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Thriller रश्मि का आरंभ- रश्मि मंडल
#7
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आज मेरा इंटरव्यू है वैसे मेरी तैयारी जोरदार है. मैंने अपने जिंदगी में जो सहा है और मुझे जो पता लगाना है उसके लिए किसी भी हालत में मुझे सलेक्ट होना है.

मैंने पीले रंग का एक फॉर्मल सलवार सूट पहना जिसका पैजामा सफ़ेद रंग का था. मेरे सीने की गोलाइयों का अंदाजा सूट के ऊपर से लगाया जा सकता था. मेरे बदन का एक-एक तराशा हुआ सुडौल अंग जोर का कहर ढा रहा था. पर मुझे कौन सा आज किसी पर जादू चलाना था, मुझे तो इंटरव्यू देना था. घर से निकलने से पहले मैंने खुद को आईने के सामने जा कर निहारा. अपने हाहाकारी बदन को देख कर मैं फुले नहीं समा रही थी. मैंने दुपट्टा हटाया और दोनों हाथों को अपने उभारों पर रखा, मुझे इन पर बहुत नाज है. थोड़ी देर तक अपने शरीर के एक-एक हिस्से, एक-इक कटाव को निहारने के बाद मैं मुस्कुराते हुए बाहर आई. कार की चाबी उठाई और आकर मैंने पोर्च से चार बाहर निकाली. सिगरेट का कश लेते हुए मैं कार ड्राइव करने लगी. 10 बजे मुझे आई.आई.ए. के ऑफिस पहुंचना था. मैं 9:55 में ऑफिस के पार्किंग में गाड़ी पार्क कर रही थी. आई.आई.ए. का ऑफिस मुझे देखने में काफी छोटा लगा मुझे लगा था बड़ी सी बिल्डिंग होगी, खैर मुझे क्या? मुझे तो जाना ही था. मैंने जगह को ध्यान से देखा और एंट्री गेट की तरफ बढ़ गयी. मुझे वहां पर कुछ और लड़कियां दिखाई दीं, उम्र में वो सभी मेरी तरह ही थीं और खूबसूरत भी. मैं समझ गयी सभी इंटरव्यू के लिए आई हैं.
अन्दर घुसते ही सामने दो आर्मी के जवान खड़े थे. मुझसे मेरा परिचय पत्र और एडमिट कार्ड मांगा. उसने मुझे एक नंबर लिखा हुआ कार्ड दिया, फिर उनमे से एक ने मुझे लिफ्ट की और जाने के लिए इशारा इशारा किया. लिफ्ट का बटन प्रेस करते ही उसका गेट खुला, अन्दर एक हथियार बंद आर्मी मेन था. बहार के दोनों के पास भी गन थी. मेरे अन्दर घुसते ही गेट बंद हुआ और आर्मी मेन ने बटन दबा दिया. बटन दबते ही मुझे समझ आया कि हेड ऑफिस बहार से इतना छोटा क्यों दिखता है, हम ऊपर जाने की बाजए नीचे जा रहे थे. सारे ही आर्मी मेन बहुत ही सतर्क और ट्रेंड दिख रहे थे. नीचे पहुँचने पर लिफ्ट का दरवाजा खुला. वह बड़ा सा हाल था, बिल्डिंग ऊपर से जितना बड़ा दिखता है, नीचे से उसके कई गुना बड़ा है. सामने कुछ जवानों ने मुझे एक तरफ बढ़ने के लिए इशारा किया. मैं हाल क्रॉस करके किनारे के एक दरवाजे में चली गयी. अन्दर सलीके से बहुत सारी कुर्सियां रखीं थी. और लगभग 30-40 मेरे ही उम्र की लड़कियां वहां बैठी थीं. सारे के सारे एक से बढ़कर एक खूबसूरत. मैं समझ गयी, मुकाबला तगड़ा होने वाला है. मैं आगे बढ़ी और अपने नंबर वाली सीट पर बैठ गयी, मेरे दायें तरफ वाली खूबसूरत लड़की ने मुझे देखा और मुस्कुराई, बदले में मैंने भी मुस्करा दिया. वह 28 की लग रही है. चुस्त जींस-टीशर्ट पहने वह क़यामत लग रही थी.

मैंने सामने देखा एक स्क्रीन पर कैंडिडेट का नंबर आता और वह उठ कर अन्दर की और चली जाती. एक इंटरव्यू लगभग आधे घंटे चलता फिर वह निकलकर एक और कमरे की और चली जाती जहाँ फिजिकल टेस्ट लिखा था. मैं आराम से थी, मेरा नंबर काफी बाद में था. ऑफिस अन्दर से किसी फाइव स्टार होटल की तरह खुबसूरत था. मैंने अपने दायें वाली लड़की को फिर से देखा. वह शायद उत्तर पूर्व की थी, उसकी बनावट को देखकर मुझे अहसास हुआ. कम ऊँचाई की वह गोल मुखड़ा और थोड़ा चपटा नाक वाली लड़की थी. एक चुस्त टी-शर्ट जिसमे उसका सम्पूर्ण गोलाई लिए स्तन बहार आने के लिए स्पष्ट बेताब दिखाई दे रहा था. और नीचे एक चुस्त जींस जो उसके नितम्भों की गोलाइयों की स्पष्ट रेखा बना रही थी. शायद उसे अहसास हुआ मैं उसे देख रही हूँ, उसने मेरी तरफ देख कर फिर एक कातिल मुस्कान दी. प्रत्युत्तर में मैंने फिर मुस्करा दिया. उसने इशारे से मुझे हाय किया, मैंने मुझे उसे हाय कहा. समय गुजर रहा था. लड़कियां एक के बाद एक इंटरव्यू के लिए जाती और फिर वापस आ जाती. कुछ उदास और कुछ खुश और कॉंफिडेंट. कुछ समय बाद स्क्रीन पर मेरा नंबर आया. मैं अपनी जगह से उठी, मेरे दायें तरफ वाली लड़की ने मुझे इशारे से आल थे बेस्ट कहा, मैंने सर हिला कर उसे धन्यवाद कहा और उठ कर आगे बढ़ गयी.
दरवाजे के पास जाकर उसे खोल कर मैंने अन्दर आने की इजाजत मांगी. अन्दर बैठे एक वृद्ध इंटरव्यूवर ने मुझे कहा, आइये बैठिये. अन्दर सात लोग बैठे थे, जिसमें से 3 महिलाएं और 4 पुरुष थे. मैं आश्चर्यचकित थी, महिलाओं में एक भारतीय नहीं जबकि ब्रिटिश लग रही थी. उनकी उम्र 40-42 की रही होगी. उनको देखते ही मेरा सारा गुरूर जाता रहा. मैं खुद को बहुत स्ट्रोंग और मजबूत लड़की समझती थी और मेरा शरीर भी वैसा ही है. मेरे 5 फुट 10 इंच की ऊँचाई और भरा-भरा, गयम में भरपूर मेहनत से बनाया हुआ शरीर कई लड़कों पर भी भारी है. पर वो ब्रिटिश मैम की तो बात ही अलग थी. वो बैठी थीं, पर उनको देखकर समझा जा सकता था की उनकी ऊँचाई 6 फुट से ज्यादा थी. वह ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर के ड्रेस में थी. एक चुस्त शर्ट और पेंट, उनका वक्ष अवश्य ही मुझसे भी बड़ा और उस उम्र में भी कठोर और गोलाईयां लिए हुए थीं. मैं उन्हें तरबूज के आकर का बोलूं तो कुछ गलत नहीं होगा. मैंने उन्हें बहुत ही कम समय के लिए पर गौर से देखा, उनके भुजाओं में उनके बाइसेप्स के कटाव स्पष्ट दिखाई दे रहे थे. उन्हें देख कर समझा जा सकता ता की वो जिम जाने और कसरत करने की अभ्यस्त थी. उनके शरीर का एक-एक अंग पुष्ट और कठोर था. उन्हें देख कर मेरे अन्दर एक अजीब से रोमांच की लहर दौड़ गयी. तभी एक 34-35 साल के आकर्षक, हैण्डसम शर्ट और पेंट पहने मूंछों वाले व्यक्ति ने मुझसे कहा. अगर आप जूलिया मैम को यहाँ देख कर आश्चर्यचकित हैं तो मैं आपको बता दूँ "सलेक्सन के बाद आपका पहला ऑपरेशन सी.आई.ए. के साथ एक जॉइंट मिशन पर होगा, उसके लिए आपको देश के बाहर भी जाना पड़ सकता है. क्या आप उसके लिए तैयार हैं?"
मैंने उनकी ओर देखा और कहा "यस सर, पूरी तरह से". वेरी गुड उन्होंने कहा.

इंटरव्यूवर में बाकि दो वृद्ध ओल्ड एजेंट लग रहे थे, जिनमें से एक शायद आई.आई.ए. के चीफ थे. एक और व्यक्ति अवश्य ही उत्तर-पूर्व का था. कम ऊंचाई पर चुस्त और चौकन्ना. महिलाओं में एक वृद्ध और अनुभवी थी और एक और जवान सी लड़की थी. जवान लड़की काफी तेज तर्रार एजेंट लग रही थी और एक और थीं जूलिया मैंम. प्रश्नों का सिलसिला आरम्भ हुआ. मुझसे मेरे विषय से लेकर मेरे सामान्य ज्ञान और अन्य अनेक सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विषयों पर प्रश्न पूछे गये. मैंने सबका उत्तर आत्मविश्वास से दिया. इंटरव्यू लगभग आधे घंटे चला. जूलिया मैम को छोड़कर लगभग सभी ने मुझसे प्रश्न पूछा. अंत में वृद्ध व्यक्ति में से एक ने मुझसे कहा, "मेरा नाम आर.के.सिंह है और मैं आई.आई.ए. का चीफ हूँ". मेरा अंदाजा सही था, वो 60-62 के व्यक्ति आई.आई.ए. के चीफ ही थे. उन्होंने फिर कहा, "आपका पर्सनल इंटरव्यू हमने ले लिया है, आपका परफोर्मेंस हम जाचेंगे. अब आपको अपने फिजिकल राउंड के लिए जाना होगा. वैसे मैं उसके लिए आश्वस्त हूँ फिर भी यह निर्णय जूलिया मैडम को लेना है कि आपको फिजिकल राउंड के लिए भेजा जाये या नहीं". ऐसा कहते ही उन्होंने जूलिया मैम की ओर देखा.
मैंने भी अपनी नजरें जूलिया मैम की तरफ की. वह अपनी गंभीर और पैनी निगाहों से मेरे पूरे बदन के एक-एक अंग को देख रही थीं. उनकी तीक्ष्ण नजरों ने मेरे शरीर को ऊपर से निचे तक पूरी तरह भेद लिया. उनकी नजरों को देखकर लग रहा था जैसे वह मेरे शरीर को कपड़ों से अन्दर से भांप रही थी. शायद यही उनका काम था, लड़कियों के फिजिकल फिटनेस को देखना फिर निर्णय लेना की उन्हें आगे के राउंड में भेजना है या नहीं. उनकी नजरें काफी देख तक मेरे वक्षों पर टिकी थी, मेरा दुपट्टा ऊपर गले में चिपका हुआ था. मुझे लगा जैसे वह कुर्ते के ऊपर से मेरे निप्पल्स को तलाशने का प्रयास कर रही हैं. मुझे थोड़ा अटपटा लगा और रोमांचित भी. फिर उन्होंने अचानक से कहा "पीछे घूम जाओ". सुनते ही मैं 180 अंश में पीछे घूम गयी. 1 मिनट बाद उन्होंने कहा. "सब ठीक है, घूम जाओ". मैं फिर से उनकी तरफ मुंह करके कड़ी हो गयी. उन्होंने मुझसे पूछा "तुमने अपने शरीर पर कहीं टैटू तो नहीं बनवा कर रखा है?" मैंने तुरंत कहा नहीं मैम. उन्होंने कहा "वह तो हमारे जाँच का विषय है, वह हम कर ही लेंगे. ठीक है अभी तुम जाओ अगले राउंड के लिए". थैक्यू मैम कहकर मैं बाहर निकली.

मैंने बाहर निकलते हुए देखा वह उत्तर-पूर्व वाली लड़की जो बाहर मेरे दायें ओर बैठी थी वह अब इंटरव्यू के लिए अन्दर जा रही थी. वह अंतिम कैंडीडेट थी. मैंने अपने थम्ब ऊपर करके उसे आल द बेस्ट कहा. उसने मुस्कुराते हुए मुझे धीरे से थैंक्स कहा. उसकी आवाज काफी पतली थी. मैं वहां से बाहर निकल कर फिजिकल राउंड की ओर आगे बढ़ गयी. वहां पहुँचने पर एक जवान लड़की एजेंट ने मुझे कहा आप अपना ड्रेस चेंज कर ये बाजू वाले कमरे में जाकर लोअर टी-शर्ट पहन लें. मैंने वैसा ही किया. बाहर आने पर कुछ यंग एजेंट्स ने मेरे शरीर का वजन, उचांई, मोटाई आदि नापना शुरू किया. यह लड़कियां अभी-अभी रिक्रूट हुई एजेंट लग रही थीं. लगभग आधे घंटे के कुछ कठिन फिजिकल टेस्ट के बाद मैं वापस वहीँ पर जहाँ मैं सबसे पहले आई थी, खड़े होकर अपने अगले निर्देश का इन्तजार कर रही थी. तभी मुझे सामने से जूलिया मैम आते हुए दिखाई दी. 40-42 की जूलिया मैम, ब्रिटिश आर्मी का ड्रेस पहने, क़यामत की तरह, साक्षात देवी की तरह दिखाई दे रही थी. उनके बैठे होने के बाद भी मैंने जो अंदाजा लगाया था वह बिलकुल सही था, वह लगभग साढ़े 6 फुट की महिला थी. चुस्त आर्मी ड्रेस के ऊपर से दो बड़े तरबूज जैसे कठोर और बड़े वक्ष मुझे अपनी ओर आते उए दिखाई दिए. दोनों वक्षों के बीच उनके शर्ट का बटन लाचार और परेशान सा प्रतीत हो रहा था. उनका बड़ा और सुडौल कमर, मोटी और स्पष्ट किसी बॉडी-बिल्डर की तरह कटाव लिए जांघें. सामने से भी मैं उनके टाईट और तराशे हुए गोल और बड़े नितम्भों का अंदाजा लगा पा रही थी. उन्होंने अत्यंत गंभीर नजरों से मुझे देखा फिर वहां खड़े एक जवान एजेंट की ओर देख कर कहा. "कामिनी क्या इस लड़की के शरीर पर टैटू ना होने की पुष्टि हो चुकी है?" वह ब्रिटिश टोन में ही पर बहुत ही स्पष्ट हिंदी बोलती थी. कामिनी ने थोड़ा सा घबराते हुए कहा, "नहीं मैम अब तक नहीं, नेक्स्ट मैं इसे उसके लिए भेजने वाली थी". "अच्छा" जूलिया मैम ने कहा. "अभी कौन सी एजेंट इस काम के लिए अधिकृत है?" जूलिया मैम ने फिर पूछा. "जी एजेंट पूजा" कामिनी ने कहा. "ओके" जूलिया मैम ने मुझे अपने पीछे आने के लिए इशारा करते हुए कहा. और वह एक जाने लगी. मैं उनके पीछे चलने लगी. पीछे से मैंने उनके टाईट पेंट में से उभरते भरी भरकम नितम्भों को देखा. जूलिया मैम का शरीर कमाल का था. इतना भरी भरकम और कसा हुआ बदन, वह साक्षात अमेज़न के देवी जैसी प्रतीत होती थीं. मेरी नजरें उनकी भरी नितम्भों से नही हट रही थी. उनके शरीर में एक-एक कटाव स्पष्ट नुमाया था. बाइसेप्स ऐसा जैसे किसी पुरुष का भी ना हो. वह किसी को अपने हाथों में पकड़ कर मसल दे तो सामने वाले का कचूमर ही निकल जाये. वह परफेक्ट मैच्योर औरत थीं. उनकी बदन उनकी उम्र के हिसाब से बहुत ही ज्यादा मेन्टेन किया हुआ था. उनका हिलता हुआ नितम्भ वहां कम्पन पैदा करता हुआ प्रतीत हो रहा था. मैंने देखा अब वह अपना आई-कार्ड पहने हुई थीं, जिसमें उनका पूरा नाम जूलिया एन और उसके नीचे सीआईए लिखा हुआ था. मैं उनके कम्पन करते नितम्भों को ही लगातार देखते हुए उस कमरे तक पहुँच गयी जहाँ एजेंट पूजा बॉडी एक्सामिन कर रही थी. एजेंट पूजा कोई 34-35 साल की पतले शरीर की एजेंट थी. अन्दर पहुँचते ही उसने जूलिया मैम को सैलूट किया.
"लास्ट दो ही बचे हैं अब?"जूलिया मैम ने वहां पहुँचते ही एजेंट पूजा से पूछा. "एस मैम" एजेंट पूजा ने कहा. "ठीक है तुम सलेक्सन लिस्ट ले जाकर कमिटी को दे दो, इन दोनों को मैं खुद जाँच कर वहां पहुँचती हूँ थोड़ी देर से" उन्होंने कहा. "यस मैम" कहते हुए वहां रखे कुछ फॉर्म्स उठाते हुए एजेंट पूजा वहां से बाहर चली गयी.
अब जूलिया मैम की नजरें फिर से मेरे शरीर के अंगों को ताड़ रही थी. मुझे थोडा अजीब लगा. फिर उन्होंने कहा "यहाँ आकर खड़े हो जाओ और एक-एक करके अपने सारे कपड़े निकाल दो" मैंने थोड़ा सा संकोच किया फिर मुझे लगा यही रूटीन है और मैं वहां पर आकर खड़ी हो गयी. जूलिया मैम सामने एक कुर्सी पर बैठी थी, उनका भारी शरीर किसी को भी मदहोश कर देने वाला था. गोल चेहरा, सुनहरे बाल, पुष्ट और बड़े वक्ष. वह कुर्सी पर अपनी एक टांग दूसरे पर क्रॉस करके बैठी थी.

मैंने ध्यान से देखा उनके शर्ट के ऊपर का एक बटन अब खुला हुआ था और उनके बड़े तरबूजों के बीच का क्लीवेज अब नुमाया हो रहा था. मुझे लगा वह गलती से खुल गया होगा और मैं धीरे से कपड़े निकालने लगी. जूलिया मैम लगातार, एकटक मुझे देख रही थी. उनके गंभीर चेहरे पर मैंने पहली बार थोड़ी सी मुस्कान देखी. मैंने अपना टी-शर्ट नीचे से उठाते हुए सर से बाहर निकाल दिया. मेरे हाहाकारी स्तन अब ब्रा में कैद छटपटा रहे थे. हाथ नीचे ले जाकर अब मैं धीरे से लोअर भी नीचे उतारने लगी. मेरा 22 वर्षीय हाहाकारी बदन, जिसपर मुझे बहुत घमंड था. जूलिया मैम के सामने बच्ची जैसा प्रतीत हो रहा था. अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में जूलिया मैम के सामने खड़ी थी. जूलिया मैम की निगाहें मुझे अपने बदन को चीरती हुई लग रही थी. वह उठ कर मेरे पास आई, मैं उनके सामने सावधान मुद्रा में खड़ी थी. मुझे सामने से ऊपर से नीचे तक पूरी तरह शरीर के एक-एक अंग को ध्यान से देखने के बाद जूलिया मैम मेरे पीछे चली गयीं. मुझे अहसास ओ रहा था कि वो मेरे पीछे मुझसे काफी सट कर खड़ी हैं.

अचानक से मुझे उनका मजबूत हाथ अपने पीठ पर महसूस हुआ. उन्होंने अपने हाथ से मेरी ब्रा की पट्टी को जोर से खिंचा और छोड़ दिया. चट्ट से जाकर पट्टी मेरे पीठ से टकराया, आह मैं दर्द से कराह उठी. मैंने सोचा ये क्या चेकअप है. पर फिर भी मैं सावधान उसी मुद्रा में खड़ी रही. मेरे ह्रदय की धड़कने जोर-जोर से धड़क रही थी. मुझे उनका दोनों हाथ अपने दोनों नितम्भों पर महसूस हुआ. वह पैंटी के ऊपर से,पीछे से मेरे दोनों नितंभ गोलाइयों को अपने हाथ में लेकर हल्का-हल्का दबा कर महसूस कर रही थीं. मेरे पूरे शरीर में रोमांच का लहर दौड़ गया. मुझे लगा शायद वह मेरे बदन की कसावट को समझने का प्रयास कर रही हैं. फिर वो धीरे से सामने आयीं, उनकी आँखों में एक अजीब से चमक थी. उन्होंने कहा "बाकी कपड़े भी निकाल दो" मैंने थोड़ी सी हिचकिचाहट से उनकी ओर देखा. मैं बहुत सी अजीब अनुभव कर रही थी. मेरे दिमाग में अचानक ही आलिया के साथ वाली घटना का स्मरण हो गया. पर क्या मैं गलत सोच रही हूँ? जूलिया मैम बस वह काम कर रही हैं जो प्रक्रिया के लिए जरूरी है. यही सब सोचते हुए मैंने धीरे से अपनी ब्रा का स्ट्रिप खोल दिया और मेरे नंगे तरबूज से कठोर और हाहाकार गोलाईयां लिए सुडौल दूध अब जूलिया मैम के सामने था. मैंने उनकी ओर देखा, वह सामने खड़े बस लगातार मेरे तरबूजों को घूर रही थीं. मैं बाजू से दोनों हाथ नीचे ले जाकर पैंटी उतारने लगी. तभी जूलिया मैंम का हाथ मेरे दूध पर पहुच गया. मैं अपना पैंटी पूरा उतार भी नहीं पायी थी, वह वैसे ही हल्का दबाकर मेरे दूध का भी जायजा लेने लगी जैसे वह मेरे पीछे के उभारों का ले रही थी. मेरे शरीर में वासना के लहर की शुरुवात होने लगी. मैं कुछ सोचने समझने में असमर्थ होने लगी, मैंने पैंटी पूरी तरह नीचे कर दिया. अब मैं पूरी तरह से मादरजात नंगी जूलिया मैम के सामने खड़ी थी. जूलिया मैम मेरे सामने थीं, उनका हाथ अभी भी मेरे उभारों पर था. मैं समझ नहीं पा रही थी यह सिर्फ जाँच है या उससे कुछ अलग ही. सामने जूलिया मैम के बड़े-बड़े खरबूज मेरे सामने ही थे. मेरी हालत ऐसी थी, मुझे अचानक मन हुआ कि मैं जूलिया मैम के दोनों स्तनों को अपने हाथ में लेकर उनके बलिष्ट शरीर से चिपक जाऊं पर मैं तुरंत संभल गयी. मेरा मकसद अभी आई.आई.ए. में सलेक्ट होना है, ना कि यह. हो सकता है यह सिर्फ एक टेस्ट हो. जूलिया मैम मेरे नंगे बदन के एक-एक अंग को ध्यान से देख रही थी. शायद वह आश्वश्त हो रही थी कि मैंने कोई टैटू नहीं बनवाया है.

जूलिया मैम के साथ इस पल ने मेरे दिमाग में अचानक रुखसाना आंटी का ख्याल ला दिया. मुझे वो पल याद आने लगा जब जब मेरी नजर बार-बार आंटी के गीले सीने में जा रही थी. उम्र में रुखसाना आंटी जूलिया मैंम से 3-4 साल ही बड़ी होंगी. पर जहाँ रुखसाना आंटी पतली दुबली और कम ऊँचाई वाली औरत थीं तो वहीँ जूलिया मैम 6 फुट 2 इंच की भरे-पूरे बदन वाली एक शक्तिशाली औरत थी. गलती से कभी जूलिया मैम रुखसाना आंटी के ऊपर आ गयी तो रुखसाना आंटी का तो कचूमर निकल जायेगा. यह सब क्या सोचने लगी मैं, अभी मुझे अपना पूरा ध्यान अपने टेस्ट पर लगाना है. जूलिया मैम अब गंभीर मुद्रा में मेरे सामने कुछ सोचते हुए खड़ी थी. मैं उनके सामने सावधान मुद्रा में पूरी तरह से नंगी होकर खड़ी थी. तभी दरवाजे पर किसी पतली आवाज की लड़की ने मे आई कमिंग मैम कहा. मैंने तुरंत दरवाजे की ओर अपनी नजर घुमाई. वह छोटे कद की लड़की जो मेरे दायें ओर बैठी थी, दरवाजे पर खड़ी थी. वह चोरी-छिपे बीच-बीच में मुझे भी देख रही थी. जूलिया मैम ने "अन्दर आ जाओ कहा". अब यह अन्दर आएगी और मैं यहाँ नंगी खड़ी हूँ मैंने सोचा.
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RE: रश्मि का आरंभ- रश्मि मंडल - by rashmimandal - 24-06-2022, 03:58 AM



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