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Incest लॉकडाउन में दीदी को खूब चोदा
#36
वह मेरे लंड में लगे हुए अपनी चूत के पानी को जीभ से चाटने लगी।

काफी देर तक चाटने के बाद जब लंड उनकी चूत के पानी से साफ हो गया तो वह बोली- आज से पहले मैंने ऐसे इस तरीके से अपनी चूत का पानी मुंह में नहीं लिया है। बहुत ही मादक और टेस्टी है।
यह कहते हुए भाभी मेरे बाजू में लेट गई और अपने दोनों पैर फैलाकर मेरी आंखों में देखने लगी।
मैं देख कर समझ गया कि भाभी मुझसे क्या कहना चाहती हैं।
मैं उठ कर उनके पैरों के बीच में आया और गांड के नीचे तकिया रखकर अपनी जीभ उनकी चूत पर घुमा दी जिससे भाभी की मादक सिसकारी निकल गई।
फिर मैं अपनी जीभ को चूत के छेद में डालकर तेजी से अंदर बाहर करने लगा।
ऐसा करने से भाभी ने अपनी कमर हवा में उठाई और अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को खुद अपनी चूत पर दबाया और पानी छोड़ दिया।
भाभी की चूत का कुछ पानी मेरे मुंह में आया और मैं स्वाद लेने लगा।
चूत का कुछ पानी मेरे होंठों और ठोड़ी पर लग गया।
फिर भाभी ने अपनी कमर एकदम से नीचे धड़ाम से बेड पर पटकी और जल्दी से उठ कर बैठ गई।
उसने अपने दोनों हाथों से मेरे चेहरे को पकड़ा और अपनी जीभ निकालकर जहां जहां अपनी चूत का पानी मेरे चेहरे पर लगा हुआ था, चाट कर साफ़ कर दिया।
मैं- चल मेरी डार्लिंग, कुतिया बन जा!
जब वह कुतिया बन गई तो मेरी नज़र उसकी चमकती हुई गांड के छेद पर पड़ी।
मेरा लंड उसकी चूत में न जाकर गांड में घुसने के लिए लालायित हो गया।
मैंने कुछ तेल अपने लंड पर लगाया और कुछ तेल उसकी गांड के ऊपर लगाया और उंगली करने लगा।
मेरा मकसद था कि जिससे तेल अंदर तक चला जाए।
मोहिनी भाभी- डार्लिंग क्या कर रहे हो … वहां पर नहीं करना है।
मैं- डार्लिंग, मैंने तुमसे अभी कुछ देर पहले गांड मांगी है और तुमने भी कहा है कि हां कर लेना … तो अब अपनी बात से क्यों पीछे हट रही हो?
भाभी- वह तो मैं उस समय होश में नहीं थी, आज तक मैंने अपनी गांड अपने पति को भी नहीं मारने दी। तुमको क्यों मारने दूंगी फिर?
मुझे उसकी बात सुनकर बहुत बुरा लगा और गुस्सा भी बहुत आया तो मैं बाजू में लेट गया।
मोहिनी भाभी- क्या हुआ तुमको? तुम पलंग पर क्यों लेट गए … मेरे साथ सेक्स नहीं करना क्या?
मैं- मैंने कब तुम्हें मना किया है सेक्स करने के लिए … यह मेरा लंड खड़ा हुआ है। मैं लेट गया हूं। इसे अपनी चूत में लो और झटके मार कर अपना पानी निकाल दो। तुम्हारा काम हो जाएगा तो मैं भी नहा धोकर अपने रूम पर चला जाऊंगा।
दोस्तो, मैं उसे भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने लगा।
फिर भाभी मेरे ऊपर चढ़ाकर लेट गई और किस करते हुए बोली- लगता है तुम मेरी आज गांड मारकर ही रहोगे। नहीं मानोगे … मगर यार बाबू … गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है, ऐसा मैंने अपनी सहेलियों से सुना है।
मैं फिर भी कुछ ना बोला।
फिर भाभी बोली- मेरा बाबू नाराज है? नहीं मानेगा? अपना लंड मेरी गांड में ही डालेगा … तो ठीक है।
वो बिना कुछ बोले फिर मेरे सामने कुतिया बन गई।
फिर बोली- लो डार्लिंग … मैंने अपनी गांड तुम्हारे हवाले कर दी है, अब प्यार से मारो या बेदर्दी से … चाहे चोदो या फाड़ो … यह गांड तुम्हारी है।
मैं चुपचाप उठा और उसके पीछे गया और प्यार से उसकी गांड को चूमा; धीरे-धीरे उसकी गांड में उंगली करने लगा।
फिर उसकी गांड को चाटा।
वह गर्म होने लगी और फिर धीरे-धीरे करके मैंने उसकी गांड में अंदर तक उंगली डाली।
जब वह गर्म हो गई तो मैंने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और उसकी गांड से लंड टच करके धीरे-धीरे घिसने लगा।
दोस्तो, इसमें इतना मजा आ रहा था कि अब मुझसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था।
मैं अपना लंड उसकी गांड में धीरे-धीरे डालने लगा। एक बार उसे दर्द हुआ तो उसने अपनी गांड आगे खींच ली।
मैंने गुस्से में आकर जोर से एक चांटा उसके चूतड़ों पर जड़ दिया जिससे वो चिल्ला उठी।
फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड में डालना शुरू किया।
बड़ी मुश्किल से उसकी गांड में लंड का मुंड गया तो उसे दर्द होने लगा और वो आराम से करने के लिए कहने लगी।
मगर मेरे ऊपर अब हैवानियत सवार हो चुकी थी।
मैंने उसकी कमर को जोर से पकड़ा और एक झटका मारा।
मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया और वह जोर से चिल्लाई- आआआ ईईई … ऊऊऊऊ ईईईई … मर गयी … आह्ह … मम्मी …
करते हुए वो रोने लगी।
मगर मैं भी कहां मानने वाला था; धीरे से लंड को पीछे खींचा और फिर झटका मार दिया।
मेरा पूरा लंड भाभी की गांड में समाहित हो चुका था।
उसने जोर से अपना एक हाथ बेड पर पटका और बाजू में रखे हुए तकिया को उठाकर उसमें अपना मुंह दबा लिया।
उसको नॉर्मल करने के लिए मैं उसकी चूत में उंगली करता रहा और उसकी चूचियों को दबाता रहा।
जब वह सामान्य हुई तो मैं लंड धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा।
मगर उसे मजा नहीं आ रहा था, वह दर्द से तड़पती रही।
कुछ देर तक उसकी गांड मारने के बाद मुझे उस पर दया आ गई और मैंने लंड उसकी गांड से निकाल लिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: लॉकडाउन में दीदी को खूब चोदा - by neerathemall - 23-05-2022, 01:39 PM



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