23-05-2022, 03:17 PM
मैंने इशारे से उसे बताया कि कह दो कि कमरे में हूँ.
शिल्पा बोली- दीदी, मैं ऊपर कमरे में हूँ.
अंजलि भाभी बोलीं- तुम चाय बना कर रखना, मैं दस मिनट में आ रही हूँ.
शिल्पा बोली- ठीक है दीदी.
फोन कट गया.
एक बार के लिए तो हम दोनों ही डर गए थे कि अंजलि भाभी कहीं ऊपर तो नहीं आ गईं.
शिल्पा बोली- अभी रहने दो … बाद में कभी मौका मिला तो कर लेना.
मैं जानबूझ कर मान नहीं रहा था कि कहीं ये बाद में मना ना करने लगे. अभी तो इसको चोदा तक नहीं है.
मैंने कहा- बस अभी हो जाएगा.
शिल्पा बोली- मैं पक्का वादा करती हूं यश … तुम जब बोलोगे, तो कर लूंगी.
मैं उसे अपना लंड को दिखा कर बोला- इसका क्या करूं?
वो बोली- अच्छा चलो इसको हाथ कर देती हूँ.
मैंने कहा- नहीं, करना है तो मुँह में चूस कर ढीला कर दो.
उसने ज्यादा समय खराब करना ठीक नहीं समझा, वो बोली- हां कर दूंगी ठीक है … पर अभी उठो.
मैंने कहा- ठीक है.
शिल्पा उठी और नीचे बैठ गई और मैं खड़ा हो गया. शिल्पा मेरे लंड को अब हाथ में लेकर जोर जोर से चूसने लगी.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और मैं उसके सर को पकड़ कर लंड पेल रहा था.
मैं ज्यादा अन्दर तक लंड नहीं पेल रहा था … बस आधा अन्दर तक ही डाल कर निकाल ले रहा था.
उसके हाथों से मेरे लंड को छूने से और चूसने से मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
जब वो अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटती तो मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था.
अब वो जोर जोर से मेरे लंड को पकड़ कर चूस भी रही थी और आगे पीछे भी कर रही थी.
कुछ देर में मुझे लगा कि अब बस हो जाएगा, तो मैंने उसको बताया नहीं.
वो बार बार पूछती- तुम्हारा हुआ या नहीं?
मैं भी ना बोल देता.
अगले ही पल में मैंने सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया.
जैसे ही उसके मुँह में मैंने माल निकाला, उसका मुँह भर गया.
उसने झट से वीर्य उगल दिया और जल्दी ही बाथरूम में जाकर सब साफ करके बाहर आ गई.
शिल्पा ने अपने कपड़े पहने और थोड़ा गुस्सा होते हुए बोली- ये जो किया है ना … वो अच्छा नहीं है.
मैं कुछ नहीं बोला.
वो जल्दी से नीचे चली गई. मैंने भी जल्दी जल्दी सब साफ किया और थोड़ी देर बाद नीचे चला गया.
दोस्तो, आपने भी समझ लिया होगा कि शिल्पा मेरे लंड से फंस चुकी थी.
शिल्पा बोली- दीदी, मैं ऊपर कमरे में हूँ.
अंजलि भाभी बोलीं- तुम चाय बना कर रखना, मैं दस मिनट में आ रही हूँ.
शिल्पा बोली- ठीक है दीदी.
फोन कट गया.
एक बार के लिए तो हम दोनों ही डर गए थे कि अंजलि भाभी कहीं ऊपर तो नहीं आ गईं.
शिल्पा बोली- अभी रहने दो … बाद में कभी मौका मिला तो कर लेना.
मैं जानबूझ कर मान नहीं रहा था कि कहीं ये बाद में मना ना करने लगे. अभी तो इसको चोदा तक नहीं है.
मैंने कहा- बस अभी हो जाएगा.
शिल्पा बोली- मैं पक्का वादा करती हूं यश … तुम जब बोलोगे, तो कर लूंगी.
मैं उसे अपना लंड को दिखा कर बोला- इसका क्या करूं?
वो बोली- अच्छा चलो इसको हाथ कर देती हूँ.
मैंने कहा- नहीं, करना है तो मुँह में चूस कर ढीला कर दो.
उसने ज्यादा समय खराब करना ठीक नहीं समझा, वो बोली- हां कर दूंगी ठीक है … पर अभी उठो.
मैंने कहा- ठीक है.
शिल्पा उठी और नीचे बैठ गई और मैं खड़ा हो गया. शिल्पा मेरे लंड को अब हाथ में लेकर जोर जोर से चूसने लगी.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और मैं उसके सर को पकड़ कर लंड पेल रहा था.
मैं ज्यादा अन्दर तक लंड नहीं पेल रहा था … बस आधा अन्दर तक ही डाल कर निकाल ले रहा था.
उसके हाथों से मेरे लंड को छूने से और चूसने से मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
जब वो अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटती तो मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था.
अब वो जोर जोर से मेरे लंड को पकड़ कर चूस भी रही थी और आगे पीछे भी कर रही थी.
कुछ देर में मुझे लगा कि अब बस हो जाएगा, तो मैंने उसको बताया नहीं.
वो बार बार पूछती- तुम्हारा हुआ या नहीं?
मैं भी ना बोल देता.
अगले ही पल में मैंने सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया.
जैसे ही उसके मुँह में मैंने माल निकाला, उसका मुँह भर गया.
उसने झट से वीर्य उगल दिया और जल्दी ही बाथरूम में जाकर सब साफ करके बाहर आ गई.
शिल्पा ने अपने कपड़े पहने और थोड़ा गुस्सा होते हुए बोली- ये जो किया है ना … वो अच्छा नहीं है.
मैं कुछ नहीं बोला.
वो जल्दी से नीचे चली गई. मैंने भी जल्दी जल्दी सब साफ किया और थोड़ी देर बाद नीचे चला गया.
दोस्तो, आपने भी समझ लिया होगा कि शिल्पा मेरे लंड से फंस चुकी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.