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Incest लॉकडाउन में दीदी को खूब चोदा
#33
वो मेरे बाजू में आकर बैठ गई।

फिर बाजू में रखे हुए रिमोट से टीवी बंद करके मेरा हाथ खींच कर बेडरूम में ले गई और बोली- मुझे कबड्डी खेलना है।
मैं- मुझे भी कबड्डी खेलना है मगर मैं चाहता हूं कि तुम वही जिम सूट पहन कर आओ।
मोहिनी भाभी- उस जिम सूट में क्या है ऐसा?
मैं- उस जिम सूट में तुम बहुत ही कड़क लगती हो। तुम्हारा पूरा शरीर गोरा है और वह जिम सूट तुम्हारे शरीर से पूरा चिपका हुआ दिखता है। जिसे देखकर ऐसा लगता है कि तुम्हें पकड़ कर खा जाऊं।
मोहिनी भाभी- अच्छा तो यह बात है .. हा-हा-हा। ठीक है तो, अभी आई।
वह अपने दूसरे रूम में चली गई और कुछ देर बाद आई तो भाभी उसी सूट में थी जिस सूट में वह सुबह मेरे रूम में आई थी।
मैं उसके पास गया और तुरंत उसे अपने दोनों हाथों में उठाया और उठाकर उसके बेडरूम की ओर चल दिया।
उसके पलंग पर उसे लिटाने के बाद मैं उसके ऊपर चढ़ गया और कपड़ों के ऊपर से ही उसके दो कचौड़ीनुमा दूध जोर-जोर से दबाने लगा।
ऐसा मन कर रहा था जैसे मैं उन दो कचौड़ियों को उखाड़ कर खा जाऊं।
भाभी- डार्लिंग, आराम से दबाओ। इतनी बेदर्दी से तो मेरे पति ने भी इनको कभी नहीं दबाया। बहुत दर्द हो रहा है … इतने बेरहम, बेदर्द मत बनो।
उसने मेरे चेहरे को अपने दोनों हाथों से पकड़कर नीचे खींचा और अपने होंठों पर मेरे होंठ रखवा लिए और अंदर जीभ डाल दी।
जवाब में मैं भी अपनी जीभ से उनकी जीभ लड़ाने लगाl
कुछ देर तक किस करने के बाद मैं बाजू में लेटा और अपना सीधा हाथ उनके स्तन पर जोर से दबाया तो उन्होंने गुस्से से एक चांटा मेरे हाथ पर मारा।
फिर बोली- बदतमीज … बोला है आराम से कर!
मैं धीरे-धीरे हाथ फिराता हुआ उसके पेट पर गया और नाभि पर अपनी उंगली से गोल गोल घुमाया।
फिर उसकी ब्लैक लैगी के ऊपर जो कि उसकी चूत पर बहुत ही टाइट थी, ऊपर से ही चूत पर हाथ फेरने लगा।
अब वह अपने पैर दाएं बाएं पटक रही थी।
मेरी नजर बाजू पर रखी हुई टेबल पर गई जिस पर उसकी चांदी की पायल रखी हुई थीं; उसमें बहुत सारे घुंघरू लगे हुए थे।
शायद लैगी पहनते हुए उसने उतार दी होंगी।
कुछ देर तक ऐसे ही खेलते रहने के बाद मैंने धीरे धीरे करके उसके जिम सूट को उतार दिया।
अब भाभी मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी हुई थी, उसका शरीर एकदम पीले सोने जैसे चमक रहा था।
मैं उसके ऊपर से उठा और अपने कपड़े उतार दिए; मैं भी नंगा हो गया।
वो मुझे आशा की नजर से देख रही थी मगर मैं मुड़ा और सीधा हॉल की तरफ जाने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: लॉकडाउन में दीदी को खूब चोदा - by neerathemall - 23-05-2022, 12:15 PM



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