25-05-2022, 03:13 PM
मेरे मम्मों से खेलते खेलते उसका लंड भी उसकी जीन्स में टाईट हो गया। उसकी जीन्स के उभार से दिख रहा था। खुद टॉपलेस होने के बाद मैंने उसकी टी शर्ट भी उतार दी।
सीने पर भरे हुये बाल … देखने में तो पतला सा था, मगर बॉडी थी मसकुलर उसकी।
एक बार फिर मैं उसके सीने से लिपट गई। क्योंकि मेरे पति के सीने पर एक भी बाल नहीं है और मुझे शुरू से ही बालों से भरी छाती वाले मर्द पसंद है। मैं आज महसूस करना चाहती थी कि किसी मर्द के सीने से लग कर कैसा लगता है।
मुझे सीने से लगा कर उसने अपने हाथ मेरी पीठ से नीचे ले जा कर पीछे से मेरी कैप्री में घुसा दिये और मेरे दोनों चूतड़ अपने हाथों में पकड़ लिए। मैंने भी उसके सीने से लगे लगे ही उसकी बेल्ट खोली और उसकी जीन्स की हुक ज़िप सब खोल दी।
फिर हम अलग हुये और बिना कहे दोनों ने अपनी अपनी कैप्री और जीन्स और चड्डियाँ भी उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा। मगर मैंने सिर्फ उसका लंड देखा; करीब 7 इंच का लंबा लंड … बेशक थोड़ा पतला था मेरे पति के लंड से, मगर लंबा, कड़क और पूरा ऊपर को उठा हुआ।
उसका लंड देख कर मैंने सोचा कि आज अगर ये मुझे संतुष्ट कर दे तो मैं सारी उम्र इसकी गुलाम बनके रहूँ।
अपने लंड को घूरते देख, उसने मुझे अपने पास किया और मुझे नीचे बैठा दिया। मैंने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ा।
वो बोला- चूस इसे मेरी जान।
अब लंड चूसना तो मुझे वैसे ही बहुत पसंद है। मैंने उसके लंड की चमड़ी पीछे हटा कर उसका टोपा बाहर निकाला और पहले उसके लंड का टोपा चूमा, उसके टोपे पर सुराख को अपनी जीभ की नोक से चाटा। मुँह में लंड का चिर परिचित स्वाद आया; नाक में लंड की गंध आई, मुझे मदहोश कर गई, मेरी आँखें खुद ब खुद ही बंद हो गई और मैंने अपना मुँह खोला और उसके लंड का टोपा अपने मुँह में ले लिया।
फिर जब पूरा टोपा मुँह में आ गया तो मैंने अपनी जीभ उसके चारों तरफ घुमाई। लवली, टेस्टी, मज़ेदार लंड। बेशक दुनिया में और भी बहुत सी स्वादी चीज़ें हैं, मगर एक कामुक स्त्री के लिए लंड से स्वादी और कुछ नहीं होता। मैं जितना लंड उसका अपने मुँह में ले सकती थी, मैंने लिया और चूसा।
वो भी अपनी कमर हिला रहा था और अपना लंड मेरे मुँह के अंदर बाहर कर रहा था। मैं अपने दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़े बैठी थी और उसका लंड चूस रही थी।
फिर उसने मुझे उठाया और उठा कर मुझे सोफ़े पर ही लेटा दिया; मेरी दोनों टांगें खोली और मेरी फुद्दी को खा जाने की तरह से अपने मुँह में भर लिया। मेरी फुद्दी तो पहले ही पानी छोड़ छोड़ कर गीली हुई पड़ी थी।
जब उसने जीभ मेरी फुद्दी में डाली मैं तो उचक गई- अरे धीरे से यार!
मैंने कहा।
वो बोला- क्यों क्या हुआ?
मैंने कहा- बहुत मज़ा आया, जब तुमने अंदर जीभ लगाई। मैं इतना मज़ा बर्दाश्त नहीं कर पाई।
मगर उसने फिर से अपनी जीभ मेरी फुद्दी में डाली और अंदर तक चाट गया। मेरी फुद्दी, भग्नासा, गांड सब चाटी उसने। मेरे मम्मे दबाये, निपल मसले, मुझे पूरा तड़पाया। शायद मैं पहली बार अपने बॉयफ्रेंड से चुदवा रही थी, या पता नहीं क्या, मगर उसके 2-3 फुद्दी चाटने से ही मैं झड़ गई।
मैं बहुत तड़पी मगर उसने मुझे बड़े काबू में रखा।
जब मैंने उसे हटाया तब भी मेरा बदन काँप रहा था, मेरे हाथ पाँव सब काँप रहे थे। मुझे संयत होने में कुछ वक़्त लगा।
मैं जब संभली तो उसने पूछा- आरची, तुम ठीक हो?
मैंने कहा- हाँ, मैं ठीक हूँ।
वो बोला- तो आगे शुरू करें?
मैंने हाँ में सर हिला कर उसे मंजूरी दी।
तो वो मुझे उठा कर बेडरूम में ले गया। जैसे मैं शादी के वक्त अपनी पति के पीछे चल रही थी, ठीक वैसी ही फीलिंग मुझे आ रही थी। आज ये लड़का मेरा पति था, वो जो चाहे मेरे साथ कर सकता था।
मुझे उसने बेड पर लेटाया सीधा … फिर मेरी टाँगें खोली, मेरी फुद्दी को चूमा और अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर मेरी फुद्दी पर रखा। मुझे महसूस हुआ जैसे कोई गर्म चीज़ मेरे बदन में घुसी हो, सख्त मगर फिर भी कोमलता से।
मैंने अपने दोनों हाथ उसके कंधों पर रखे और अपनी दोनों टाँगें ऊपर को उठा ली, उसने दो चार बार अपना लंड आगे पीछे किया और उसका पूरा लंड मेरी फुद्दी में अंदर तक जा घुसा।
आज मैंने अपनी पति से बेवफ़ाई कर दी; मेरा शादीशुदा जीवन कलंकित हो गया। एक लड़की जिसकी शादी को अभी दो साल ही हुये थे, आज किसी गैर मर्द के नीचे लेटी थी।
मगर इस बात का मुझे कोई अफसोस नहीं था। मैंने उसको अपनी तरफ खींचा, वो मेरे ऊपर लेट गया। मैंने अपनी टाँगें उसकी कमर के गिर्द लिपटा दी, बांहों से उसको अपने साथ कस लिया। इस बार फिर हमारे होंठ मिले, जीभें भी मिली। उसने मेरे सारे चेहरे को चाट कर मेरा सारा मेक अप खा लिया। मैंने भी उसके चेहरे को हर जगह चूमा।
सीने पर भरे हुये बाल … देखने में तो पतला सा था, मगर बॉडी थी मसकुलर उसकी।
एक बार फिर मैं उसके सीने से लिपट गई। क्योंकि मेरे पति के सीने पर एक भी बाल नहीं है और मुझे शुरू से ही बालों से भरी छाती वाले मर्द पसंद है। मैं आज महसूस करना चाहती थी कि किसी मर्द के सीने से लग कर कैसा लगता है।
मुझे सीने से लगा कर उसने अपने हाथ मेरी पीठ से नीचे ले जा कर पीछे से मेरी कैप्री में घुसा दिये और मेरे दोनों चूतड़ अपने हाथों में पकड़ लिए। मैंने भी उसके सीने से लगे लगे ही उसकी बेल्ट खोली और उसकी जीन्स की हुक ज़िप सब खोल दी।
फिर हम अलग हुये और बिना कहे दोनों ने अपनी अपनी कैप्री और जीन्स और चड्डियाँ भी उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा। मगर मैंने सिर्फ उसका लंड देखा; करीब 7 इंच का लंबा लंड … बेशक थोड़ा पतला था मेरे पति के लंड से, मगर लंबा, कड़क और पूरा ऊपर को उठा हुआ।
उसका लंड देख कर मैंने सोचा कि आज अगर ये मुझे संतुष्ट कर दे तो मैं सारी उम्र इसकी गुलाम बनके रहूँ।
अपने लंड को घूरते देख, उसने मुझे अपने पास किया और मुझे नीचे बैठा दिया। मैंने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ा।
वो बोला- चूस इसे मेरी जान।
अब लंड चूसना तो मुझे वैसे ही बहुत पसंद है। मैंने उसके लंड की चमड़ी पीछे हटा कर उसका टोपा बाहर निकाला और पहले उसके लंड का टोपा चूमा, उसके टोपे पर सुराख को अपनी जीभ की नोक से चाटा। मुँह में लंड का चिर परिचित स्वाद आया; नाक में लंड की गंध आई, मुझे मदहोश कर गई, मेरी आँखें खुद ब खुद ही बंद हो गई और मैंने अपना मुँह खोला और उसके लंड का टोपा अपने मुँह में ले लिया।
फिर जब पूरा टोपा मुँह में आ गया तो मैंने अपनी जीभ उसके चारों तरफ घुमाई। लवली, टेस्टी, मज़ेदार लंड। बेशक दुनिया में और भी बहुत सी स्वादी चीज़ें हैं, मगर एक कामुक स्त्री के लिए लंड से स्वादी और कुछ नहीं होता। मैं जितना लंड उसका अपने मुँह में ले सकती थी, मैंने लिया और चूसा।
वो भी अपनी कमर हिला रहा था और अपना लंड मेरे मुँह के अंदर बाहर कर रहा था। मैं अपने दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़े बैठी थी और उसका लंड चूस रही थी।
फिर उसने मुझे उठाया और उठा कर मुझे सोफ़े पर ही लेटा दिया; मेरी दोनों टांगें खोली और मेरी फुद्दी को खा जाने की तरह से अपने मुँह में भर लिया। मेरी फुद्दी तो पहले ही पानी छोड़ छोड़ कर गीली हुई पड़ी थी।
जब उसने जीभ मेरी फुद्दी में डाली मैं तो उचक गई- अरे धीरे से यार!
मैंने कहा।
वो बोला- क्यों क्या हुआ?
मैंने कहा- बहुत मज़ा आया, जब तुमने अंदर जीभ लगाई। मैं इतना मज़ा बर्दाश्त नहीं कर पाई।
मगर उसने फिर से अपनी जीभ मेरी फुद्दी में डाली और अंदर तक चाट गया। मेरी फुद्दी, भग्नासा, गांड सब चाटी उसने। मेरे मम्मे दबाये, निपल मसले, मुझे पूरा तड़पाया। शायद मैं पहली बार अपने बॉयफ्रेंड से चुदवा रही थी, या पता नहीं क्या, मगर उसके 2-3 फुद्दी चाटने से ही मैं झड़ गई।
मैं बहुत तड़पी मगर उसने मुझे बड़े काबू में रखा।
जब मैंने उसे हटाया तब भी मेरा बदन काँप रहा था, मेरे हाथ पाँव सब काँप रहे थे। मुझे संयत होने में कुछ वक़्त लगा।
मैं जब संभली तो उसने पूछा- आरची, तुम ठीक हो?
मैंने कहा- हाँ, मैं ठीक हूँ।
वो बोला- तो आगे शुरू करें?
मैंने हाँ में सर हिला कर उसे मंजूरी दी।
तो वो मुझे उठा कर बेडरूम में ले गया। जैसे मैं शादी के वक्त अपनी पति के पीछे चल रही थी, ठीक वैसी ही फीलिंग मुझे आ रही थी। आज ये लड़का मेरा पति था, वो जो चाहे मेरे साथ कर सकता था।
मुझे उसने बेड पर लेटाया सीधा … फिर मेरी टाँगें खोली, मेरी फुद्दी को चूमा और अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर मेरी फुद्दी पर रखा। मुझे महसूस हुआ जैसे कोई गर्म चीज़ मेरे बदन में घुसी हो, सख्त मगर फिर भी कोमलता से।
मैंने अपने दोनों हाथ उसके कंधों पर रखे और अपनी दोनों टाँगें ऊपर को उठा ली, उसने दो चार बार अपना लंड आगे पीछे किया और उसका पूरा लंड मेरी फुद्दी में अंदर तक जा घुसा।
आज मैंने अपनी पति से बेवफ़ाई कर दी; मेरा शादीशुदा जीवन कलंकित हो गया। एक लड़की जिसकी शादी को अभी दो साल ही हुये थे, आज किसी गैर मर्द के नीचे लेटी थी।
मगर इस बात का मुझे कोई अफसोस नहीं था। मैंने उसको अपनी तरफ खींचा, वो मेरे ऊपर लेट गया। मैंने अपनी टाँगें उसकी कमर के गिर्द लिपटा दी, बांहों से उसको अपने साथ कस लिया। इस बार फिर हमारे होंठ मिले, जीभें भी मिली। उसने मेरे सारे चेहरे को चाट कर मेरा सारा मेक अप खा लिया। मैंने भी उसके चेहरे को हर जगह चूमा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
