23-05-2022, 03:53 PM
(23-05-2022, 03:52 PM)neerathemall Wrote:जेठ के लंड ने चूत का बाजा बजाया
मैं जस्सी हूं. मेरी उम्र 32 साल है, रंग गोरा, हाइट 5 फ़ीट 6 इंच है. भगवान ने मेरा चेहरा भी अच्छा खासा बनाया है. मेरी फिगर साइज 32 डी – 28 – 34 है. आप लोग अंदाज़ा तो लगा ही सकते हैं कि मैं दिखने में कैसी लगती हूं.
मैं अपने जेठजी के साथ उनके आफिस के कामों में मदद करती हूं.
कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सबको अपने फैमिली के सभी सदस्यों का परिचय दे देती हूं. आप मेरे बारे में तो जान ही गए हैं.
मेरे पति का नाम समीर है. उनकी उम्र 34 साल है, हाइट 5 फ़ीट 9 इंच, एकदम फिट बॉडी है. समीर मेरे लिए वो किसी हीरो से कम नहीं हैं. समीर ने एम बी ए किया है और अभी एक बड़ी कंपनी में मार्केटिंग मैंनेजर के तौर पर काम कर रहे हैं.
मेरे पति के दो भाई हैं. बड़े भाई शेखर हैं, जिनकी उम्र 36 साल है. उनकी हाइट 5 फ़ीट 10 इंच है. उन्होंने खुद को बड़े अच्छे से मेन्टेन करके रखा है. मेरे जेठजी यानि शेखर भैया सी.ए. हैं और उनकी खुद की अपनी एक कंसल्टेंसी फर्म है.
जेठजी की पत्नी श्वेता यानि मेरी जेठानी जी, जिन्हें मैं भाभी ही कह कर बुलाती हूं. उनकी उम्र 34 साल, फिट और स्लिम बॉडी, रंग गोरा और साइज 34-30-34 का है. मतलब मेरी जेठानी जी भी एक भरे बदन ही आकर्षक महिला हैं. श्वेता भाभी हाउसवाइफ हैं और उनका एक डेढ़ साल का बच्चा है.
मेरा देवर सौम्य और देवरानी जानकी ने लव मैरिज की है. जबकि मेरी और श्वेता भाभी की अरेंज मैरिज हुई है.
मैंने पहली बार सेक्स अपनी सुहागरात के समय ही किया था. मेरे पति ने ही मेरे चूत की सील को तोड़ा और उस रात उन्होंने दो बार मुझे जम कर चोदा था. मैं आप सबको अपनी सुहागरात की कहानी बाद में बताऊंगी, अभी मैं अपने जेठजी से कैसे चुद गयी वो चुदाई की कहानी बताने जा रही हूं.
दोस्तो, यह घटना आज से करीब 2 साल पहले की है, जब मेरी जेठानी जी यानि श्वेता भाभी प्रेग्नेंट थीं और उनका छठा महीना चल रहा था. पहला बच्चा गर्भ में होने के कारण वो अपने मायके चली गयी थीं. मेरे पति काम के सिलसिले में 15 दिन के लिए ऑस्ट्रेलिया गए हुए थे और मेरे देवर देवरानी दोनों लंदन में प्रैक्टिस कर रहे थे.
मतलब इस घटना के 5-6 दिन पहले से घर में सिर्फ मैं और मेरे जेठजी ही थे.
यहां मैं आप सबको अपने घर का माहौल भी बताना चाहूंगी ताकि आप सब हालात समझ सकें. जैसा कि मैंने आप सबको पहले ही बताया कि मैं अपने जेठजी के आफिस में उनके कामों में मदद करती हूं और इस वजह से मैं उनके साथ काफी टाइम व्यतीत करती हूं. मेरा ये कहना गलत नहीं होगा कि 24 में 12 घंटे तो मैं अपने जेठजी के साथ ही होती हूं. हम सब, मतलब मेरे पति, जेठजी, जेठानी जी, देवर और देवरानी और मैं, जब सब घर में साथ में होते, तब हम सबके बीच मस्ती मज़ाक, एडल्ट जोक्स वगैरह सब चलता रहता है. फैमिली के सभी मेम्बर्स फ्रेंडली और खुले विचारों के हैं.
कभी कभार आफिस में काम के दौरान जेठजी का हाथ मेरे कूल्हों से भी टकरा जाता था, तो कभी उनकी कोहनी मेरे चूचों से लग जाती थी. मेरे जेठजी ये सब जानबूझ कर करते थे या अनजाने में . … ये तो मुझे नहीं पता था, पर उसके बाद जेठजी खुद ही शर्म महसूस करने लगते और मुझसे नजरें चुराने लगते, जिससे मुझे लगता कि शायद गलती से हो गया होगा.
मैं भी उन बातों पर ध्यान नहीं देती और अपने काम में लगी रहती.
सच कहूं तो दोस्तो, इतना टाइम साथ में रहने से और साथ में काम करने से मेरे दिल में जेठजी के लिए एक सॉफ्ट कार्नर बन गया था. वो कहते हैं ना कि एक मर्द और एक औरत जब काफी टाइम एक दूसरे के साथ बिताते हैं, तो उनके मन में सामने वाले के लिए कुछ ना कुछ फीलिंग्स तो आ ही जाती हैं. यही सब मेरे साथ भी हुआ था.
पर जेठजी का क्या हाल था, ये मुझे नहीं पता था.
जेठजी हमेशा की तरह ही रहते, उनके मन में क्या चलता, मैं कभी समझ ही नहीं पाती. ना ही कभी जेठजी ने ऐसी वैसी हरकत की, जिससे मैं कुछ समझ पाती … और ना ही कभी मेरे मन में जेठजी के साथ ऐसा कुछ करने का ख्याल आया था.
इसका एक कारण ये भी था कि हम दोनों के पास अपने शरीर की जरूरतों को पूरा करने का विकल्प मौजूद था. मेरे पति जब भी घर पर होते, तो ऐसी कोई रात नहीं होती … जिसमें मेरी चुदाई न होती हो. और सच कहूं, तो मेरे पति मुझे पूरी तरह संतुष्ट भी कर देते हैं. कभी कभी तो 2-2 बार चोदते हैं. मैं थक जाती पर मेरे पति नहीं थकते हैं. पता नहीं क्या खाकर आते और फिर मेरी चीख निकाल कर ही छोड़ते.
श्वेता भाभी से बातचीत में पता चलता कि जेठजी का भी वही हाल है, वो भी एक बार शुरू हो जाते, तो रुकने का नाम नहीं लेते. मतलब ये कि हम दोनों अपनी सेक्स लाइफ से खुश थे.
उस समय यही अगस्त सितम्बर का महीना चल रहा था. श्वेता भाभी को मायके गए यही कोई 15-20 दिन हुए थे और मेरे पति को ऑस्ट्रेलिया गए 5-6 दिन हुए थे. मेरा दिन तो आराम से कट जाता, पर रात को पति की याद सताने लगती. जिस चूत को रोज लंड का चस्का लगा हुआ हो … और लंड भी ऐसा जो चूत से पानी निकाल कर ही दम लेता हो. फिर उस चूत को लंड के बिना कैसे चैन पड़ता.
रात होते ही मेरी चूत में आग लग जाती और उस आग में घी का काम करता. मेरे पति का फ़ोन पर रोमांटिक बातें करना और मेरा अन्तर्वासना साईट की गरमगरम चुदाई की कहानी पढ़ना.
मैं आफिस से थोड़ा जल्दी चली आती क्योंकि मुझे खाना भी बनाना होता और घर पर पहुंच कर कामों के बीच अपने पति से बातें भी करती. जिनकी ज़िंदगी में किसी बात का टेंशन न हो और सब कुछ अच्छा चल रहा हो, तो वो अपने पति या पत्नी से कैसी रोमांटिक बातें करते हैं, ये आप सबको बताने की जरूरत नहीं है. आप सब ये तो जानते ही हैं … मेरा भी वही हाल था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.