22-05-2022, 06:06 PM
(This post was last modified: 22-05-2022, 10:24 PM by Hot_Guy. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
PART-15
सुधांशु और शालिनी का पनिशमेंट शो ख़त्म हो चुका था
अगले पनिशमेंट शो की बारी अब रोहन और रागिनी की थी
रोहन ने रागिनी को अपनी गोद में से उठाकर अपने सामने खड़ा कर लिया था
रोहन एक बड़े से सोफे पर अकेला बैठा हुआ था-उसने रागिनी की तरफ देखा और बोला : जाओ टेबल पर रखे पेशाब भरे गिलास को उठाकर लाओ और मेरे सामने बैठकर पीना शुरू करो-पीने के बाद मुझे बताओ कि तुम्हे यह ड्रिंक कितना टेस्टी लगा
रागिनी : नहीं सर, मैं यह पेशाब नहीं पी सकती-मुझे तो गिलास को छूते हुए भी बहुत घिन आ रही है-मुझसे यह नहीं होगा सर-आप कुछ और सजा दे सकते हैं प्लीज़ लेकिन पेशाब पीने के लिए मजबूर न करें
रोहन : कोई बात नहीं. जब तक तुम खुद पेशाब पीने के लिए नहीं कहोगी, हम तुम्हे पेशाब नहीं पिलायेंगे -जैसे तुम कह रही हो तुम्हे कुछ और सजा दे देते हैं
यह कहने के साथ ही रोहन ने फार्म हॉउस में मौजूद अपने नौकर को आवाज़ देकर बुला लिया : रणजीत, इधर आओ
कुछ ही देर में पास के एक छोटे से कमरे से एक 18-19 साल का लड़का निकलकर रोहन के पास आ गया : जी साहब
पांचों लड़कियां जो बिलकुल नंगी खड़ी हुई थीं, रोहन के इस नौकर को देखकर और ज्यादा शर्माने लगीं.
रोहन का नौकर रणजीत 18-19 साल का था. एकदम काले रंग का रणजीत लगभग 5 फिट 8 इंच लम्बा था और उसने एक टी शर्ट और निक्कर पहना हुआ था -रणजीत अक्सर इस तरह की पार्टियां देखता रहता था इसलिए उसे कुछ हैरानी नहीं हो रही थी क्योंकि उसके लिए यह सब आम बात थी.
रोहन (रागिनी से) : एक बार फिर से सोच लो कि टेबल पर रखा पेशाब का गिलास पीना है या नहीं. एक बार सजा शुरू हुई तो पेशाब पीने का मौका भी सजा पूरी होने के बाद ही मिलेगा
रागिनी : प्लीज़ नहीं सर मैं पेशाब नहीं पी पाउंगी -उसमे तो पांच पांच लोगों का पेशाब और थूक दोनों मिला हुआ है
रोहन : ठीक है कोई बात नहीं . रणजीत तुम ऐसा करो -रागिनी को इधर मेरे पास लाकर मेरी गोद में उल्टा करके लिटा दो -इसके मस्त मस्त नितम्बों पर मैं इस मोटे बेंत से पचास स्ट्रोक लगाऊंगा -मेरे इस काम में तुम मेरी मदद करोगे
रणजीत समझ गया था कि रोहन क्या चाहता है क्योंकि वह अक्सर ही यह सब करता रहता था
रणजीत मुस्कराता हुआ निर्वस्त्र खड़ी रागिनी के पास पहुंचा और उसे पकड़कर रोहन के पास ले आया और उसे रोहन की गोद में उसकी टांगों के ऊपर इस तरह से लिटा दिया जिससे कि उसके नितम्बों पर रोहन आसानी से बेंत मार सके. रागिनी की चिकनी जांघें और पेट अब रोहन की टांगों और उसके लण्ड पर टिकी हुई थीं. सोफे पर ही कुछ दूरी पर रणजीत भी बैठ गया और उसने रागिनी के चेहरे को पकड़कर अपनी गोद में रख लिया था. अब रागिनी का चेहरा और उसके मम्मे रंजीत के लण्ड और टांगों पर टिके हुए थे और उसका पेट और जाँघे रोहन के लण्ड और टांगों पर टिके हुए थे.
सब लोग टकटकी लगा लगाकर यह तमाशा देख रहे थे -सबको यह पता था कि अब क्या होने वाला है. रोहन ने रागिनी के मस्त मस्त गोल सुडौल नितम्बों पर अपने हाथ को फिराते हुए कहा : अब मैं तुम्हारे इन मस्त मस्त नितम्बों पर इस बेंत से कम से कम 50 स्ट्रोक लगाऊंगा -अगर 50 स्ट्रोक के बाद भी तुम पेशाब पीने के लिए तैयार नहीं हुईं तो 50 की जगह 100 स्ट्रोक्स लगाए जाएंगे
यह कहने के साथ ही रोहन ने अपने हाथ में पकडे बेंत से गिनती करते हुए रागिनी के नितम्बों पर स्ट्रोक मारने शुरू कर दिए -हर स्ट्रोक पर रागिनी का पूरा बदन जोर से उछल रहा था और रोहन और रणजीत के लण्ड पर उसका बदन लगातार टकरा रहा था -रणजीत अपने हाथ को रागिनी की पीठ पर फिराता हुआ उसके चेहरे को अपने लण्ड के ऊपर रगड़वा रहा था. कुछ ही देर में चुपके से रणजीत ने अपने निक्कर की ज़िप खोलकर अपने लण्ड को बाहर निकाल लिया था और उस लण्ड को वह रागिनी के गालों, होंठों और चेहरे पर रगड़वा रहा था. रागिनी के दोनों हाथों को रणजीत ने कसकर पकड़ रखा था और इस तरह वह अपने चेहरे और होंठों को रणजीत की गोद में उसके खड़े लण्ड पर रगड़ने के लिए मजबूर थी -30 स्ट्रोक लग चुकने के बाद रागिनी कहने लगी : सर प्लीज़ अब मत मारो-मैं पेशाब पीने के लिए तैयार हूँ.
रोहन : मैंने कहा था कि कम से कम 50 स्ट्रोक तो जरूर लगाए जाएंगे -अब 50 स्ट्रोक के बाद ही तुम्हे पेशाब पीने का मौका मिलेगा यह कहकर रोहन ने फिर से उसके नितंबों पर बेंत मारना शुरू कर दिया और रागिनी फिर से रोहन और रणजीत की गोद में उछल उछल कर उनके लंड को और कड़क करने लगी-इस बीच रणजीत को शरारत सूझी और उसने रागिनी के मुंह को खुलवाकर अपना लण्ड उसके मुंह में घुसेड़ दिया और उसके साथ जबरन मुख मैथुन का मज़ा लेने लगा -रोहन के बेंत का स्ट्रोक लगने के साथ ही रागिनी उछल उछल कर अब रणजीत का लण्ड भी चूसने के लिए मजबूर थी -दोनों लोग उसके मस्त बदन से एक साथ भरपूर मज़ा ले रहे थे
50 बेंत लगते लगते रागिनी के मुंह में रणजीत अपने लण्ड की पिचकारी छोड़ चुका था पर क्योंकि वह उल्टी लेटकर उसका लण्ड चूस रही थी, इसलिए काफी वीर्य सोफे पर और रणजीत के निक्कर पर भी गिर गया था
50 बेंत लगने के बाद रागिनी पूरी तरह से सरंडर कर चुकी थी
रोहन ने उसे अपनी टांगों पर से हटा दिया था लेकिन रणजीत उससे यह कह रहा था : चल साली नीचे बैठ और मेरा लण्ड भी साफ़ कर, मेरे निक्कर पर लगे वीर्य को भी चाट चाटकर साफ कर और इस सोफे पर गिरे वीर्य को भी अपनी जीभ से चाट कर साफ़ कर
रागिनी रणजीत के काले मोटे खड़े लण्ड को अपनी जीभ फिरा फिराकर साफ़ करने लगी -इसके बाद उसने रणजीत के निक्कर और सोफे पर लगे वीर्य को भी अपनी जीभ से चाटकर साफ़ किया
इस बीच सुधांशु हँसता हुआ रोहन से बोला: यार तुम्हारे इस नौकर के तो बड़े मज़े हैं -यह सब लौंडियों से खूब मज़े लेता होगा
रोहन : हाँ लेकिन यह मेरा बहुत पुराना और वफादार नौकर है-पूरा फार्म हॉउस यही संभालता है और हमारी सारी बातों को एकदम गोपनीय भी रखता है -उसका इनाम तो इसे मिलना ही चाहिए
वहां बैठे सभी लोग रागिनी, रोहन और रणजीत के इस पनिशमेंट शो को देखकर बहुत उत्तेजित और गर्म हो चुके थे और अपनी अपनी गोद में बैठी हुई लड़कियों को दबा-सहला और मसलकर अपनी गर्मी को शांत कर रहे थे
जब रागिनी को रणजीत ने छोड़ा तो रोहन उससे बोला : चल साली अब पेशाब का गिलास उठा कर ला और मेरे सामने बैठकर पीना शुरू कर
रागिनी टेबल पर रखा पेशाब भरा गिलास उठा लाई और रोहन के आगे उसकी टांगों के बीच में आकर फर्श पर बैठ गयी
रागिनी ने जैसे ही गिलास का पहला घूंट पिया तो एकदम उसका चेहरा देखने लायक था लेकिन फिर उसे लगा कि उसने पीने से मना किया तो फिर से उसका पिछवाड़ा लाल होना शुरू हो जाएगा
रोहन ने रागिनी को थोड़ी सख्त आवाज़ में दुबारा से कहा : मैं तीन तक गिनती बोलूंगा -अगर तब तक यह गिलास खली नहीं हुआ तो तेरी सजा फिर से शुरू हो जाएगी
यह कहकर उसने गिनती बोलनी शुरू कर दी -एक...दो... तीन
तीन की गिनती के बाद रोहन ने देखा कि रागिनी का गिलास एकदम खाली हो चुका था
शेष अगले भाग में ....
सुधांशु और शालिनी का पनिशमेंट शो ख़त्म हो चुका था
अगले पनिशमेंट शो की बारी अब रोहन और रागिनी की थी
रोहन ने रागिनी को अपनी गोद में से उठाकर अपने सामने खड़ा कर लिया था
रोहन एक बड़े से सोफे पर अकेला बैठा हुआ था-उसने रागिनी की तरफ देखा और बोला : जाओ टेबल पर रखे पेशाब भरे गिलास को उठाकर लाओ और मेरे सामने बैठकर पीना शुरू करो-पीने के बाद मुझे बताओ कि तुम्हे यह ड्रिंक कितना टेस्टी लगा
रागिनी : नहीं सर, मैं यह पेशाब नहीं पी सकती-मुझे तो गिलास को छूते हुए भी बहुत घिन आ रही है-मुझसे यह नहीं होगा सर-आप कुछ और सजा दे सकते हैं प्लीज़ लेकिन पेशाब पीने के लिए मजबूर न करें
रोहन : कोई बात नहीं. जब तक तुम खुद पेशाब पीने के लिए नहीं कहोगी, हम तुम्हे पेशाब नहीं पिलायेंगे -जैसे तुम कह रही हो तुम्हे कुछ और सजा दे देते हैं
यह कहने के साथ ही रोहन ने फार्म हॉउस में मौजूद अपने नौकर को आवाज़ देकर बुला लिया : रणजीत, इधर आओ
कुछ ही देर में पास के एक छोटे से कमरे से एक 18-19 साल का लड़का निकलकर रोहन के पास आ गया : जी साहब
पांचों लड़कियां जो बिलकुल नंगी खड़ी हुई थीं, रोहन के इस नौकर को देखकर और ज्यादा शर्माने लगीं.
रोहन का नौकर रणजीत 18-19 साल का था. एकदम काले रंग का रणजीत लगभग 5 फिट 8 इंच लम्बा था और उसने एक टी शर्ट और निक्कर पहना हुआ था -रणजीत अक्सर इस तरह की पार्टियां देखता रहता था इसलिए उसे कुछ हैरानी नहीं हो रही थी क्योंकि उसके लिए यह सब आम बात थी.
रोहन (रागिनी से) : एक बार फिर से सोच लो कि टेबल पर रखा पेशाब का गिलास पीना है या नहीं. एक बार सजा शुरू हुई तो पेशाब पीने का मौका भी सजा पूरी होने के बाद ही मिलेगा
रागिनी : प्लीज़ नहीं सर मैं पेशाब नहीं पी पाउंगी -उसमे तो पांच पांच लोगों का पेशाब और थूक दोनों मिला हुआ है
रोहन : ठीक है कोई बात नहीं . रणजीत तुम ऐसा करो -रागिनी को इधर मेरे पास लाकर मेरी गोद में उल्टा करके लिटा दो -इसके मस्त मस्त नितम्बों पर मैं इस मोटे बेंत से पचास स्ट्रोक लगाऊंगा -मेरे इस काम में तुम मेरी मदद करोगे
रणजीत समझ गया था कि रोहन क्या चाहता है क्योंकि वह अक्सर ही यह सब करता रहता था
रणजीत मुस्कराता हुआ निर्वस्त्र खड़ी रागिनी के पास पहुंचा और उसे पकड़कर रोहन के पास ले आया और उसे रोहन की गोद में उसकी टांगों के ऊपर इस तरह से लिटा दिया जिससे कि उसके नितम्बों पर रोहन आसानी से बेंत मार सके. रागिनी की चिकनी जांघें और पेट अब रोहन की टांगों और उसके लण्ड पर टिकी हुई थीं. सोफे पर ही कुछ दूरी पर रणजीत भी बैठ गया और उसने रागिनी के चेहरे को पकड़कर अपनी गोद में रख लिया था. अब रागिनी का चेहरा और उसके मम्मे रंजीत के लण्ड और टांगों पर टिके हुए थे और उसका पेट और जाँघे रोहन के लण्ड और टांगों पर टिके हुए थे.
सब लोग टकटकी लगा लगाकर यह तमाशा देख रहे थे -सबको यह पता था कि अब क्या होने वाला है. रोहन ने रागिनी के मस्त मस्त गोल सुडौल नितम्बों पर अपने हाथ को फिराते हुए कहा : अब मैं तुम्हारे इन मस्त मस्त नितम्बों पर इस बेंत से कम से कम 50 स्ट्रोक लगाऊंगा -अगर 50 स्ट्रोक के बाद भी तुम पेशाब पीने के लिए तैयार नहीं हुईं तो 50 की जगह 100 स्ट्रोक्स लगाए जाएंगे
यह कहने के साथ ही रोहन ने अपने हाथ में पकडे बेंत से गिनती करते हुए रागिनी के नितम्बों पर स्ट्रोक मारने शुरू कर दिए -हर स्ट्रोक पर रागिनी का पूरा बदन जोर से उछल रहा था और रोहन और रणजीत के लण्ड पर उसका बदन लगातार टकरा रहा था -रणजीत अपने हाथ को रागिनी की पीठ पर फिराता हुआ उसके चेहरे को अपने लण्ड के ऊपर रगड़वा रहा था. कुछ ही देर में चुपके से रणजीत ने अपने निक्कर की ज़िप खोलकर अपने लण्ड को बाहर निकाल लिया था और उस लण्ड को वह रागिनी के गालों, होंठों और चेहरे पर रगड़वा रहा था. रागिनी के दोनों हाथों को रणजीत ने कसकर पकड़ रखा था और इस तरह वह अपने चेहरे और होंठों को रणजीत की गोद में उसके खड़े लण्ड पर रगड़ने के लिए मजबूर थी -30 स्ट्रोक लग चुकने के बाद रागिनी कहने लगी : सर प्लीज़ अब मत मारो-मैं पेशाब पीने के लिए तैयार हूँ.
रोहन : मैंने कहा था कि कम से कम 50 स्ट्रोक तो जरूर लगाए जाएंगे -अब 50 स्ट्रोक के बाद ही तुम्हे पेशाब पीने का मौका मिलेगा यह कहकर रोहन ने फिर से उसके नितंबों पर बेंत मारना शुरू कर दिया और रागिनी फिर से रोहन और रणजीत की गोद में उछल उछल कर उनके लंड को और कड़क करने लगी-इस बीच रणजीत को शरारत सूझी और उसने रागिनी के मुंह को खुलवाकर अपना लण्ड उसके मुंह में घुसेड़ दिया और उसके साथ जबरन मुख मैथुन का मज़ा लेने लगा -रोहन के बेंत का स्ट्रोक लगने के साथ ही रागिनी उछल उछल कर अब रणजीत का लण्ड भी चूसने के लिए मजबूर थी -दोनों लोग उसके मस्त बदन से एक साथ भरपूर मज़ा ले रहे थे
50 बेंत लगते लगते रागिनी के मुंह में रणजीत अपने लण्ड की पिचकारी छोड़ चुका था पर क्योंकि वह उल्टी लेटकर उसका लण्ड चूस रही थी, इसलिए काफी वीर्य सोफे पर और रणजीत के निक्कर पर भी गिर गया था
50 बेंत लगने के बाद रागिनी पूरी तरह से सरंडर कर चुकी थी
रोहन ने उसे अपनी टांगों पर से हटा दिया था लेकिन रणजीत उससे यह कह रहा था : चल साली नीचे बैठ और मेरा लण्ड भी साफ़ कर, मेरे निक्कर पर लगे वीर्य को भी चाट चाटकर साफ कर और इस सोफे पर गिरे वीर्य को भी अपनी जीभ से चाट कर साफ़ कर
रागिनी रणजीत के काले मोटे खड़े लण्ड को अपनी जीभ फिरा फिराकर साफ़ करने लगी -इसके बाद उसने रणजीत के निक्कर और सोफे पर लगे वीर्य को भी अपनी जीभ से चाटकर साफ़ किया
इस बीच सुधांशु हँसता हुआ रोहन से बोला: यार तुम्हारे इस नौकर के तो बड़े मज़े हैं -यह सब लौंडियों से खूब मज़े लेता होगा
रोहन : हाँ लेकिन यह मेरा बहुत पुराना और वफादार नौकर है-पूरा फार्म हॉउस यही संभालता है और हमारी सारी बातों को एकदम गोपनीय भी रखता है -उसका इनाम तो इसे मिलना ही चाहिए
वहां बैठे सभी लोग रागिनी, रोहन और रणजीत के इस पनिशमेंट शो को देखकर बहुत उत्तेजित और गर्म हो चुके थे और अपनी अपनी गोद में बैठी हुई लड़कियों को दबा-सहला और मसलकर अपनी गर्मी को शांत कर रहे थे
जब रागिनी को रणजीत ने छोड़ा तो रोहन उससे बोला : चल साली अब पेशाब का गिलास उठा कर ला और मेरे सामने बैठकर पीना शुरू कर
रागिनी टेबल पर रखा पेशाब भरा गिलास उठा लाई और रोहन के आगे उसकी टांगों के बीच में आकर फर्श पर बैठ गयी
रागिनी ने जैसे ही गिलास का पहला घूंट पिया तो एकदम उसका चेहरा देखने लायक था लेकिन फिर उसे लगा कि उसने पीने से मना किया तो फिर से उसका पिछवाड़ा लाल होना शुरू हो जाएगा
रोहन ने रागिनी को थोड़ी सख्त आवाज़ में दुबारा से कहा : मैं तीन तक गिनती बोलूंगा -अगर तब तक यह गिलास खली नहीं हुआ तो तेरी सजा फिर से शुरू हो जाएगी
यह कहकर उसने गिनती बोलनी शुरू कर दी -एक...दो... तीन
तीन की गिनती के बाद रोहन ने देखा कि रागिनी का गिलास एकदम खाली हो चुका था
शेष अगले भाग में ....
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हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा