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Incest बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा
#7
थोड़ी देर तक स्थिति का जायज़ा लेने के बाद जब मैं आश्वस्त हुआ कि वो अब भी गहरी नींद में हैं तो मैं फिर उनके बेड के पास पहुँच गया। अब मैंने उनके पेट की तरफ से उनकी पैंटी को धीरे धीरे नीचे खिसकाया। जैसे जैसे पैंटी खिसक रही थी, मेरा दिल मेरे दिमाग में धाड़ धाड़ कर के ठोकर मार रहा था।
जब पैंटी जांघों पर खिसक गयी तो मेरे सामने दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज़ थी। दीदी की चूत भी उनके बाकी बदन की तरह गुलाबी गोरे रंग की थी। उनकी चूत ने कस कर अपने होंठ भींच रखे थे जैसे कभी उस लकीर को अलग होने का मौका ही नहीं मिला था। उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था एक चिकनी फूली हुई गुलाबी चूत जैसा पोर्न में भी कभी नहीं देखा था।
अचानक मुझे लगा कि दीदी हिल रही है। मैंने जल्दी से पैंटी ठीक की और अपने बेड पर लेट गया।
बस तभी दीदी जाग गयी और उठ बैठी; उठते ही उन्हें अपनी हालत का अंदाज़ा हुआ और उन्होंने स्कर्ट ठीक करते हुए मेरी तरफ देखा। मैंने चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया था।
उन्होंने आवाज़ दी- आर्य!
तो मैंने उनकी तरफ देखा।
उन्होंने पूछा- सोये नहीं अब तक तुम?
मैंने कहा- मैं तो सो गया था दीदी, पर अचानक आँख खुल गयी और बेचैनी सी हो रही है।
उन्होंने कहा- अच्छा रुको मै आती हूँ.
और वो बाथरूम चली गयी।
जब वो लौट कर आई तो पूछा- क्या हुआ? क्यों बेचैनी हो रही है?
मैंने कहा- पता नहीं।
वो उठ कर मेरे बेड पर आ गईं और मेरा सिर सहलाते हुए बोली- होता है यार, जब बोर्ड क्लास में आता है बंदा, तो टेंशन हो ही जाती है।
मैंने कहा- अरे नहीं दीदी, मुझे पढ़ाई को लेकर बेचैनी नहीं हो रही है।
वो बोली- फिर क्यों परेशान हो?
मैंने कहा- छोड़िये, आपको नहीं बता सकता।
वो बोली- अरे ऐसा क्या है जो मुझे नहीं बता सकते?
मैंने कहा- दीदी, मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं एक कहानी पढ़ने लगा, बस वही कहानी पढ़ कर मैं बेचैन हो गया हूं।
उन्होंने कहा- देखूँ ज़रा कौन सी कहानी है?
मैंने कहा- अरे, वो आपके पढ़ने लायक नहीं है, वैसी वाली कहानी है।
“कैसी वाली कहानी… क्या बोल रहे हो? मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा।”
मैंने कहा- छोड़ो, आप सो जाओ।
वो ज़िद करने लगी… कहने लगी- दिखाओ कौन सी कहानी है?
मैंने कहा- ठीक है, पर आप गुस्सा मत होना और किसी को बताना मत कि मैं ऐसी कहानियाँ पढ़ता हूँ. मैं आपको वाट्सएप्प पर कहानी भेजता हूँ.
वो बोली- ठीक है, भेजो।
मैंने जल्दी से अपने फोन पर अन्तर्वासना का पेज खोला और एक भाई बहन की कहानी कॉपी कर के दीदी को भेज दी।
दीदी ने कहानी पढ़नी शुरू की, जैसे जैसे वो कहानी पढ़ती जाये वैसे वैसे उनका चेहरा लाल होता जाये।
जब उन्होंने कहानी पढ़ ली तो आँख बंद करके लेट गयी। मेरी हालात खराब हुई कि कहीं ये किसी को बता न दे।
मैंने पूछा- क्या हुआ दीदी?
वो कुछ नहीं बोली तो मैंने फिर पूछा।
वो बोली- ये तो है ही ऐसी कहानी कि बेचैन कर दे… बेवक़ूफ़ तुम ऐसी गन्दी कहानियाँ क्यों पढ़ते हो?
मैंने कहा- दीदी क्या करूँ, आदत लग गयी है, बिना पढ़े रहा नहीं जाता।
दीदी ने कहा- अपने दिमाग को शांत करो और सो जाओ.
इतना कह कर वो मेरी तरफ पीठ करके सोने की एक्टिंग करने लगी।
मै समझ गया कि वो भी गर्म हो गयी हैं, मैंने कहा- दीदी, आपसे कुछ कहूँ, बुरा तो नहीं मानोगी?
वो बोली- आर्य सो जाओ, बहुत रात हो गयी है।
मैंने कहा- दीदी प्लीज सुन तो लो।
वो वैसे ही लेटे लेटे बोली- अच्छा बोलो, क्या बात है?
मैंने कहा- दीदी, मुझे आपको छू कर देखना है एक बार…
वो एकदम से मेरी ओर पलट कर बोली- क्या मतलब?
मैंने कहा- दीदी, एक आप ही हो जिससे मैं इतनी बातें कर लेता हूं, अपने दिल की बात बता लेता हूं… इसी लिए आपसे रिक्वेस्ट कर रहा हूँ… ज्यादा नहीं, बस एक बार ऊपर वाले दिखा दो।
वो कुछ नहीं बोली और फिर दूसरी तरफ मुंह कर के लेट गयी।
मैं लगातार मिन्नत करता रहा कि दिखा दो… दिखा दो।
आखिर वो मेरी तरफ पलटी और बोली- नहीं यार, यह गलत है, हम भाई बहन हैं।
मैंने कहा- दीदी, इसीलिए तो मैं चाहता हूँ कि यह बात किसी को पता न चले। हम दोनों आपस में रखेंगे ये बात और मेरा बोर्ड भी बर्बाद होने से बच जाएगा वर्ना मैं फ़ेल हो जाऊंगा. प्लीज यार दीदी, बचा लो मुझे।
वो सोचने लगी, फिर बोली- सिर्फ ऊपर वाला देख लो, वो भी सिर्फ आज… दोबारा मत कहना।
मैंने झट से कहा- पक्का।
उन्होंने कहा- लाइट बंद कर दो और इधर आ जाओ।
मैंने कहा- फिर देखूंगा कैसे?
वो हँसी और बोली- अच्छा बाबा, आ जाओ, मैं ही आँख बंद कर लेती हूँ।
मैंने मुस्कुराते हुए थैंक्यू कहा और उठ कर दीदी के बगल में बैठ गया। दीदी ने अपना एक हाथ सर पर रख कर आँख बंद कर ली। मैंने धीरे धीरे उनके टॉप के बटन खोलने शुरू किये पेट से चूचियों की तरफ।
जब मैं धीरे धीरे ऊपर के बटन खोल रहा था तो दीदी की चूचियों का निचली गोलाई नज़र आने लगी मेरा लंड ज़बरदस्त सलामी देते हुए मेरे शॉर्ट्स में तंबू बना चुका था।
अब मैंने दीदी के टॉप का आखिरी बटन खोल कर उनका टॉप सर की साइड से निकलना चाहा तो उनका हाथ अड़ गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा - by neerathemall - 23-05-2022, 04:21 PM



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