25-05-2022, 03:03 PM
जब उसको मजा आने लगा तो मैं लंड को नेहा की गांड में अन्दर-बाहर करने लगा। फिर तो ताबड़तोड़ जोरदार धक्कों के साथ मैं उसकी गांड लगातार मारता रहा।
नेहा भी अब मस्त हो चुकी थी, वो भी साथ देने लगी। कुछ देर गांड मारने के बाद मेरा निकलने वाला था.. तो मैंने नेहा से पूछा।
नेहा बोली- गांड में ही निकाल दो यार, जरा गर्म मलाई से राहत भी मिल जाएगी।
उसके कहने की देर थी कि मैं दो-तीन धक्के मार के तुरन्त ही उसकी गांड में झड़ गया।
फिर उसके पीछे से लंड निकाल कर हट कर उसको चूमा और शाम 5 बजे तक उसको दोनों तरफ से खूब बजाया।
शाम 5 बजे के बाद वो अपने घर चली गई।
नेहा भी अब मस्त हो चुकी थी, वो भी साथ देने लगी। कुछ देर गांड मारने के बाद मेरा निकलने वाला था.. तो मैंने नेहा से पूछा।
नेहा बोली- गांड में ही निकाल दो यार, जरा गर्म मलाई से राहत भी मिल जाएगी।
उसके कहने की देर थी कि मैं दो-तीन धक्के मार के तुरन्त ही उसकी गांड में झड़ गया।
फिर उसके पीछे से लंड निकाल कर हट कर उसको चूमा और शाम 5 बजे तक उसको दोनों तरफ से खूब बजाया।
शाम 5 बजे के बाद वो अपने घर चली गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
