिए.
उन्होंने मुझे बाहर रुकने को कहा.
कमरे के बाहर मैं खड़ा था, तभी उन्होंने आवाज दी मुझे- बेटा जरा अंदर आओ.
मैं अंदर गया तो देखा कि उन्होंने छाती पर से तौलिया निकाल दिया था और ब्रा पहन ली थी.
पर उनकी पैंटी अभी भी बिस्तर पर पड़ी थी.
उन्होंने पैंटी की तरफ इशारा करते हुए कहा- ये पहनने में मदद कर!
मैंने उनकी पैंटी हाथ में लेकर उनके पैरों के बीच में से उनके घुटनों तक डाली.
पर उन्होंने अभी भी तौलिया डाला हुआ था तो वो दिक्कत कर रहा था.
इसलिए मैंने उनसे कहा- मासी, तौलिया निकाल दो. मैं ये ऊपर कर देता हूँ.
“हाँ … पर आंखें बंद रखना और जल्दी करना.” वो बोलीं.
मैंने हाँ कहा.
पर ऐसे मौके को हाथ से गंवाया नहीं जा सकता था इसलिए मैंने आँखें बंद होने का नाटक करते हुए पैंटी उनकी जांघों पर ऊपर कर रहा था.
पर वो उनकी गांड के वजह से ऊपर नहीं सरक रही थी.
आखिर उनकी गांड थी भी बड़ी ना … उनका फिगर 36C-30-38 था.
वो दर्द से कराह रही थीं.
उन्होंने कहा- चक्कर आने के कारण मैं गिर गई.
मैंने उनके पैर पर स्प्रे मार कर थोड़ी मालिश कर दी पर उनका दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा था.
उन्होंने कहा- दवाखाने जाना पड़ेगा. शायद हड्डी टूट गई है.
मैं हड़बड़ी में गाड़ी निकालने जा रहा था पर मैं ये तो भूल ही गया कि मासी ने कपड़े नहीं पहने हैं.
मासी ने आवाज लगाकर मुझे वापिस बुलाया और कहा- रुको, ऐसे नहीं जा सकते बुद्धू … मुझे कपड़े पहनने होंगे. जरा मेरी अलमारी में से मेरे कपड़े दे दो.
मैंने झट से उनके अलमारी में से सलवार कमीज निकाले और उनको दे दिए.
“अरे बेटा, मुझे अंदर के कपड़े भी पहनने होंगे वहाँ सब लोग होंगे, ऊपर के ड्रावर में से मेरे अंदर के कपड़े दे दे.” उन्होंने कहा.
मेरी तो लोटरी ही लग गई.
इससे पहले मैंने मासी के ब्रा पैंटी सिर्फ बाथरूम में लटके देखे थे और कभी कभार तो हाथ में लेकर भी देखे थे.
मैंने उन्हें सफ़ेद ब्रा पैंटी दे दिए.
उन्होंने मुझे बाहर रुकने को कहा.
कमरे के बाहर मैं खड़ा था, तभी उन्होंने आवाज दी मुझे- बेटा जरा अंदर आओ.
मैं अंदर गया तो देखा कि उन्होंने छाती पर से तौलिया निकाल दिया था और ब्रा पहन ली थी.
पर उनकी पैंटी अभी भी बिस्तर पर पड़ी थी.
उन्होंने पैंटी की तरफ इशारा करते हुए कहा- ये पहनने में मदद कर!
मैंने उनकी पैंटी हाथ में लेकर उनके पैरों के बीच में से उनके घुटनों तक डाली.
पर उन्होंने अभी भी तौलिया डाला हुआ था तो वो दिक्कत कर रहा था.
इसलिए मैंने उनसे कहा- मासी, तौलिया निकाल दो. मैं ये ऊपर कर देता हूँ.
“हाँ … पर आंखें बंद रखना और जल्दी करना.” वो बोलीं.
मैंने हाँ कहा.
पर ऐसे मौके को हाथ से गंवाया नहीं जा सकता था इसलिए मैंने आँखें बंद होने का नाटक करते हुए पैंटी उनकी जांघों पर ऊपर कर रहा था.
पर वो उनकी गांड के वजह से ऊपर नहीं सरक रही थी.
आखिर उनकी गांड थी भी बड़ी ना … उनका फिगर 36C-30-38 था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.