25-05-2022, 03:11 PM
पति ने दरवाजा बंद कर दिया और वे बाथरूम की तरफ जाने लगे. कुछ देर बाद वह वापस बाहर निकले. मैं अपने बेड पर बैठी हुई थी. शर्म के कारण मैंने अपने मुंह को दूसरी तरफ घुमा लिया था. मैं सब कुछ धीरे-धीरे करना चाहती थी. मैंने बेड में लगे शीशे में देखा कि मेरे पति पीछे खड़े होकर अपने कपड़े उतार रहे हैं. पहले उन्होंने अपने कुर्ते को उतार और फिर अपना पजामा भी निकाल दिया. उसके बाद उन्होंने बनियान निकाल दिया. मुझे नीचे का भाग दिखाई नहीं दे रहा था.
मैंने ज्यादा देखने की कोशिश भी नहीं की. मेरे दिल की धड़कन तो वैसे ही काफी बढ़ गई थी. इससे पहले मैंने किसी मर्द को इस तरह अकेले में बिना कपड़ों के नहीं देखा था. मैंने अपनी नजरों को नीचे बेड पर झुका लिया और अपनी गर्दन को नीचे करके बैठी रही.
फिर मेरे पति मेरी बगल से चलते हुए आए और बेड पर रखा हुआ दूध का गिलास उठा लिया. उन्होंने 2 मिनट में ही गिलास खाली कर दिया. फिर उन्होंने दूध का दूसरा गिलास उठाया और मेरी तरफ बढ़ा दिया.
मैं अभी भी शरमा रही थी. मैंने धीरे से दूध का गिलास अपने हाथ में पकड़ लिया. मैं शरमाते हुए दूध के गिलास को होंठों से लगाकर दूध पीने लगी. मेरे पति मेरे सामने आकर बेड पर बैठ गए. जब मेरी नजर उन पर पड़ी तो मैंने देखा कि उन्होंने केवल एक अंडरवियर पहना हुआ था.
उनकी जांघें काफी गोरी थीं. काफी पतली भी थीं. जैसा कि मैंने पहले भी बताया कि शादी के समय पर मेरे पति शरीर के काफी दुबले-पतले व्यक्ति थे. इस वक्त तो उनकी तोंद निकल चुकी है. मगर उस वक्त वह काफी पतले और जवान लड़के थे.
फिर मैंने दूध को पीकर खत्म किया और खाली गिलास को उनकी तरफ बढ़ा दिया. उन्होंने मेरे हाथ से गिलास को लिया और मेरी बगल में आकर लेट गये.
मैं अभी भी बैठी हुई थी. मैं सोच रही थी कि मेरे पति कुछ प्यार भरी बातें करेंगे.
मैं उनकी तरफ से पहल करने का इंतजार कर रही थी. मैंने देखा कि उनके अंडरवियर में एक उभार सा था. यह देखकर मेरा दिल धड़क रहा था. मैंने पहली बार किसी मर्द को इस तरह केवल कच्छी में ही देखा था.
फिर उन्होंने मुझसे चादर उतारने के लिए कहा. मैंने अपने शरीर पर ओढ़ी हुई चादर को उतार दिया. अब मेरी पारदर्शी नाइटी में से मेरी ब्रा और पैंटी साफ दिखाई देने लगी थी.
यह देखकर मेरे पति ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और अपने साथ बेड पर लेटा लिया. जिस पल का मुझे इंतजार था वह आ गया था. पहली बार मैं किसी लड़के के साथ सेक्स मजा लेने वाली थी.
मगर उन्होंने मेरी नाइटी को उतार दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को दबाने लगे. 2 मिनट तक दबाने के बाद उन्होंने मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर हाथ फेरा और फिर मेरी पेंटी को उतार दिया. फिर मेरे पति ने मुझे उठाकर मेरी ब्रा को खोल दिया और मेरी चूची नंगी हो गई.
उन्होंने कुछ पलों के लिए मेरी चूचियों को अपने मुंह में लेकर चूसा जिससे मैं गर्म होने लगी थी. मगर जल्दी ही उन्होंने मेरी चूचियों को छोड़कर मेरी पैंटी को मेरी जांघों से भी उतार दिया. अब मैं पूरी नंगी हो गई थी. उसके बाद मेरे पति ने मेरी चूत में उंगली डाली और एक-दो बार अंदर बाहर की. मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं. लेकिन तुरंत ही उन्होंने अपनी उंगली को वापस से बाहर निकाल लिया. मैंने आंख खोलकर देखा तो वह अपने अंडरवियर को उतार रहे थे. जब उन्होंने अपने अंडरवियर को अपनी जांघों से नीचे किया तो मैं हैरान रह गई.
मैंने देखा कि उनका लंड केवल 4 इंच के करीब ही था साइज में. फिर उन्होंने जल्दी से मेरी टांगों को चौड़ी कर दिया और फिर अपने छोटे से लंड को मेरी चूत के मुंह पर रखकर मेरे ऊपर लेट गए. उन्होंने एक दो बार मेरे होंठों को चूसा और फिर नीचे आकर मेरे चूचों को दबाते हुए मेरी चूत में लंड को घुसाने की कोशिश करने लगे. लंड पूरी तरह से अंदर भी नहीं गया था.
फिर उन्होंने मेरी चूत में अपने लंड को आगे-पीछे करना शूरू कर दिया. 8-10 धक्के लगाने के बाद ही मेरे पति ने मेरी चूत में अपना वीर्य झाड़ दिया. जब उन्होंने लंड को बाहर निकाला तो कुछ वीर्य मेरे पेट पर भी लग गया.
अपने वीर्य को झाड़कर वो एक तरफ गिर गए. मैं अभी यही सोच रही थी कि वो शायद दोबारा प्रयास करेंगे लेकिन मेरा इंतजार तो इंतजार ही रह गया. कुछ पल के बाद उन्होंने साथ में पड़े अपने अंडरवियर को वापस पहन लिया.
मैं हैरान थी.
उन्होंने अपना अंडरवियर पहना और करवट बदल कर लेट गए.
मैंने शादी की पहली रात के लिए जो सपने देखे थे वह सब धरे के धरे रह गए. मेरे पति फिसड्डी निकले. मैं तो बहुत से सुनहरे ख्वाब सजाकर बैठी थी. देखने में राहुल काफी अच्छे थे. मगर शरीर के कमजोर थे. मैंने सोचा कि शादी की पहली रात के कारण उत्तेजना में यह सब इतनी जल्दी हो गया होगा.
क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मर्दों का कितनी देर में होता है लेकिन इतना जरूर पता था कि इतनी जल्दी तो नहीं होता है. फिर सोचा कि वह कुछ देर बाद शायद दोबारा मुझ पर चढ़ाई करेंगे. मैंने तो अभी कुछ किया ही नहीं था.
मैं तो शर्म के मारे उनके बदन को छू भी नहीं पाई थी. मैं गर्म हो रही थी लेकिन उससे पहले ही मेरे पति ठंडे पड़ गए. फिर भी मैंने धीरज रखा और उम्मीद लगाए रही. मगर बहुत इंतजार करने के बाद भी जब उन्होंने पलट कर नहीं देखा तो मुझे यकीन हो गया कि पहली रात के मेरे अरमान अब अधूरे ही रह जाएंगे.
मेरी चूत में आग लगी की लगी ही रह गई. मैं तो अभी अच्छी तरह से गर्म भी नहीं हो पाई थी और उनका खेल खत्म हो चुका था. उसके बाद मैंने भी अपनी ब्रा और पैन्टी को पहना और फिर नाइटी को पहन लिया. मैंने चद्दर ओढ़ ली और करवट बदल ली. मेरा मूड काफी खराब हो गया था.
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी सुहागरात इतनी नीरस रह जाएगी. मैं तो प्यासी की प्यासी ही रह गई. कुछ देर तक मैं यूं ही सोचती रही कि ये सब क्या हो रहा है. मैं शरीर से थकी हुई थी और दिमाग में टेंशन हो रही थी. फिर लगभग घंटे भर के बाद मुझे भी नींद आ गई.
मैंने ज्यादा देखने की कोशिश भी नहीं की. मेरे दिल की धड़कन तो वैसे ही काफी बढ़ गई थी. इससे पहले मैंने किसी मर्द को इस तरह अकेले में बिना कपड़ों के नहीं देखा था. मैंने अपनी नजरों को नीचे बेड पर झुका लिया और अपनी गर्दन को नीचे करके बैठी रही.
फिर मेरे पति मेरी बगल से चलते हुए आए और बेड पर रखा हुआ दूध का गिलास उठा लिया. उन्होंने 2 मिनट में ही गिलास खाली कर दिया. फिर उन्होंने दूध का दूसरा गिलास उठाया और मेरी तरफ बढ़ा दिया.
मैं अभी भी शरमा रही थी. मैंने धीरे से दूध का गिलास अपने हाथ में पकड़ लिया. मैं शरमाते हुए दूध के गिलास को होंठों से लगाकर दूध पीने लगी. मेरे पति मेरे सामने आकर बेड पर बैठ गए. जब मेरी नजर उन पर पड़ी तो मैंने देखा कि उन्होंने केवल एक अंडरवियर पहना हुआ था.
उनकी जांघें काफी गोरी थीं. काफी पतली भी थीं. जैसा कि मैंने पहले भी बताया कि शादी के समय पर मेरे पति शरीर के काफी दुबले-पतले व्यक्ति थे. इस वक्त तो उनकी तोंद निकल चुकी है. मगर उस वक्त वह काफी पतले और जवान लड़के थे.
फिर मैंने दूध को पीकर खत्म किया और खाली गिलास को उनकी तरफ बढ़ा दिया. उन्होंने मेरे हाथ से गिलास को लिया और मेरी बगल में आकर लेट गये.
मैं अभी भी बैठी हुई थी. मैं सोच रही थी कि मेरे पति कुछ प्यार भरी बातें करेंगे.
मैं उनकी तरफ से पहल करने का इंतजार कर रही थी. मैंने देखा कि उनके अंडरवियर में एक उभार सा था. यह देखकर मेरा दिल धड़क रहा था. मैंने पहली बार किसी मर्द को इस तरह केवल कच्छी में ही देखा था.
फिर उन्होंने मुझसे चादर उतारने के लिए कहा. मैंने अपने शरीर पर ओढ़ी हुई चादर को उतार दिया. अब मेरी पारदर्शी नाइटी में से मेरी ब्रा और पैंटी साफ दिखाई देने लगी थी.
यह देखकर मेरे पति ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और अपने साथ बेड पर लेटा लिया. जिस पल का मुझे इंतजार था वह आ गया था. पहली बार मैं किसी लड़के के साथ सेक्स मजा लेने वाली थी.
मगर उन्होंने मेरी नाइटी को उतार दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को दबाने लगे. 2 मिनट तक दबाने के बाद उन्होंने मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर हाथ फेरा और फिर मेरी पेंटी को उतार दिया. फिर मेरे पति ने मुझे उठाकर मेरी ब्रा को खोल दिया और मेरी चूची नंगी हो गई.
उन्होंने कुछ पलों के लिए मेरी चूचियों को अपने मुंह में लेकर चूसा जिससे मैं गर्म होने लगी थी. मगर जल्दी ही उन्होंने मेरी चूचियों को छोड़कर मेरी पैंटी को मेरी जांघों से भी उतार दिया. अब मैं पूरी नंगी हो गई थी. उसके बाद मेरे पति ने मेरी चूत में उंगली डाली और एक-दो बार अंदर बाहर की. मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं. लेकिन तुरंत ही उन्होंने अपनी उंगली को वापस से बाहर निकाल लिया. मैंने आंख खोलकर देखा तो वह अपने अंडरवियर को उतार रहे थे. जब उन्होंने अपने अंडरवियर को अपनी जांघों से नीचे किया तो मैं हैरान रह गई.
मैंने देखा कि उनका लंड केवल 4 इंच के करीब ही था साइज में. फिर उन्होंने जल्दी से मेरी टांगों को चौड़ी कर दिया और फिर अपने छोटे से लंड को मेरी चूत के मुंह पर रखकर मेरे ऊपर लेट गए. उन्होंने एक दो बार मेरे होंठों को चूसा और फिर नीचे आकर मेरे चूचों को दबाते हुए मेरी चूत में लंड को घुसाने की कोशिश करने लगे. लंड पूरी तरह से अंदर भी नहीं गया था.
फिर उन्होंने मेरी चूत में अपने लंड को आगे-पीछे करना शूरू कर दिया. 8-10 धक्के लगाने के बाद ही मेरे पति ने मेरी चूत में अपना वीर्य झाड़ दिया. जब उन्होंने लंड को बाहर निकाला तो कुछ वीर्य मेरे पेट पर भी लग गया.
अपने वीर्य को झाड़कर वो एक तरफ गिर गए. मैं अभी यही सोच रही थी कि वो शायद दोबारा प्रयास करेंगे लेकिन मेरा इंतजार तो इंतजार ही रह गया. कुछ पल के बाद उन्होंने साथ में पड़े अपने अंडरवियर को वापस पहन लिया.
मैं हैरान थी.
उन्होंने अपना अंडरवियर पहना और करवट बदल कर लेट गए.
मैंने शादी की पहली रात के लिए जो सपने देखे थे वह सब धरे के धरे रह गए. मेरे पति फिसड्डी निकले. मैं तो बहुत से सुनहरे ख्वाब सजाकर बैठी थी. देखने में राहुल काफी अच्छे थे. मगर शरीर के कमजोर थे. मैंने सोचा कि शादी की पहली रात के कारण उत्तेजना में यह सब इतनी जल्दी हो गया होगा.
क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मर्दों का कितनी देर में होता है लेकिन इतना जरूर पता था कि इतनी जल्दी तो नहीं होता है. फिर सोचा कि वह कुछ देर बाद शायद दोबारा मुझ पर चढ़ाई करेंगे. मैंने तो अभी कुछ किया ही नहीं था.
मैं तो शर्म के मारे उनके बदन को छू भी नहीं पाई थी. मैं गर्म हो रही थी लेकिन उससे पहले ही मेरे पति ठंडे पड़ गए. फिर भी मैंने धीरज रखा और उम्मीद लगाए रही. मगर बहुत इंतजार करने के बाद भी जब उन्होंने पलट कर नहीं देखा तो मुझे यकीन हो गया कि पहली रात के मेरे अरमान अब अधूरे ही रह जाएंगे.
मेरी चूत में आग लगी की लगी ही रह गई. मैं तो अभी अच्छी तरह से गर्म भी नहीं हो पाई थी और उनका खेल खत्म हो चुका था. उसके बाद मैंने भी अपनी ब्रा और पैन्टी को पहना और फिर नाइटी को पहन लिया. मैंने चद्दर ओढ़ ली और करवट बदल ली. मेरा मूड काफी खराब हो गया था.
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी सुहागरात इतनी नीरस रह जाएगी. मैं तो प्यासी की प्यासी ही रह गई. कुछ देर तक मैं यूं ही सोचती रही कि ये सब क्या हो रहा है. मैं शरीर से थकी हुई थी और दिमाग में टेंशन हो रही थी. फिर लगभग घंटे भर के बाद मुझे भी नींद आ गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
