23-05-2022, 02:16 PM
(23-05-2022, 02:15 PM)neerathemall Wrote:
लगभग एक महीने बाद मेरे मामा के लड़के की शादी थी और हम सब का जाना बहुत जरूरी था. मेरे घर वालों ने पैसे भेज दिये थे कि मैं शादी के लिए कपड़े दिल्ली से ही खरीद लूँ।
मैंने तन्वी को बोला- तू भी चल शादी में, मैं वहाँ ज्यादा किसी को जानती नहीं तो तू भी चल, मजा आयेगा. वरना मैं बोर हो जाऊँगी.
तो वो भी मान गयी।
फिर मैं तन्वी के साथ मार्केट गयी और वहाँ से हम दोनों कुछ अच्छे कपड़े खरीदे. मैंने एक लाइट पिंक लहंगा चुन्नी का जोड़ा खरीदा शादी में पहनने के लिए. इसके अलावा एक झुमकों का सेट भी लिया।
मैंने हॉस्टल में आकर उसे ट्राई किया अच्छे से, तन्वी ने देखा तो बोली- क्या बात है यार … तू इसमें बहुत खूबसूरत लग रही है, शादी में जाने से पहले अपने बाल स्टाइल करा के जाइयो यहीं से। मैंने कहा- ठीक है, चलेंगे।
अब शादी को सिर्फ 3 दिन ही बचे थे तो मैं तन्वी के साथ पार्लर चली गयी. वहाँ पर मैंने नया पूरा मेकओवर करवाया और बाल भी स्टाइल करने को बोला।
तन्वी ने कहा- तू कृति सेनन जैसे करा ले, तेरे पे बहुत अच्छे लगेंगे.
तो मैंने वैसे ही करा लिए।
अगले दिन हम दोनों सीधे मेरे मामा के घर पहुंचे तो सभी ने हमारा बहुत स्वागत किया. वहाँ शादी की तयारियाँ पूरे ज़ोरों पर थी।
शादी वाले दिन मैं और तन्वी पार्लर जाकर तैयार होकर आई थी। सभी रिश्तेदार मुझे देख के बोल रहे थे कि बहुत प्यारी लग रही है, खूब खिल रही है, लगता है, लगता है दिल्ली का पानी रास आ गया.
और मैं मुस्कुरा के शरमा जाती।
तन्वी ने मज़ाक में धीरे से मेरे कान में कहा- आंटी, पानी दिल्ली का नहीं किसी और का रास आ रहा है.
और हम दोनों हंसने लगी।
फिर शाम को बारात चढ़ी और हम दोनों भाई की शादी में खूब नाची और मजे किए। फिर कार से मैं, तन्वी और परिवार की कुछ लड़कियां के साथ बारात में चले गये। शादी का फंकशन एक मैरिज हाल में था। वहाँ हम डी जे के गानों पे खूब नाचे, लड़की वालों के रिश्तेदार भी हमें ही देख रहे थे और मैं थोड़ी ही देर में उनके परिवार में भी फ़ेमस हो गयी।
सभी लड़कियां खूबसूरत लग रही थी पर शायद मैं सबसे खूबसूरत और अलग लग रही थी, ये वहाँ के लड़कों की नजरें बता रही थी।
फिर हम नाश्ता करने चली गयी.
तो खाना खाते खाते तन्वी ने मेरे से कहा- यार, वो लड़का देख कितना क्यूट है, कब से तुझे देखे जा रहा है।
मैंने ध्यान नहीं दिया था पर उसके कहने पे ध्यान से देखा तो सच में लड़का बहुत स्वीट और हैंडसम था। करीब 5-10 सेकंड तक हम दोनों एक दूसरे को लगातार देखती रही. फिर जब तन्वी को लगा कि मैं उसे लगातार देखे जा रही हूँ, उसने मुझे कोहनी मारी तो मैं शरमा के मुस्कुरा के नीचे देखने लगी।
तन्वी ने कहा- पता तो कर कि है कौन ये।
मैंने कहा- तुझे क्या करना है, सेटिंग करनी है क्या?
तन्वी ने कहा- यार करा दे तो तेरा एहसान मानूँगी।
मैंने कहा- चल देखते हैं, जब कोई रिश्तेदार न हो आसपास तब देखते हैं, अभी कुछ और खाते हैं।
फिर हम दोनों खाने चली गई, वो लड़का भी हमारे आसपास ही घूमता रहा।
तन्वी ने कहा- देख यार, यहीं घूम रहा है.
मैंने तन्वी से ज़ोर से कहा ताकि वो लड़का भी सुन सके- चल यार, बाथरूम चलते हैं।
फिर हम दोनों बाथरूम चली गयी।
जैसा कि मुझे उम्मीद थी, वो लड़का भी बहाना सा करके हमारे पीछे पीछे आ गया।
हम दोनों ने मज़ाक में गुस्से से उससे कहा- तुम हम दोनों का पीछा क्यूँ कर रहे हो, बताऊँ अभी भैया को? अभी हड्डी पसली एक कर देंगे।
वो लड़का सच में डर गया और सॉरी बोल के चला गया।
उसके जाने के बाद हम दोनों खूब हँसी.
तन्वी बोली- बेचारे को इतना क्यूँ डरा दिया?
मैंने कहा- मैं तो मज़ाक कर रही थी, मुझे क्या पता था कि वो सच में डर जाएगा।
फिर वो लड़का हमें बस दूर से ही देखता रहा, मुझे उसपे बहुत तरस सा आया कि ‘यार इतना सीधा कौन होता है आज के जमाने में!’
फिर वरमाला की रस्म शुरू हो गयी और सब बहुत खुश हुए। सबने दूल्हा दुल्हन के साथ फोटो खिंचाई और हमने भी खिंचाई। मेरे परिवार वाले शादी में बिजी थे तो वो हम दोनों पे ध्यान नहीं दे रहे थे।
थोड़ी देर में मेहमान भी खाना खाकर इधर उधर होने लगे थे, भीड़ कम सी होने लगी थी।
मौका सा देख के मैंने उस लड़के को चुपके से मुस्कुरा के इशारा किया और मुड़ के दुबारा बाथरूम की तरफ जाने लगी। तन्वी को मैं वहीं पे छोड़ गयी थी।
जैसे ही मैं बाथरूम से निकली तो वो सामने ही खड़ा था। मैं मुसकुराते हुए नीचे देखते हुए थोड़ा साइड में चली गयी और जब देखा कि कोई नहीं देख रहा तो उसे अपने पास बुलाया।
वो आया तो मैंने बोला- सॉरी यार, मैंने तुम्हें डरा दिया, मैं मज़ाक कर रही थी।
तब उसकी जान में जान आई और वो बोला- सच में आपने तो मुझे डरा ही दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.