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Adultery ठरकी दामाद (With Pics)
#25
इसी बीच रिया घूमकर अजय के सामने आई और ठीक उसके सामने अपने कान पकड़कर खड़ी हो गयी...इतने करीब की उसके नन्हे-2 बूब्स अजय को टच कर रहे थे..

रिया उपर मुँह करके धीरे से बोली : "ओके बाबा...सॉरी ...ये लो ...कान पकड़ कर सॉरी...और सुबह वाली बात के लिए आप मुझसे कुछ भी करवा लो...मैं मना नही करूँगी....''

अजय का लंड अभी तक खड़ा हुआ था, और रिया को इतने करीब खड़ा देखकर वो उभरकर उसकी जांघे छूने के लिए मचल उठा..अजय भी थोड़ा आगे बड़ा, उसने रिया की दोनो बाहों को पकड़ा और अपने से और सटा लिया, ऐसा करते हुए उसकी नर्म छातियाँ तो उसके सीने में धँस ही गयी, उसके खड़े हुए लंड को भी अपनी मुराद पूरी करने का मौका मिल गया,उसने रिया की नर्म जांघों को छू लिया..

रिया तो सकपका सी गयी,अपने जीजू द्वारा ऐसे पकड़े जाने के बाद, पर वो उन्हे कुछ बोलकर फिर से नाराज़ नही करना चाहती थी, इसलिए चुप चाप खड़ी रही..

अजय ने उसकी बात दोहराते हुए कहा : "कुछ भी करवा लूँ ...''

रिया के होंठ फड़फडा उठे जवाब देते हुए : ''हाँ जीजू....कुछ भी...''

उसकी गर्म साँसें अजय को अपने चेहरे पर महसूस ही रही थी...उसका तो मन किया की अभी के अभी उसके गुलाबी होंठों का रस पी जाए, उसे दबोच ले और एक गहरी स्मूच कर दे..

पर तभी उसे बाथरूम में खड़ी प्राची का ख़याल आया और उसने रिया को एक झटके में छोड़ दिया...

और उसकी किस्मत देखिए ज़रा, ठीक उसी वक़्त बाथरूम का दरवाजा खोलकर प्राची बाहर निकली...तब तक रिया अपनी सांसो पर नियंत्रण पाकर सामान्य हो चुकी थी और अजय ने भी थपकीयाँ देकर अपने लंड को वापिस सुला दिया था.

प्राची : "अरे रिया...तुम....मैं तुझे फोन करने ही वाली थी...अजय बस अभी आएँ है...चल कर ले इनसे वो अपनी ज़रूरी वाली बात, तब तक मैं अजय के लिए चाय बनाकर लाती हूँ ...''

रिया को देखकर अंदर ही अंदर वो जल भुन तो काफ़ी रही थी ...पर आख़िर थी तो उसकी कजन सिस्टर ही ना, इसलिए मन मारकर रह गयी बेचारी..और चुदाई को उसने रात के लिए टाल दिया..

रिया : "दीदी, वो तो बस मैं जीजू से ये पूछना चाहती थी की ये मेरा एडमिशन कहाँ करवाएँगे, मुझे एडमिशन से पहले अपनी कंप्यूटर नॉलेज इम्प्रूव करनी है...''

अजय : "तुम चिंता ना करो, मैने कहा था ना,मैं करवा दूँगा...तुम चाहो तो कल ही चलना मेरे साथ..''

प्राची उनकी बातें सुनती हुई किचन में चली गयी..

उसके जाते ही रिया ने अजय से दबे स्वर मे कहा : "जीजू...आपने मुझे माफ़ कर दिया न...''

अजय भी दबे स्वर में बोला : "इसका फ़ैसला तब होगा जब तुम अपनी सज़ा पूरी कर लोगी...''

अजय ने उसकी कुछ देर पहले कही हुई बात का हवाला दिया..

रिया भोली ज़रूर थी पर इतनी भी नही की ऐसे कही हुई बातों को समझ ना सके..

बेचारी का दिल जोरों से धड़कने लगा की पता नही उसके जीजू उसे कैसी सज़ा देंगे..

वो बेचारी ये सोच ही रही थी की प्राची वापिस आ गयी, चाय लेकर..और सभी सोफे पर बैठकर बातें करने लगे और चाय पीने लगे.

प्राची : "अरे, तू एकदम से इतनी परेशन क्यो हो गयी ...बोल तो रहे है तेरे जीजू की कल चलेंगे तेरे साथ...''

रिया : "वो ...दीदी ...मैं तो सोच रही थी की..पता नही मुझे ढंग के कॉलेज में एडमिशन मिलेगा भी या नही..''

प्राची : " अरे, तू फ़िक्र ना कर...तेरे जीजू को सभी इन्स्टिट्यूट और कॉलेजस के बारे में पता है अच्छी तरह से..पूजा का एडमिशन भी तो इन्होने करवाया था..तू फ़िक्र ना कर..और वैसे भी आजकल तो सारी इंफोर्मेशन नेट पर मिल ही जाती है...ये सब देख लेंगे..''

अब भला प्राची को वो कैसे समझती की उसे अपने एडमिशन की नही बल्कि जीजू की कही हुई बात की चिंता सता रही है..

पर उसने भी मन में ठान लिया था की चाहे कुछ भी हो जाए,जीजू तो उसकी हेल्प ही कर रहे हैं ना..ऐसे में उन्हे नाराज़ करके वो नही रख सकती..

और दूसरी तरफ अजय के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था...वो इस हाथ आए मौके का फायदा अच्छी तरह से उठाना चाहता था..रिया तो उसके लिए कोई चुनोती नही थी, उसका दिमाग़ तो पूजा की तरफ चल रहा था, और अपनी योजना के अनुसार वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को जाल में फंसाना चाहता था..
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RE: ठरकी दामाद (With Pics) - by badmaster122 - 21-05-2022, 04:52 PM



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