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Adultery कामवासना की तृप्ति- एक शिक्षिका की
#24
सच में लौंडिया लौड़ा चूसते हुए बहुत ही अधिक अच्छी लगती है. बहुत मज़ा आता है किसी हसीन, सेक्सी लड़की को लौड़ा चूसते हुए के नज़ारे से. बहनचोद ठरक बढ़े ही जाती है. मैं लंड को बार बार तुनका रहा था. खुद बा खुद ही मेरे चूतड़ ऊपर नीचे उछलने लगे थे. मुंह से हाय हाय करते हुए सिसकियाँ निकल रही थीं.

अचानक रानी ने लौड़ा पूरा का पूरा मुंह में गड़प लिया. अब लंड दिखाई देना बंद होकर सारा रानी के मुंह में खो गया था. रानी के होंठ लौड़े की जड़ से चिपक गए थे और उसकी नाक मेरी झांटों से रगड़ खा रही थी. अब रानी ने दोनों हाथों से लंड को जड़ से पकड़ लिया और लंड के नीचे की तरफ वाली मोटी नस को उंगली से ऐसे टंकारने लगी जैसे सितार बजाने वाले सितार के तारों को टंकारते हैं.
टुकुर टुकुर टुकुर … टुकुर टुकुर टुकुर. फिर टुकुर टुकुर टुकुर … टुकुर टुकुर टुकुर …
मज़े से मै ज़ोर से चिल्लाया- आह आआह आआह!
फिर उसने ब़ड़े दुलार से लौड़ा मुंह में लिए लिए सुपारी के चारों तरफ जीभ घुमाई, लंड को बाहर निकाला, खाल पीछे करके टोपा पूरा नंगा कर दिया. सिर्फ टोपा मुंह के अंदर लेकर रानी ने खाल ऊपर नीचे करना शुरू किया. उसका मुंह बहुत गरम था और तर भी. लंड के मज़े लग गये.
अचानक बाली रानी ने जीभ की नोक सुपारी के छेद में घुसाने की कोशिश की. हालांकि जीभ ज्यादह अंदर घुस नहीं पायी, पर जितनी भी घुसी उससे मेरे पूरे बदन में एक बिजली जैसी सरसरी सी दौड़ गयी. मज़े की पराकाष्ठा हो चली थी. उसने तेज़ तेज़ लंड को हिलाना शुरू कर दिया. उसकी जीभ कमाल का आनंद दे रही थी. कभी वह अपनी गर्म गर्म, मुखरस से तर जीभ टोपे पर घुमा घुमा के चाटती और कभी वह दुबारा जीभ को मोड़ के नोक लंड के छेद में घुसा के एक तेज़ करंट मेरे बदन में फैला देती.
यकायक रानी ने मेरे दोनों अण्डकोश थाम लिये और लंड पूरा का पूरा मुंह में घुसा लिया. वह ब़ड़े प्यार से अंडों को सहला रही थी और तेज़ तेज़ सिर को आगे पीछे करती हुई लंड को अंदर बाहर कर रही थी. उसके घने बाल इधर उधर लहरा रहे थे. मज़े के मारे मेरी गांड फटी जा रही थी. मैं बड़ी तेज़ी से चरम सीमा की ओर बढ़ रहा था. मेरी साँसें तेज़ हो चली थीं और माथे पर पसीने की बूंदें झलक आईं थीं. रानी ने रफ्तार और तेज़ कर दी, उसे अहसास हो गया था कि मैं जल्दी ही झड़ सकता हूँ. रानी का मुंह उसके मुख रस से लबालब था, लौड़ा अंदर बाहर होता तो सड़प … सड़प … सड़प की आवाज़ें निकलती.
रानी ने मेरे लंड और गांड के बीच में जो मुलायम सा भाग होता है, उसे ज़ोर से दबा दिया. उसने अपने दोनों अंगूठे उस कोमल जगह पर गाड़ दिये. एकदम से एक तेज़ गर्म लहर मेरी रीढ़ से आर पार गुज़री, मेरे मुंह से एक ज़ोर की सीत्कार निकली और मैं झड़ा. मैंने बाली रानी के बाल भींच के एक ज़ोरदार धक्का मारा. लंड बड़ी तेज़ी से उसका पूरा मुंह पार करता हुआ धड़ाम से उसके गले से जाकर टकराया. ऊँची ऊँची सीत्कार की आवाज़ें निकलता हुआ मैं बहुत धड़ाके से झड़ा. लौड़े ने बीस पचीस तुनके मारे और हर तुनके के साथ गर्म वीर्य के मोटे मोटे थक्के रानी के मुंह में झड़े. अण्डों में जमा हुआ मक्खन निकल गया. मैं बिल्कुल निढाल होकर बिस्तर पर फैल गया और अपनी उखड़ी हुई सांसों को काबू पाने की चेष्टा करने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: कामवासना की तृप्ति- एक शिक्षिका की - by neerathemall - 23-05-2022, 02:09 PM



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