23-05-2022, 03:54 PM
जेठजी का हाथ अभी भी मेरी पीठ पर ही था. मैंने सर उठाकर जेठजी को देखने का सोचा, पर जैसे ही मैंने अपना चेहरा उनके चेहरे की तरफ किया. हम दोनों के होंठ एक दूसरे के होंठों के ठीक पास आ गए. मैं उनकी सांसें अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी. मेरा गला एकदम सूख गया और दिल की धड़कन बढ़ गयी.
सच कहूं तो मैं अब जेठजी या खुद को रोकने के बिल्कुल मूड में नहीं थी. मैं बस इंतजार कर रही थी कि कब जेठजी पहल करें. अगर वो ऐसा करते, तो मैं उन्हें नहीं रोकती … क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले ही मेरे पति ने बातों से ही मेरी चूत को गीला कर दिया था. अभी वो आग ठंडी हुई भी नहीं थी कि इतने में ये सब हो गया. इस घटनाक्रम ने उस आग में चिंगारी का काम किया था. मतलब ये कि मैं एक बार फिर से गीली होना शुरू हो गयी थी … पर जेठजी ने कोई पहल नहीं की.
कुछ देर तक जेठजी की सांसें महसूस करने के बाद … या यूं कहूं कि जेठजी के पहल का इंतजार करने के बाद मैंने फिर से अपना सर झुका लिया.
सच कहूं तो मैं अब जेठजी या खुद को रोकने के बिल्कुल मूड में नहीं थी. मैं बस इंतजार कर रही थी कि कब जेठजी पहल करें. अगर वो ऐसा करते, तो मैं उन्हें नहीं रोकती … क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले ही मेरे पति ने बातों से ही मेरी चूत को गीला कर दिया था. अभी वो आग ठंडी हुई भी नहीं थी कि इतने में ये सब हो गया. इस घटनाक्रम ने उस आग में चिंगारी का काम किया था. मतलब ये कि मैं एक बार फिर से गीली होना शुरू हो गयी थी … पर जेठजी ने कोई पहल नहीं की.
कुछ देर तक जेठजी की सांसें महसूस करने के बाद … या यूं कहूं कि जेठजी के पहल का इंतजार करने के बाद मैंने फिर से अपना सर झुका लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
