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Incest बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा
#12
म केवल एक दूसरे को देख ही रहे थे और मुस्कुरा रहे थे इससे मैं समझ गया कि यार आज तो कुछ हो सकता है.
हम सब लेट गये और मैं सब के सोने का इंतज़ार करने लगा. रात में करीब 2 बजे मैंने मम्मी को हिला के चेक किया कि मम्मी सोई या नहीं… मम्मी उस समय गहरी नींद में थी. तब मैं धीरे से उठा और काजल के पास गया तो देखा कि वो सीधी लेट कर सो रही है तो मैंने फिर से उसके कान के पीछे सहलाना शुरू करना ही बेहतर समझा, मैंने उसके कान के पीछे से उसके बाल हटा कर धीरे से सहलाना शुरू किया तो उसने कोई हलचल नहीं की, मुझे लगा कि वो सो रही है.
पहले तो मैंने हाथ से सहलाया और फिर मैंने जीभ से टच किया मेरे टच करते ही उसे एक करंट लगा और वो हल्की सी हिली मैं समझ गया कि वो जाग रही है.
फिर मैं अपनी जीभ और होंठों से कभी उसके कान के पीछे तो कभी गर्दन पर और गालों पर जीभ से सहलाता जिससे उसकी धड़कन और सांसें बढ़ती जा रही थी जो मुझे महसूस हो रही थी. फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये जिससे वो हिल गयी, उसकी आँखें खुल गयी और मेरी आँखों से मिल गयी.
उसे किस करना आता नहीं था तो मैं जैसे जैसे करता, वो भी वैसा ही करती. मैं अपनी जीभ उसके मुँह के अंदर डालता और उसकी जुबान को टच करता और उसके होंठों को अपने दांतों से काटता.
मैं धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चूची पर ले गया और उसे दबाने लगा. उसकी चूचियां ज़्यादा तो नहीं लेकिन हाँ मतलब भर की थी जो मेरे हाथ में आ रही थी और अब मैं उन्हें धीरे धीरे दबाता और उसे फ्रेंच किस भी करता जाता.
अब मैं धीरे से उसके ऊपर लेट गया और मेरा तना हुआ 6 इंच का लंड उसकी चूत के ऊपर आ गया जो उसे फील हो रहा होगा. उसके मुँह से सी…सी… की आवाज़ आने लगी लेकिन मैं उसे किस कर रहा था तो उससे आवाज़ नहीं आ रही थी. उसने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और मेरी पीठ पर और सिर पर हाथ फेरने लगी, इसका मतलब था कि अब उसको भी मस्ती चढ़ने लगी थी. उसने चेन वाला टॉप पहन रखा था जो नीचे तक खुलता था और टॉप के नीचे कुछ भी नहीं पहन रखा था शायद जानबूझ कर!
तो मैंने उसकी चेन खोल दी और उसकी चूची को हल्के से उजाले (नाइट बल्ब) में देखने का मजा ही कुछ अलग था. उसका निप्पल भी एकदम हार्ड और एक सेंटीमीटर का हो चुका था, चूची देखते ही मैंने उसे चाटना शुरू कर दिया, उसका निप्पल चूसने लगा जिससे उसका निप्पल और बड़ा हो गया और उसकी पकड़ और टाइट हो गयी.
अब मैं कभी उसकी चूची चाटता तो कभी निप्पल पर जुबान फेरता, इससे उसकी आवाज़ बढ़ती जा रही थी तो मैंने अपने एक हाथ से उसका मुँह बंद किया. अब वो भी इतने जोश में आ गयी कि उसने मेरा लंड पकड़ लिया मेरी शॉर्ट्स में हाथ डाल कर… उसे हिलाने लगी.
हम इस समय पूरे जोश में थे कि अचानक मम्मी ने अंगड़ाई ली, इससे हम दोनों की तो गांड ही फट गयी और हम जल्दी से अलग हुये और मैं अपनी जगह पर लेट गया.
अभी लेटे हुये 5 मिनट ही हुये होंगे कि मम्मी उठी और बाथरूम चली गयी हमने एक दूसरे की तरफ देखा और मैंने धीरे से कहा- बच गये, वरना आज तो गये थे!
और फिर हमें कब नींद आ गयी, हमें पता ही नहीं चला.
सुबह जब मैं उठा तो 9.30 बज रहे थे और सभी लोग कहीं जाने के लिये तैयार हो रहे थे तो मैंने मम्मी से पूछा- आप लोग कहाँ जा रहे हो?
तो उन्होंने कहा- हम ताऊ जी के यहाँ जा रहे हैं, उनके यहा कथा है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा - by neerathemall - 23-05-2022, 04:27 PM



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