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Adultery भाई की शादी में सुहागरात मनायी-
#10
उसने कहा- नहीं हुआ यार, अभी 2-3 घंटे पहले ही चोदा था न तो जल्दी निकलने का नाम नहीं ले रहा।

मैं उसकी तरफ घूम गयी और दीवार से पीठ लगा के टेक लगा ली। अपना लहंगा उठा के कहा- अब जल्दी करो, इससे पहले कि कोई हम दोनों को ढूंढना शुरू करे।
वो मेरी चूत पे आया और पूरा लंड एक बार में डाल दिया।
मैंने कहा- अब रुकना मत … पूरी ताकत लगा दो, धक्के रुकने नहीं चाहिए।
और वो अपना पूरा जिस्म मेरे जिस्म पे टिका के अपनी पूरी ताकत से धक्के मारने लगा। उसका लंड जितनी गहराई में जा सकता था, जा रहा था और हम दोनों पूरी ताकत से चुदाई कर रहे थे। हम दोनों को पसीना आ गया था, अब हमारी आवाज हल्की सी तेज़ हो गयी थी, वहाँ पे सिर्फ हम दोनों की आह आह आहह हम्म हम्म की कामुक सिसकारियों की और हल्की हल्की पट्ट पट्ट की आवाज़े आ थी।
थोड़ी देर बाद मेरा शरीर अकड़ने सा लगा था और मेरी सिसकारियाँ रुक रुक के ‘आ…हह आआ आआ आ आ… हह आह… हहहह’ करके आने लगी. करन समझ गया कि मैं झड़ने के करीब पहुँच चुकी हूँ। उसने अपनी बची हुयी पूरी ताकत से धक्के मारने शुरू कर दिया और कुछ ही पल बाद फच्च्ह की आवाज के साथ आआहह हह हहहह… के साथ झड़ गयी और उसे अपने से दूर धकेल दिया और वहीं नीचे बैठ गयी और तेज़ तेज़ सांस लेने लगी।
उसने बोला- बस मुझे और झड़ जाने दो प्लीज!
मैंने हम्म कहा और खड़ी हो गयी.
और अब उसने अपना लंड गीली चूत में डाल के ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया। करीब 1 मिनट के बाद वो रुक रुक के तेज़ धक्के मारने लगा और आअअअअ… हह… कर के वहीं मेरी चूत में झड़ गया और मेरी बांहों में गिर गया।
हम दोनों पसीने से तर हो गए थे और हाँफ रहे थे।
2-3 मिनट तक अपनी सांसें काबू में करने के बाद उसने मेरे होंठों को किस किया और कहा- थैंक यू वेरी मच!
उसने मुझसे पूछा- तुम प्रेग्नेंट तो नहीं हो जाओगी ना?
मैंने कहा- तुम उसकी चिंता मत करो, मैं सेफ्टी के लिए गर्भ निरोधक गोली खा लूँगी।
हम दोनों उठे, मैंने अपने पर्स में से टिशू पेपर निकाला और उसका वीर्य और अपनी चूत का पानी साफ किया। फिर हमने अपने कपड़े सही किए और धीरे धीरे छुप के वापस मैरिज हाल में आ गए। मैं जल्दी जल्दी में अपने बिखरे बाल ठीक करना भूल गयी।
तन्वी तेज़ तेज़ मेरे पास आई और बोली- मेरे साथ आ जल्दी।
फिर हम बाथरूम में गयी और उसने कहा- चुदने की खुशी में मैडम बाल तो ठीक करना तो भूल ही गयी।
मैं शरमा के मुस्कुराने लगी और नीचे देखने लगी.
उसने कहा- अब क्यूँ शरमा रही है? ला मैं तेरे बाल ठीक करती हूँ।
उसने मेरे बाल ठीक किए और कपड़े भी ढंग से सेट किए। तब तक शादी की सारी रस्में हो चुकी थी और विदाई की रस्म चल रही थी। फिर हम दोनों अपनी गाड़ी में आकर बैठ गयी और घर के लिए निकल गयी।
सुबह हो चली थी और सूरज निकलने लग रहा था। मुझे शायद पहली बार इतनी खुशी हो रही थी कि मैं बार बार मुस्कुरा रही थी। तन्वी मुझे देख के पक्का सोच रही होगी कि मैं पागल हो गयी हूँ।
एक दिन और घर पे रुक कर हम हॉस्टल वापस आ गयी। फिर मैंने तन्वी को अपनी सारी कहानी बताई।
उसने कहा- मुझे तो पहले ही पता था कि अगर तू उसके साथ गयी है तो बिना चुदवाए वापस नहीं आ सकती. पर एक बात बता, तुझे डर नहीं ऐसे खुले आसमान के नीचे चुदवाते हुए?
मैंने कहा- शुरू में डर लग रहा था … पर फिर जोश में होश खोने का बाद कहाँ खयाल रहता है दुनिया का।
उसने बोला- चल मजा आया ना तुझे?
मैंने कहा- बहुत मजा आया!
और हम हंसने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भाई की शादी में सुहागरात मनायी- - by neerathemall - 23-05-2022, 02:38 PM



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