20-05-2022, 05:43 PM
एक दिन मुझे चचेरी बहन शानू प्रिया की कॉल आई कहती है बसंत भाई मै और डिंपल पुणे आरहे है (डिंपल मेरी भांजी है जो सबसे बड़ी बहन की बड़ी बेटी है) मै बहुत खुश हुआ और पूछा तो पता चला की डिंपल को पुणे के कॉलेज मे अड्मिशन मिल गया है तो उसका होस्टेल मेस और ट्रांसपोर्ट का सेटल करने के लिए चचेरी बहन शानू प्रिया उसके साथ आने वाली थी, किसी भी बहाने से ही सही. मै चचेरी बहन शानू प्रिया से मिलने के लिए बहुत बेकरार था. चचेरी बहन शानू प्रिया बहुत सुंदर थी उसके सामने तो 17 साल की डिंपल भी चाय कम पानी थी चचेरी बहन शानू प्रिया तीखे नयन नक्श फेयर और सेक्सी फिगर की मालकिन उसे देख के तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. बच्चो के कॉलेज होने के वजह से सिर्फ़ दो दिन ही रहेगी उसने बताया, फ्राइडे रात के 8.30 की स्लीपर कोच बुक हुई , सॅटर्डे सनडे मेरी छुट्टी होने के वजह से उनकी मेहमान नवाज़ी मे कोई खलल नही आएगा ऐसा प्लान किया. अब मै सॅटर्डे सुबह 9 बजे का उनका अराइविंग टाइम का इंतज़ार करने लगा, रात भर चचेरी बहन शानू प्रिया से मिलने की खुशी मे सो नही पाया, सुबह 7 बजते ही कॉल किया की कन्फर्म कर लू कहा तक पहुंचे. न्यूज़ मिली की बस बीच रास्ते मे पंचर हुई 1घंटा वाहा लेट हुआ, उसके बाद दो बारी बस बंद पड़ गयी तो अभी और लेट होगा आने मे.
मेरा बहुत गंदे तरीके से मूड ऑफ हुआ, दोपहर के 12 बाज गये थे और अब भी वो औरंगाबाद भी नही पहुंचे थे, मै फ़्लैट् पर वापस आ गया और अपनी किस्मत को कोसने लगा, अभी और 5 घंटे थे उनको आने मे, जैसे तैसे वो बस रात को 9 बजे पुणे पहुची, मै उन्हे लेने बाइक पर पहुचा तो हम ट्रिपल सीट फ़्लैट् तक आए. खराब और 20 घंटे लंबा थका देने वाला सफ़र होने की वजह से दोनो बुरी तरह से थक गये थे, मैने उन्हे फ्रेश होने को कहा और मैने ऑनलाइन फूडपंडा से खाना ऑर्डर कर दिया, दोनो भी बुरी तरह थके हुए थे तो ठीक से बात भी नही कर पा रही थी. पर मै बहुत खुश था क्योंकि अपनी चचेरी बहन शानू प्रिया के सेक्सी जिस्म को पूरे एक साल बाद जो देख रहा था, बिल्कुल भी चेंज नही लग रहा था उसमे, वैसा ही सेक्सी फिगर और चेहरे पर वही 20 साल की जवान लड़की वाला चार्म. दोनो भी फ़्लैट् पर आते ही बेड पर गिर पड़ी मैने उन्हे फ्रेश होने क लिए फोर्स किया, कहा “ दीदी प्लीज़ जाओ जाके शावर ले लो. मेरे बहुत रिक्वेस्ट करने पर वो मान गयी और फ्रेश होने बाथरूम चली गयी, मै बाहर ही इंतज़ार कर रहा था पर डिंपल सोफे पर ही सो गई उसे तो कोई होश ही नही था. 10 बज चुके थे ऑर्डर किया हुआ खाना आ गया था , मैने डिंपल को खाना खाने के लिए उठाया तो उसने तबीयत का बहाना कर फिर सो गयी.
अब मै बाहर से बाथरूम के दरवाजे पर नज़रे गढ़ाए बैठा था की चचेरी बहन शानू प्रिया एक टी-शर्ट और नीचे टावल बँधे बाहर आई, उफ़फ्फ़,, क्या लग रही थी वो क्या बताऊँ दोस्तो मै तो देखते ही रह गया उसके गीले बाल और चमकते बदन को, टावल भी घुटनो से उप्पर तक पह्न रखा था तो मेरा तो हाल बेहाल था उसकी गोरी टाँगे देख कर. मैने जैसे तैसे डिन्नर लगाया और हम दोनो ने खाना शुरू किया, बैचलर होने क वजह से फ़्लैट् मे फर्निचर लिमिटेड ही है तो हम बेड पर ही खाना खाने लगे, मेरी प्यारी सुंदर सेक्सी चचेरी बहन शानू प्रिया के साथ इतनी रात को एक बेड पर मेरे लिए सपने से कम नही था.
मेरा बहुत गंदे तरीके से मूड ऑफ हुआ, दोपहर के 12 बाज गये थे और अब भी वो औरंगाबाद भी नही पहुंचे थे, मै फ़्लैट् पर वापस आ गया और अपनी किस्मत को कोसने लगा, अभी और 5 घंटे थे उनको आने मे, जैसे तैसे वो बस रात को 9 बजे पुणे पहुची, मै उन्हे लेने बाइक पर पहुचा तो हम ट्रिपल सीट फ़्लैट् तक आए. खराब और 20 घंटे लंबा थका देने वाला सफ़र होने की वजह से दोनो बुरी तरह से थक गये थे, मैने उन्हे फ्रेश होने को कहा और मैने ऑनलाइन फूडपंडा से खाना ऑर्डर कर दिया, दोनो भी बुरी तरह थके हुए थे तो ठीक से बात भी नही कर पा रही थी. पर मै बहुत खुश था क्योंकि अपनी चचेरी बहन शानू प्रिया के सेक्सी जिस्म को पूरे एक साल बाद जो देख रहा था, बिल्कुल भी चेंज नही लग रहा था उसमे, वैसा ही सेक्सी फिगर और चेहरे पर वही 20 साल की जवान लड़की वाला चार्म. दोनो भी फ़्लैट् पर आते ही बेड पर गिर पड़ी मैने उन्हे फ्रेश होने क लिए फोर्स किया, कहा “ दीदी प्लीज़ जाओ जाके शावर ले लो. मेरे बहुत रिक्वेस्ट करने पर वो मान गयी और फ्रेश होने बाथरूम चली गयी, मै बाहर ही इंतज़ार कर रहा था पर डिंपल सोफे पर ही सो गई उसे तो कोई होश ही नही था. 10 बज चुके थे ऑर्डर किया हुआ खाना आ गया था , मैने डिंपल को खाना खाने के लिए उठाया तो उसने तबीयत का बहाना कर फिर सो गयी.
अब मै बाहर से बाथरूम के दरवाजे पर नज़रे गढ़ाए बैठा था की चचेरी बहन शानू प्रिया एक टी-शर्ट और नीचे टावल बँधे बाहर आई, उफ़फ्फ़,, क्या लग रही थी वो क्या बताऊँ दोस्तो मै तो देखते ही रह गया उसके गीले बाल और चमकते बदन को, टावल भी घुटनो से उप्पर तक पह्न रखा था तो मेरा तो हाल बेहाल था उसकी गोरी टाँगे देख कर. मैने जैसे तैसे डिन्नर लगाया और हम दोनो ने खाना शुरू किया, बैचलर होने क वजह से फ़्लैट् मे फर्निचर लिमिटेड ही है तो हम बेड पर ही खाना खाने लगे, मेरी प्यारी सुंदर सेक्सी चचेरी बहन शानू प्रिया के साथ इतनी रात को एक बेड पर मेरे लिए सपने से कम नही था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.