23-05-2022, 02:04 PM
Quote:मैंने पूछा- मैडम जी अब चलूँ?मैडम इतने कस के लिपटी हुई थी कि उनके मम्मे मेरी छाती में और मेरा फनफनाता हुआ लौड़ा उनके पेट में चुभ रहा था.
मैडम ने एक उंगली उठाकर रुकने का इशारा किया और मेरे बहुत करीब आकर यकायक मुझसे लिपट गयीं. मेरे सर के पीछे हाथ लगाकर मेरा मुंह झुकाकर अपने मुंह के पास ले आईं. मैडम की गर्म गर्म मादक साँस मेरे मुंह पर लगने लगी.
मैं सटपटा गया और घबराहट के मारे मेरी टाँगें लड़खड़ाने लगीं.
“राजे, जिस लड़की की फोटो देख कर तुम्हारी मर्दानगी ज़ोर मार रही थी, ध्यान से मुझे देख कर बोलो, मैं क्या उससे कम हूँ? देखो मेरी ओर ध्यान से.”
मैंने दो तीन गहरी सांसें लेकर स्वयं को संतुलित किया और गौर से मैडम को देखा. अति सुन्दर चेहरा, मलाई जैसी गोरा रंग, बड़ी बड़ी आँखें और मादक हल्के से थरथराते हुए गुलाबी होंठ. वाकई में बाली मैडम उस मैगज़ीन वाली रंडी से कहीं अधिक हसीन थीं.
“मैडम जी, आप बहुत बहुत सुन्दर हैं … वो फोटो वाली हीरोइन आपके सामने क्या है … कुछ भी नहीं.” मैंने धीमी सी आवाज़ में उत्तर दिया.
“राजे, तुम मुझे किस करोगे … कभी किया किसी लड़की को किस?”
“नहीं मैडम कभी किसी को किस नहीं किया.”
हालाँकि मैं जिन लौंडों की गांड मारा करता था उनको कई बार किस कर चुका था परन्तु किसी लड़की का किस कभी नहीं लिया था. मैडम जैसी अति सुन्दर स्त्री को किस करने के नाम से ही दिल की धड़कनें तेज़ हो गयीं. माथे पर पसीना आने लगा.
मैंने हामी में सर हिलाया.
मैडम ने तुरंत मेरे सर को जकड़ के अपने मुंह से मुंह लगा दिया. न जाने कैसे खुद बा खुद ही मेरा मुंह थोड़ा सा खुल गया और पलक झपकते ही मैडम की जीभ मेरे मुंह में चली गयी.
उसके बाद मैडम की जीभ का कमाल का अत्यंत सुखद अनुभव मिला जिसकी कल्पना भी नहीं कर सकता था. उनकी जीभ कभी मेरी जीभ से लिपट जाती तो कभी मेरे मुंह में पूरा चक्कर लगाती. कई बार तो मैडम ने जीभ पूरी मुंह के भीतर देकर लपलप की और कई बार मेरे होंठों के अंदरूनी भाग पर जीभ घुमाई. मेरे तन बदन में बिजलियाँ दौड़ने लगीं. शरीर थरथराने लगा. उत्तेजना आकाश से भी ऊँची उड़ने लगी थी.
यह सब करते करते मैडम धीरे धीरे सरक सरक कर कुछ ही दूर रखे दीवान तक जा पहुंची थीं. उन्होंने मेरे कन्धों पर हाथ रख के दबाया तो मैं उनको लिपटाए लिपटाए दीवान पर आ गया. अब मैडम का मुंह मेरे मुंह के ऊपर था और उनके मुंह में तेज़ी से निकलती हुई लार मेरे मुंह में आने लगी. उनके मुखरस के आनंद से मैं मस्त हो गया. उम्म्ह… अहह… हय… याह… लौड़ा बेकाबू होकर और भी ज़ोर से कूद फांद करने लगा. जीभ का करिश्मा तो था ही, मैडम के हाथ भी मेरे बदन पर फिर रहे थे.
उन मुलायम, रेशमी हाथों का स्पर्श!! हे भगवान … मैं नहीं जानता था कि किसी लड़की की जीभ से हवस की पराकाष्ठा हो सकती है या लड़की हाथ मेरे बदन पर ऐसा जादू कर सकते हैं.
काफी देर ये गहन चुम्बन लेने के उपरान्त मैडम ने जीभ बाहर निकाल ली और फुसफुसाकर बोलीं- राजे तेरी मर्दानगी बहुत ज़ोर मार रही है … जवानी का भरपूर जोश है ना … देखूं तेरे लंड कैसा है.
उनके मुंह से लंड शब्द सुन कर मैं अचम्भे से सन्न हो गया. यह शब्द तो लड़के लोग आपस में बात करते हुए इस्तेमाल करते हैं. क्या लड़कियां भी यही भाषा बोलती हैं? क्या मालूम, मैंने तो कभी किसी लड़की के मुंह से ऐसा शब्द नहीं सुना था.
इससे पहले मैं कुछ सोच समझ पाता, मैडम ने मेरी पैन्ट की ज़िप नीचे कर दी और लौड़ा मेरे अंडरवियर से बाहर. जब तक मैंने यह महसूस किया कि लंड मेरे कच्छे से बाहर आ चुका है, मैडम ने अपने गाउन खोल कर धरती पर गिरा दिया था. अब वो एक मिनी नाईटी में थीं जो उनके घुटनों के तीन चार इंच ऊपर तक ही थी और लगभग पूर्णतया पारदर्शी थी.
उसका बदन हाड़ मांस का बना हुआ नहीं बल्कि केसर रूह अफ़ज़ा से मिक्स की हुई मलाई का बना लगता था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
