23-05-2022, 04:45 PM
मैंने अब पहले तो एक बार उसकी चुत को अपने होंठों से चूमा फिर धीरे से अपनी जीभ निकालकर चुत के अन्दर के लाल गुलाभी भाग को पूरा चाट लिया। एकदम खारा और कैसेला स्वाद था उसकी चुत का मगर उस समय तो वो मुझे रसमलाई से कम नहीं लगी।
मैंने उसकी चुत को एक बार चाटकर उसकी फांकों के अन्दर के गुलाबी भाग को अब जोर से चूस भी लिया जिससे स्वाति भाभी ‘ईईई … श्श्श्स … आह्ह्ह …” कहते हुए अपने पंजों के जोर पर ऊपर की तरफ उकसकर थोड़ा सा पीछे सरक गयी।
मैंने भी अब अपने एक हाथ को पीछे उसके नितम्बों पर ले जाकर उसे फिर से अपनी तरफ खींच लिया.
मगर अब जैसे ही मैंने स्वाति भाभी को अपनी तरफ खींचा ‘ओय्य्य … क्क्या … क्या कर रहा है? छोड़ … छोड़ मुझे …’ कहते हुए भाभी ने अपना एक पैर धीरे से उठाकर मेरे कन्धे से सटा दिया जिसको पकड़कर मैंने उसे अब अपने कंधे की तरफ खींच लिया।
मैंने उसके पैर को बस थोड़ा सा ही खींचा था मगर ‘आह्ह … ओय्य्य … क्या कर रहा है? मैं गिर जाऊँगी!’ का दिखावा सा करते हुए उसने अपना पैर अब मेरे कन्धे पर ही चढ़ा दिया जिससे उसकी चुत की खुली हुई फांकें सीधा ही मेरे होंठों से चिपक गयी।
मैंने उसकी चुत को एक बार चाटकर उसकी फांकों के अन्दर के गुलाबी भाग को अब जोर से चूस भी लिया जिससे स्वाति भाभी ‘ईईई … श्श्श्स … आह्ह्ह …” कहते हुए अपने पंजों के जोर पर ऊपर की तरफ उकसकर थोड़ा सा पीछे सरक गयी।
मैंने भी अब अपने एक हाथ को पीछे उसके नितम्बों पर ले जाकर उसे फिर से अपनी तरफ खींच लिया.
मगर अब जैसे ही मैंने स्वाति भाभी को अपनी तरफ खींचा ‘ओय्य्य … क्क्या … क्या कर रहा है? छोड़ … छोड़ मुझे …’ कहते हुए भाभी ने अपना एक पैर धीरे से उठाकर मेरे कन्धे से सटा दिया जिसको पकड़कर मैंने उसे अब अपने कंधे की तरफ खींच लिया।
मैंने उसके पैर को बस थोड़ा सा ही खींचा था मगर ‘आह्ह … ओय्य्य … क्या कर रहा है? मैं गिर जाऊँगी!’ का दिखावा सा करते हुए उसने अपना पैर अब मेरे कन्धे पर ही चढ़ा दिया जिससे उसकी चुत की खुली हुई फांकें सीधा ही मेरे होंठों से चिपक गयी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.