23-05-2022, 06:36 PM
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PART-17
करिश्मा और गौरव का पनिशमेंट शो शुरू हो चुका था
खाकी वर्दी पहने सिक्युरिटी इंस्पेक्टर गौरव ने करिश्मा को अपनी गॉड में से उठाकर अपने सामने खड़ा कर लिया और उससे बोला : चल पीछे घूमकर खड़ी हो जा
करिश्मा पीछे घूमकर कड़ी हो गयी तो गौरव ने उसके दोनों हाथों में सिक्युरिटी वाली हथकड़ी लगाकर उसके हाथ पीछे की और बाँध दिए और फिर बोलै : अब मेरी तरफ घूम जा
करिश्मा घूमकर खड़ी हो गयी और गौरव को देखकर उसके अगले आदेश की प्रतीक्षा करने लगी
गौरव : अपनी टाँगे खोलकर खड़ी हो
करिश्मा ने अपनी टाँगे खोल लीं
गौरव ने काले रंग के चमड़े के नुकीले जूते पहने हुए थे -उसने अपना दायां पैर उठाया और उसके आगे के नुकीले सिरे को करिश्मा की चिकनी जाँघों और चूत पर फिराने लगा
करिश्मा का चेहरा शर्म से लाल हो चुका था -उसने अपनी ऑंखें बंद कर लीं लेकिन गौरव उससे बोला : अपनी ऑंखें खोलकर देख मैं तेरे साथ अभी क्या क्या करूँगा
करिश्मा ने अपनी ऑंखें खोल लीं
गौरव ने अपने जूते की नोक को अचानक उसकी चूत के अंदर घुसेड़ दिया और उसे आगे पीछे करने लगा -करिश्मा इस तरह से पहले कभी ज़लील नहीं हुई थी जितना उसे आज गौरव ज़लील कर रहा था. अब गौरव ने अपने हाथ में बेंत को पकड़ लिया और उसे करिश्मा के मस्त मस्त मम्मों पर गोल गोल फिराने लगा -उसके मम्मों पर बेंत फिराते हुए वह अपने बेंत को करिश्मा के चेहरे पर ले गया और उसके होंठों पर फिराने लगा
अपने बेंत को उसके होंठों पर फिराते हुए वह उससे बोला : अपना मुंह खोल और इस बेंत को अपने मुंह में लेकर इस तरह चूस जैसे मेरा लैंड चूस रही हो
कमरे में बैठे सभी लोग इस सेक्सी तमाशे को देख रहे थे. रोहन का नौकर रणजीत भी अपने निक्कर में बने टेंट पर हाथ फिराते हुए यह सब देख रहा था -करिश्मा एकदम बेबस अवस्था में निर्वस्त्र खड़ी हुई थी. उसके हाथ पीछे की तरफ हथकड़ी से बंधे हुए थे. उसकी चूत को गौरव अपने जूते की नोक से चोद रहा था और उसके सिक्युरिटीिया डंडे से उसके मुंह की चुदाई हो रही थी.
ऊपर और नीचे की इस डबल चुदाई से करिश्मा जल्द ही अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गयी थी और उसके मुंह से हर्ष मिश्रित आवाज़ें निकल रही थीं
गौरव ने अपने जूते की नोक और डंडा दोनं वापस निकाल लिए थे और अपने जूते की तरफ देख रहा था जो एकदम गीला हो चुका था -इससे पहले की वह कुछ बोलता, रोहन का नौकर रणजीत जो वहां पास में ही खड़ा यह सब देख रहा था, वह गौरव से बोला : साहब , इससे अपने जूते आप उतरवा लीजिये -यह आपके पैरों की मालिश भी कर देगी -आप कहें तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ.
गौरव समझ गया कि जरूर इस नौकर के पास कोई बढ़िया आईडिया है-वह उससे बोला : हाँ रणजीत तुम जरा कुछ मदद करो
रणजीत करिश्मा के पीछे गया और उसके हथकड़ी बंधे हाथों को पकड़कर उसने उसके सर के ऊपर उठा दिया और बोला : हाथ ऊपर करके खड़ी रह
रणजीत ने अपने बदन को करिश्मा की पीठ से चिपका दिया था और उसका निक्कर में बन रहा टेंट अब करिश्मा के मस्त मुलायम नितम्बों से सट गया था.
रणजीत ने करिश्मा के दोनों मस्त मम्मों को अपने हाथों से दबाते हुए कहा : चल नीचे बैठकर अपने मुंह से साहब के जूतों के फीते खोल
करिश्मा : मुंह से फीते कैसे खुल सकते हैं -मेरे हाथ खोलो तो मैं हाथों से फीते खोल दूंगी
रणजीत : लेकिन तुझे अपने मुंह से ही फीते खोलने पड़ेंगे चिकनी क्योंकि यह मेरा हुक्म है -चल नीचे बैठ और शुरू हो जा
कोई और रास्ता न देख, करिश्मा नीचे जमीन पर गौरव के जूतों के आगे बैठ गयी -उसके पीछे अभी भी रणजीत खड़ा हुआ था और इस सारे तमाशे का मानो निर्देशन कर रहा था
रणजीत ने करिश्मा के नितम्बों पर एक लात मारते हुए कहा : अपने चेहरे को साहब के जूतों के ऊपर ले जाकर फीते खोलने शुरू कर साली
करिश्मा ने अपने होंठों, दांतों और चेहरे का इस्तेमाल करते हुए एक एक करके दोनों जूतों के फीते खोल दिए
गौरव ने अपने जूते को थोड़ा ऊपर उठाकर उसकी नोक को अब करिश्मा के गालों पर फिराते हुए उसके होंठों पर टिका दी और उससे बोला : मुंह खोलो और जूते को अपने मुंह के अंदर लो
करिश्मा : नहीं प्लीज़ यह मत करवाओ प्लीज़
गौरव : मुंह खोल साली, अब कहीं जाकर तो मज़ा आना शुरू हुआ है और तू अब नखरे दिखा रही है
रणजीत भी झुककर अब करिश्मा के पास ही बैठ गया था, उसने करिश्मा के मुंह पर चपत लगाते हुए उसका मुंह खुलवा दिया और गौरव के जूते की नोक करिश्मा के मुंह में घुसेड़ते हुए बोला : इसे साहब का लण्ड समझकर चूस साली
करिश्मा अब गौरव के जूते की नोक को अपने मुंह में लेकर उस पर अपनी जीभ फिरा रही थी
शेष अगले भाग में
करिश्मा और गौरव का पनिशमेंट शो शुरू हो चुका था
खाकी वर्दी पहने सिक्युरिटी इंस्पेक्टर गौरव ने करिश्मा को अपनी गॉड में से उठाकर अपने सामने खड़ा कर लिया और उससे बोला : चल पीछे घूमकर खड़ी हो जा
करिश्मा पीछे घूमकर कड़ी हो गयी तो गौरव ने उसके दोनों हाथों में सिक्युरिटी वाली हथकड़ी लगाकर उसके हाथ पीछे की और बाँध दिए और फिर बोलै : अब मेरी तरफ घूम जा
करिश्मा घूमकर खड़ी हो गयी और गौरव को देखकर उसके अगले आदेश की प्रतीक्षा करने लगी
गौरव : अपनी टाँगे खोलकर खड़ी हो
करिश्मा ने अपनी टाँगे खोल लीं
गौरव ने काले रंग के चमड़े के नुकीले जूते पहने हुए थे -उसने अपना दायां पैर उठाया और उसके आगे के नुकीले सिरे को करिश्मा की चिकनी जाँघों और चूत पर फिराने लगा
करिश्मा का चेहरा शर्म से लाल हो चुका था -उसने अपनी ऑंखें बंद कर लीं लेकिन गौरव उससे बोला : अपनी ऑंखें खोलकर देख मैं तेरे साथ अभी क्या क्या करूँगा
करिश्मा ने अपनी ऑंखें खोल लीं
गौरव ने अपने जूते की नोक को अचानक उसकी चूत के अंदर घुसेड़ दिया और उसे आगे पीछे करने लगा -करिश्मा इस तरह से पहले कभी ज़लील नहीं हुई थी जितना उसे आज गौरव ज़लील कर रहा था. अब गौरव ने अपने हाथ में बेंत को पकड़ लिया और उसे करिश्मा के मस्त मस्त मम्मों पर गोल गोल फिराने लगा -उसके मम्मों पर बेंत फिराते हुए वह अपने बेंत को करिश्मा के चेहरे पर ले गया और उसके होंठों पर फिराने लगा
अपने बेंत को उसके होंठों पर फिराते हुए वह उससे बोला : अपना मुंह खोल और इस बेंत को अपने मुंह में लेकर इस तरह चूस जैसे मेरा लैंड चूस रही हो
कमरे में बैठे सभी लोग इस सेक्सी तमाशे को देख रहे थे. रोहन का नौकर रणजीत भी अपने निक्कर में बने टेंट पर हाथ फिराते हुए यह सब देख रहा था -करिश्मा एकदम बेबस अवस्था में निर्वस्त्र खड़ी हुई थी. उसके हाथ पीछे की तरफ हथकड़ी से बंधे हुए थे. उसकी चूत को गौरव अपने जूते की नोक से चोद रहा था और उसके सिक्युरिटीिया डंडे से उसके मुंह की चुदाई हो रही थी.
ऊपर और नीचे की इस डबल चुदाई से करिश्मा जल्द ही अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गयी थी और उसके मुंह से हर्ष मिश्रित आवाज़ें निकल रही थीं
गौरव ने अपने जूते की नोक और डंडा दोनं वापस निकाल लिए थे और अपने जूते की तरफ देख रहा था जो एकदम गीला हो चुका था -इससे पहले की वह कुछ बोलता, रोहन का नौकर रणजीत जो वहां पास में ही खड़ा यह सब देख रहा था, वह गौरव से बोला : साहब , इससे अपने जूते आप उतरवा लीजिये -यह आपके पैरों की मालिश भी कर देगी -आप कहें तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ.
गौरव समझ गया कि जरूर इस नौकर के पास कोई बढ़िया आईडिया है-वह उससे बोला : हाँ रणजीत तुम जरा कुछ मदद करो
रणजीत करिश्मा के पीछे गया और उसके हथकड़ी बंधे हाथों को पकड़कर उसने उसके सर के ऊपर उठा दिया और बोला : हाथ ऊपर करके खड़ी रह
रणजीत ने अपने बदन को करिश्मा की पीठ से चिपका दिया था और उसका निक्कर में बन रहा टेंट अब करिश्मा के मस्त मुलायम नितम्बों से सट गया था.
रणजीत ने करिश्मा के दोनों मस्त मम्मों को अपने हाथों से दबाते हुए कहा : चल नीचे बैठकर अपने मुंह से साहब के जूतों के फीते खोल
करिश्मा : मुंह से फीते कैसे खुल सकते हैं -मेरे हाथ खोलो तो मैं हाथों से फीते खोल दूंगी
रणजीत : लेकिन तुझे अपने मुंह से ही फीते खोलने पड़ेंगे चिकनी क्योंकि यह मेरा हुक्म है -चल नीचे बैठ और शुरू हो जा
कोई और रास्ता न देख, करिश्मा नीचे जमीन पर गौरव के जूतों के आगे बैठ गयी -उसके पीछे अभी भी रणजीत खड़ा हुआ था और इस सारे तमाशे का मानो निर्देशन कर रहा था
रणजीत ने करिश्मा के नितम्बों पर एक लात मारते हुए कहा : अपने चेहरे को साहब के जूतों के ऊपर ले जाकर फीते खोलने शुरू कर साली
करिश्मा ने अपने होंठों, दांतों और चेहरे का इस्तेमाल करते हुए एक एक करके दोनों जूतों के फीते खोल दिए
गौरव ने अपने जूते को थोड़ा ऊपर उठाकर उसकी नोक को अब करिश्मा के गालों पर फिराते हुए उसके होंठों पर टिका दी और उससे बोला : मुंह खोलो और जूते को अपने मुंह के अंदर लो
करिश्मा : नहीं प्लीज़ यह मत करवाओ प्लीज़
गौरव : मुंह खोल साली, अब कहीं जाकर तो मज़ा आना शुरू हुआ है और तू अब नखरे दिखा रही है
रणजीत भी झुककर अब करिश्मा के पास ही बैठ गया था, उसने करिश्मा के मुंह पर चपत लगाते हुए उसका मुंह खुलवा दिया और गौरव के जूते की नोक करिश्मा के मुंह में घुसेड़ते हुए बोला : इसे साहब का लण्ड समझकर चूस साली
करिश्मा अब गौरव के जूते की नोक को अपने मुंह में लेकर उस पर अपनी जीभ फिरा रही थी
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा