23-05-2022, 02:19 PM
तो उसने मेरे लहंगे का नाड़ा भी खोल दिया और वो वहीं गिर गया। अब मैं उसके सामने सिर्फ सफ़ेद पैंटी में खड़ी थी। मैंने भी अपन दायाँ हाथ उसकी पैंट पर लंड पे फिराया और घुटने के बल बैठ कर उसकी पैंट खोल दी।
इसके साथ ही उसने अपना बानियान भी उतार दिया। मैंने उंगलियाँ दे के उसका कच्छा भी उतार दिया। उसका तना हुआ लंड मेरे सामने था जो किसी साँप की तरह फुँकार मार के ऊपर नीचे हो रहा था। मैंने उसे अपने हाथों में भरा प्यार से सहलाया।
करन ने ज़ोर की आह भरी और बोला- आआह सुहानी … एक बार और करो प्लीज!
मैंने फिर से किया तो उसने कहा- बहुत मजा आ रहा है।
मैंने कहा- और मजा चाहिए क्या?
और उसके लंड को प्यार से किस कर लिया।
उसके आनंद की सीमा ही नहीं थी. मैंने धीरे धीरे उसका लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। करन को शायद इतना मजा कभी नहीं आया था और वो ज़ोर ज़ोर के आह भर रहा था। मैंने लगभग 2 मिनट तक उसका लंड जीभ लगा कर चूसा और रुक के खड़ी हो गयी।
मैं बोली- अब तुम्हारी बारी।
इतना सुनते ही उसने मुझे पीछे धकेल के बेड पे गिरा दिया और मेरी पैंटी उतार दी।
हालांकि मैं सेक्स कर चुकी थी पर काफी टाइम हो जाने की वजह से न मेरी चूत ज्यादा फैली थी और न ही उसकी शेप खराब हुयी थी, वो अब भी कुँवारी चूत जैसी दिख रही थी।
करन ने मेरी टांगें चौड़ी की अपना मुँह मेरी चूत में देकर चाटने लगा।
मैं जोश और वासना के समुंदर में डूब चुकी थी और स्सस शस्सस स्सशस करके कामुक सिसकारियाँ ले रही थी ज़ोर ज़ोर से। क्योंकि घर पे हम दोनों के अलावा कोई और नहीं था तो हम दोनों खुल के आवाज कर सकते थे।
ऐसे ही लगभग 2-3 मिनट चूत चाटने के बाद मेरी चूत गीली हो चुकी थी और मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसका सिर अपने हाथों से पकड़ के निकाला और बोली- अब देर न करो और मुझे ऐसा प्यार करो कि मैं कभी न भूल पाऊँ।
वो मेरे ऊपर आ गया, मेरे होंठों को किस कर के बोला- आई लव यू डियर सुहानी!
मैंने भी कहा- आई लव यू टू।
अब उसका लंड मुझे चोदने को और मैं उससे चुदने को तयार थी। उसने अपना लंड मेरी चूत पे सेट किया और धीरे धीरे अंदर धकेलना शुरू किया.
हालांकि मेरी चूत कुँवारी तो नहीं थी पर उसका लंड काफी लंबा और मोटा था, तकरीबन 7 इंच का और 2.5 इंच मोटा होगा। मैंने कहा- काफी बड़ा है तुम्हारा लंड … मुझे डर सा लग रहा है।
उसने कहा- कोई बात नहीं, मैं प्यार से डालूँगा तुम्हें तकलीफ नहीं होने दूंगा।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, थोड़ी तकलीफ तो मैं बर्दाश्त कर लूँगी, तुम घुसाओ।
उसने लंड मेरी चूत पे रखा और ज़ोर लगाने लगा, मुझे हल्का सा दर्द हो रहा था पर मजा भी बहुत आ रहा था उसका गर्म लंड अपनी गर्म चूत में लेने में।
थोड़ी कोशिश के बाद उसने पूरा लंड एक बार में घुसा दिया और मुझे उसके धक्के से हल्का सा झटका ऊपर को लगा। मैं ‘आआह …’ करके हल्के से चिल्लाई और फिर मेरी आंखों में एक दो आँसू से आ गए तो वो बोला- सॉरी सॉरी, तुम्हें दर्द हो रहा होगा न … मैं अभी निकालता हूँ.
मैंने उसकी बाजुओ को पकड़ा और कहा- रहने दो, तुम धक्के मारना शुरू करो, मैं ठीक हूँ।
उसने मुझे होंठों पे ज़ोर से किस किया और हल्के हल्के धक्के मारना शुरू किया। मुझे मजा आने लगा और मैं स्सस्स उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्सस्सस आह आह करके आवाज करने लगी। करन भी उम्मह उम्मह अम्महह उम्म करके धक्के मार रहा था। मेरे बूब्स उसके धक्कों से ऊपर नीचे हिल रहे थे और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। कमरे में हम दोनों की ज़ोर ज़ोर की सिसकारियों की और जिस्म से जिस्म टकराने की पट्ट पट्ट की हल्की सी आवाज आ रही थी।
ऐसे ही लगभग 7-8 मिनट तक वो मुझे प्यार से चोदता रहा और मैं मजे ले ले के चुदती रही। फिर वो थक गया तो मैंने कहा- थोड़ा आराम कर लो!
इसके साथ ही उसने अपना बानियान भी उतार दिया। मैंने उंगलियाँ दे के उसका कच्छा भी उतार दिया। उसका तना हुआ लंड मेरे सामने था जो किसी साँप की तरह फुँकार मार के ऊपर नीचे हो रहा था। मैंने उसे अपने हाथों में भरा प्यार से सहलाया।
करन ने ज़ोर की आह भरी और बोला- आआह सुहानी … एक बार और करो प्लीज!
मैंने फिर से किया तो उसने कहा- बहुत मजा आ रहा है।
मैंने कहा- और मजा चाहिए क्या?
और उसके लंड को प्यार से किस कर लिया।
उसके आनंद की सीमा ही नहीं थी. मैंने धीरे धीरे उसका लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। करन को शायद इतना मजा कभी नहीं आया था और वो ज़ोर ज़ोर के आह भर रहा था। मैंने लगभग 2 मिनट तक उसका लंड जीभ लगा कर चूसा और रुक के खड़ी हो गयी।
मैं बोली- अब तुम्हारी बारी।
इतना सुनते ही उसने मुझे पीछे धकेल के बेड पे गिरा दिया और मेरी पैंटी उतार दी।
हालांकि मैं सेक्स कर चुकी थी पर काफी टाइम हो जाने की वजह से न मेरी चूत ज्यादा फैली थी और न ही उसकी शेप खराब हुयी थी, वो अब भी कुँवारी चूत जैसी दिख रही थी।
करन ने मेरी टांगें चौड़ी की अपना मुँह मेरी चूत में देकर चाटने लगा।
मैं जोश और वासना के समुंदर में डूब चुकी थी और स्सस शस्सस स्सशस करके कामुक सिसकारियाँ ले रही थी ज़ोर ज़ोर से। क्योंकि घर पे हम दोनों के अलावा कोई और नहीं था तो हम दोनों खुल के आवाज कर सकते थे।
ऐसे ही लगभग 2-3 मिनट चूत चाटने के बाद मेरी चूत गीली हो चुकी थी और मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसका सिर अपने हाथों से पकड़ के निकाला और बोली- अब देर न करो और मुझे ऐसा प्यार करो कि मैं कभी न भूल पाऊँ।
वो मेरे ऊपर आ गया, मेरे होंठों को किस कर के बोला- आई लव यू डियर सुहानी!
मैंने भी कहा- आई लव यू टू।
अब उसका लंड मुझे चोदने को और मैं उससे चुदने को तयार थी। उसने अपना लंड मेरी चूत पे सेट किया और धीरे धीरे अंदर धकेलना शुरू किया.
हालांकि मेरी चूत कुँवारी तो नहीं थी पर उसका लंड काफी लंबा और मोटा था, तकरीबन 7 इंच का और 2.5 इंच मोटा होगा। मैंने कहा- काफी बड़ा है तुम्हारा लंड … मुझे डर सा लग रहा है।
उसने कहा- कोई बात नहीं, मैं प्यार से डालूँगा तुम्हें तकलीफ नहीं होने दूंगा।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, थोड़ी तकलीफ तो मैं बर्दाश्त कर लूँगी, तुम घुसाओ।
उसने लंड मेरी चूत पे रखा और ज़ोर लगाने लगा, मुझे हल्का सा दर्द हो रहा था पर मजा भी बहुत आ रहा था उसका गर्म लंड अपनी गर्म चूत में लेने में।
थोड़ी कोशिश के बाद उसने पूरा लंड एक बार में घुसा दिया और मुझे उसके धक्के से हल्का सा झटका ऊपर को लगा। मैं ‘आआह …’ करके हल्के से चिल्लाई और फिर मेरी आंखों में एक दो आँसू से आ गए तो वो बोला- सॉरी सॉरी, तुम्हें दर्द हो रहा होगा न … मैं अभी निकालता हूँ.
मैंने उसकी बाजुओ को पकड़ा और कहा- रहने दो, तुम धक्के मारना शुरू करो, मैं ठीक हूँ।
उसने मुझे होंठों पे ज़ोर से किस किया और हल्के हल्के धक्के मारना शुरू किया। मुझे मजा आने लगा और मैं स्सस्स उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्सस्सस आह आह करके आवाज करने लगी। करन भी उम्मह उम्मह अम्महह उम्म करके धक्के मार रहा था। मेरे बूब्स उसके धक्कों से ऊपर नीचे हिल रहे थे और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। कमरे में हम दोनों की ज़ोर ज़ोर की सिसकारियों की और जिस्म से जिस्म टकराने की पट्ट पट्ट की हल्की सी आवाज आ रही थी।
ऐसे ही लगभग 7-8 मिनट तक वो मुझे प्यार से चोदता रहा और मैं मजे ले ले के चुदती रही। फिर वो थक गया तो मैंने कहा- थोड़ा आराम कर लो!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.