23-05-2022, 03:16 PM
मैंने शिल्पा को लंड चूसने को कहा तो वो मना करने लगी.
मैं बोला- देखो तुमने इतना तो कर ही लिया है. अब अगर आगे मजा लेना है तो तुम्हें मेरा साथ देना होगा.
कुछ देर मनाने के बाद शिल्पा बोली- ठीक है, पर अगर मुझे ये अच्छा नहीं लगा, तो मैं ज्यादा नहीं करूंगी.
मैंने कहा- हां ठीक है.
अब शिल्पा नीचे बैठ गई. पहले तो उसने मेरे लंड को सहलाया और अपने होंठों पर जैसे ही लगाया, मुझे तो मस्त मजा आने लगा.
उसे भी लंड पसंद आ गया था या साली ड्रामा कर रही थी. जो भी हो, उसने अगले ही पल में मेरे लंड को मुँह में लेकर अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था.
कुछ ही देर में मैं उसका सर पकड़ कर अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा, तो मेरा लंड उसके मुँह में ज्यादा ही अन्दर चला गया था.
एकदम से वो खांसने लगी और उसने लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया.
वो सांस लेती हुई बोली- आह … अब नहीं करूंगी.
मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और बिस्तर पर ले गया.
उधर मैंने उसको पीठ के बल लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
फिर उसके होंठों को चूमते हुए मैं उसके चूचों को चूसने लगा.
अब उसकी आवाज और जोर से निकलने लगी थी.
कुछ देर तक उसके दोनों चूचों को चूसने के बाद मैं बेहद उत्तेजित हो गया था.
मैं थोड़ा नीचे उसकी नाभि पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमाने लगा.
शिल्पा की मादक सीत्कारें ‘ऊओ ऊओ आअह्ह … आहह्ह आहह्ह … आआह्ह …’ माहौल को कामुक बनाने लगी थीं.
मैं उसकी पूरी बॉडी पर अपना हाथ चला रहा था.
अगले ही पल में मैं चूत पर आ गया.
मैं शिल्पा की जांघों पर हाथ से सहलाता रहा और साथ ही साथ उसको चूमता भी रहा.
ये सब शिल्पा को और भी अच्छा लगने लगा था.
फिर कुछ ही देर में मैंने जैसे ही उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरेदा … वो सिहर गई.
मैं चूत चाटने लगा और शिल्पा आवाज निकालने लगी ‘आअह्ह ऊओह ऊओह्ह आआह …’
उसको अब और भी अच्छा लगने लगा था.
शिल्पा ने अपने दोनों हाथ मेरे सर पर रख दिए और गर्म आवाजें निकालती हुई कहने लगी- आह यश चाटो … और जोर जोर से चाटो … आहह्ह आज पहली बार इतना मजा आ रहा है.
मैं और जोर जोर से उसकी चूत के दाने को चाटने लगा.
जब मैंने देखा कि उसकी चूत काफी गीली हो गई है तो मैं उसकी चूत में जीभ डालकर अन्दर से रस चाटने लगा.
मेरी खुरदुरी जीभ को अपनी चूत के अन्दर पाकर शिल्पा जोर जोर से सांस लेने लगी और वो अपनी गांड भी उठाने लगी थी ‘ऊऊह हह आआह ऊओ हह …’
उसकी चूत को चाट चाट कर मैं लाल कर दिया था.
वो मेरे सर के बालों को सहला रही थी और अपनी गांड को भी मस्ती में इधर उधर कर रही थी.
शिल्पा बहुत गर्म हो चुकी थी और उसकी चूत भी बहुत गीली हो चुकी थी.
मैंने देर न करते हुए उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दीं.
अभी उंगली अन्दर गई ही थीं कि शिल्पा ने अपनी गांड उठा कर पीछे कर लिया.
मैंने भी उसकी टांग को पकड़ कर नीचे की तरफ खींचा और उंगलियों को अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ ही पल में मेरी पूरी उंगलियां चूत के अन्दर तक जाने लगी थीं.
जैसे जैसे मेरी उंगलियां चूत में अन्दर बाहर हो रही थीं, वैसे वैसे शिल्पा की सिसकारियां भी बढ़ती जा रही थीं.
वो मुझे लगातार चुदाई के लिए कह रही थी.
फिर मैं उठा और अपना लंड शिल्पा की चूत से रगड़ने लगा.
इससे शिल्पा को और भी अच्छा लगने लगा.
कुछ पल ऐसे ही करते हुए हो गया था शिल्पा लंड चूत में अन्दर पेलने के लिए लगभग गिड़गिड़ाने लगी थी.
मैंने भी बहुत देर से अपने आप को रोक रखा था.
इतने में शिल्पा के मोबाइल पर कॉल आया.
मैंने देखा तो अंजलि भाभी का कॉल था.
शिल्पा ने मुझसे रुकने का कह कर कॉल उठाया.
अंजलि भाभी ने पूछा- कहां हो?
वो थोड़ा घबराने लगी.
मैं बोला- देखो तुमने इतना तो कर ही लिया है. अब अगर आगे मजा लेना है तो तुम्हें मेरा साथ देना होगा.
कुछ देर मनाने के बाद शिल्पा बोली- ठीक है, पर अगर मुझे ये अच्छा नहीं लगा, तो मैं ज्यादा नहीं करूंगी.
मैंने कहा- हां ठीक है.
अब शिल्पा नीचे बैठ गई. पहले तो उसने मेरे लंड को सहलाया और अपने होंठों पर जैसे ही लगाया, मुझे तो मस्त मजा आने लगा.
उसे भी लंड पसंद आ गया था या साली ड्रामा कर रही थी. जो भी हो, उसने अगले ही पल में मेरे लंड को मुँह में लेकर अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था.
कुछ ही देर में मैं उसका सर पकड़ कर अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा, तो मेरा लंड उसके मुँह में ज्यादा ही अन्दर चला गया था.
एकदम से वो खांसने लगी और उसने लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया.
वो सांस लेती हुई बोली- आह … अब नहीं करूंगी.
मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और बिस्तर पर ले गया.
उधर मैंने उसको पीठ के बल लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
फिर उसके होंठों को चूमते हुए मैं उसके चूचों को चूसने लगा.
अब उसकी आवाज और जोर से निकलने लगी थी.
कुछ देर तक उसके दोनों चूचों को चूसने के बाद मैं बेहद उत्तेजित हो गया था.
मैं थोड़ा नीचे उसकी नाभि पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमाने लगा.
शिल्पा की मादक सीत्कारें ‘ऊओ ऊओ आअह्ह … आहह्ह आहह्ह … आआह्ह …’ माहौल को कामुक बनाने लगी थीं.
मैं उसकी पूरी बॉडी पर अपना हाथ चला रहा था.
अगले ही पल में मैं चूत पर आ गया.
मैं शिल्पा की जांघों पर हाथ से सहलाता रहा और साथ ही साथ उसको चूमता भी रहा.
ये सब शिल्पा को और भी अच्छा लगने लगा था.
फिर कुछ ही देर में मैंने जैसे ही उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरेदा … वो सिहर गई.
मैं चूत चाटने लगा और शिल्पा आवाज निकालने लगी ‘आअह्ह ऊओह ऊओह्ह आआह …’
उसको अब और भी अच्छा लगने लगा था.
शिल्पा ने अपने दोनों हाथ मेरे सर पर रख दिए और गर्म आवाजें निकालती हुई कहने लगी- आह यश चाटो … और जोर जोर से चाटो … आहह्ह आज पहली बार इतना मजा आ रहा है.
मैं और जोर जोर से उसकी चूत के दाने को चाटने लगा.
जब मैंने देखा कि उसकी चूत काफी गीली हो गई है तो मैं उसकी चूत में जीभ डालकर अन्दर से रस चाटने लगा.
मेरी खुरदुरी जीभ को अपनी चूत के अन्दर पाकर शिल्पा जोर जोर से सांस लेने लगी और वो अपनी गांड भी उठाने लगी थी ‘ऊऊह हह आआह ऊओ हह …’
उसकी चूत को चाट चाट कर मैं लाल कर दिया था.
वो मेरे सर के बालों को सहला रही थी और अपनी गांड को भी मस्ती में इधर उधर कर रही थी.
शिल्पा बहुत गर्म हो चुकी थी और उसकी चूत भी बहुत गीली हो चुकी थी.
मैंने देर न करते हुए उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दीं.
अभी उंगली अन्दर गई ही थीं कि शिल्पा ने अपनी गांड उठा कर पीछे कर लिया.
मैंने भी उसकी टांग को पकड़ कर नीचे की तरफ खींचा और उंगलियों को अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ ही पल में मेरी पूरी उंगलियां चूत के अन्दर तक जाने लगी थीं.
जैसे जैसे मेरी उंगलियां चूत में अन्दर बाहर हो रही थीं, वैसे वैसे शिल्पा की सिसकारियां भी बढ़ती जा रही थीं.
वो मुझे लगातार चुदाई के लिए कह रही थी.
फिर मैं उठा और अपना लंड शिल्पा की चूत से रगड़ने लगा.
इससे शिल्पा को और भी अच्छा लगने लगा.
कुछ पल ऐसे ही करते हुए हो गया था शिल्पा लंड चूत में अन्दर पेलने के लिए लगभग गिड़गिड़ाने लगी थी.
मैंने भी बहुत देर से अपने आप को रोक रखा था.
इतने में शिल्पा के मोबाइल पर कॉल आया.
मैंने देखा तो अंजलि भाभी का कॉल था.
शिल्पा ने मुझसे रुकने का कह कर कॉल उठाया.
अंजलि भाभी ने पूछा- कहां हो?
वो थोड़ा घबराने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.