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तुम्हारी रचना मौसी
#13
मौसी ने जब मोबाइल की टॉर्च को लेकर कम्बल के अन्दर देखा, तो वो देखती ही रह गईं.

उन्होंने धीरे से मेरी तरफ देखा और जब मैंने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की, तो वो धीरे से मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगीं.
मैं तो मन ही मन बहुत खुश हो गया था कि जो मैंने सोचा था, मेरा वो ही काम हो रहा है.
मौसी मेरे खड़े हुए लंड को जोर जोर से हिलाने लगीं और जब मेरा लंड पूरे जोश में आ गया, तो भला मैं कैसे रुक सकता था.
मैंने भी धीरे से करवट ली और जागने की एक्टिंग करने लगा.
जब मैंने आंख खोली तो मौसी को देखकर कहा- मौसी, आप अभी जाग रही हो?
मेरी मौसी बोलीं- अबे साले, तू भी तो कब से जाग रहा है. अपनी मौसी को पेलने के लिए लंड को बाहर निकाल रखा है.
मैं हंस दिया.
वो बोलीं- मैंने शाम को ही देख लिया था, जब तू मेरी ब्रा पर मुठ मार रहा था. उसी के बाद से मुझे तुझसे चुदने की खुजली होने लगी थी. इसलिए आज मैं तेरे साथ गेस्ट रूम सोने चली आई हूँ.
यह बात सुनकर मैं बोला- मौसी, कसम से आपकी चूत मारकर मैं तो धनी हो जाऊंगा.
वो बोलीं- अब मौसी की चूत की खुजली भी मिटाएगा या फिर ऐसे ही टाइम निकाल देगा!
दोस्तो उनके मुँह से यह बात सुनकर मैं तो सातवें आसमान पर पहुंच गया और मौसी की चूचियों पर टूट पड़ा.
मौसी ने रुका- कपड़े तो खोल लेने दे.
मगर मेरे ऊपर तो चुदाई का भूत सवार था. मैंने उनकी ब्रा उतार डाली और उनकी चूचियों को पीने लगा. अपने दोनों हाथों से जितना हो सकता था, उतना दबाना शुरू कर दिया.
मौसी जोर जोर से बोल रही थीं- आराम से … दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- मौसी, इस दर्द का भी अपना ही मजा है.
उनकी बातों पर मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और लगातार कुछ मिनट तक उनका रस पीने के बाद मुझे उनकी चूत चोदने का मन करने लगा.
मैंने मौसी से कहा- मौसी, आज मैं आपको जन्नत की सैर कराऊंगा.
वो बोलीं- पहले अपने रॉकेट को तो इंजन में लगा.
मैं मौसी की चूत में लंड लगा कर जोर जोर से पेलने लगा.
मौसी मस्ती से चिल्ला रही थीं- आंह … मार दिया साले ने … अपनी मौसी की चूत का भोसड़ा बना दिया … आह.
उनकी बातों को सुनकर मेरा लंड कामुकता से भरपूर हो रहा था.
धकापेल चुदाई चलने लगी थी.
आज मेरा लंड भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.
करीब 15 मिनट की चूत की शहनाई बजाने के बाद मेरा लंड अपनी औकात भूल गया और रोने लगा.
मैं मौसी के ऊपर ही गिर पड़ा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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मौसी - by neerathemall - 23-05-2022, 03:36 PM
RE: तुम्हारी रचना मौसी - by neerathemall - 23-05-2022, 03:37 PM



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