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Incest बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा
#13
और मुझसे कहा- तुम काजल को बाइक से ले आना!
इस पर मैं मन ही मन खुश हो गया कि चलो अब मुझे कुछ देर अकेले में काजल के साथ टाइम बिताने का मौका मिलेगा.
मैंने पूछा- काजल है कहाँ?
मम्मी ने कहा- वो नहा रही है!
और फिर मम्मी पापा चले गये और चाचा लोग भी ऑफिस जा चुके थे. फिर मैं जल्दी से फ्रेश होने चला गया ताकि हमें टाइम ज़्यादा मिल सके. हमारे घर में 2 फ्लोर हैं तो काजल नीचे के बाथरूम में नहा रही थी और मैं ऊपर के बाथरूम में चला गया.
मैं तो जल्दी ही निकल आया था.
तब तक काजल भी निकल आई थी, उसने पिला और सफ़ेद मिक्स कलर का सूट पहना हुआ था और आज उसने बाल भी धोये थे. गीले बालों में और उस सूट में वो और भी सुन्दर लग रही थी.
मैं गया और झट से उसे पीछे से पकड़ लिया तो वो पहले तो डर गयी, फिर जब उसने मुझे देखा तो मुस्कुरा दी. मैंने उससे कहा- आज तुम बहुत ही खूबसूरत लग रही हो!
और फ्रेंड्स, आप जानते ही हैं कि लेडीज की कमज़ोरी उनकी ब्यूटी की तारीफ होती है. तो वो मुस्कुराई और कहा- सच में?
मैंने कहा- हाँ, सच्ची में!
और फिर मैं अपने होंठ उसके कान के पीछे गर्दन पर फेरने लगा और चूमने लगा जिससे उसकी आँखें बंद होने लगी और धड़कनें बढ़ने लगी.
फिर मैंने अपना हाथ धीरे से उसकी चूची पर रखा और धीरे धीरे दबाने लगा. उसकी चूची थोड़ी हार्ड थी और निप्पल भी अब खड़ा होने लगा था. फिर मैंने उसको अपनी तरफ घुमाया तो उसकी नज़र नीचे की ओर थी, उसके होंठ बिल्कुल गुलाबी रंग के थे, मैंने धीरे से उन पर अपने होंठ रखे तो उसने भी मुझे रेस्पोन्स दिया और वो मेरे होंठ चूसने लगी.
मैं उसका नीचे का होंठ चूस रहा था और वो मेरा ऊपर का होंठ चूस रही थी. क्या बताऊँ फेंड्स कि कितना मजा आ रहा था. मैं कभी उसके होंठ चूसता तो कभी उसकी जीभ… इतना मजा मुझे जिंदगी में कभी नहीं आया था.
करीब 15 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसको उठाया और बेड पर लेटा दिया, फिर उसे क़िस करने लगा, फिर किस करते हुये मैंने उसका कुर्ता उतारा.
वाओ… क्या चूचियां थी उसकी… दिन के उजाले में मैंने ब्रा के अंदर चूचियां पहली बार देखी थी और फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी. उसका पिंक कलर का 1 सेंटीमीटर का निप्पल खड़ा हुआ निप्पल देख कर तो मैं पागल हो गया और मुँह में लेकर उसे चूसने लगा.
इससे वो भी जोश में आ गयी और आहह आहह की आवाज़ें निकालने लगी. अब हमें किसी का डर नहीं था चाहे हम कितनी भी आवाज़ें निकालें क्योंकि घर पर तो कोई था नहीं!
अब मैं उठा और उसकी सलवार का नाड़ा खोला और उसे उतार दिया. वाओ… क्या जांघें थी उसकी… एकदम गोरी. चिकनी. भरी हुई!
मैं तो उसकी जांघें ही चाटने लगा, इससे वो और भी गर्म हो गयी और मेरा सिर कस के पकड़ लिया. मैं धीरे धीरे जांघों से किस करता हुआ उसकी चूत तक पहुँचा, उसकी चूत की खुशबू इतनी मादक थी कि क्या कहना! मैंने जैसे ही अपनी नाक उसकी चूत पर टच की तो उसके मुँह से ज़ोर से आअहह की आवाज़ निकल पड़ी. उसकी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी मैंने अपनी जीभ निकाली और उसके चूत रस को चाटने लगा पेंटी के ऊपर से… इससे वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गयी और कहने लगी- रवि प्लीज सताओ नहीं, बस अब डाल दो!
फिर मैंने कहा- इतनी जल्दी कहाँ, अभी तो शुरुआत है.
उसने कहा- हमें पूजा में भी जाना है, टाइम कम है हमारे पास!
तो मैंने कहा- वो बाद में देखा जायेगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा - by neerathemall - 23-05-2022, 04:27 PM



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