20-05-2022, 05:42 PM
मेरी चचेरी बहन शानू प्रिया के पति अर्थात मेरे जीजा जी नेवी मे है तो साल के 6 महीने तो क्रू पर ही होते है और मेरी प्यासी चचेरी बहन शानू प्रिया नागपुर मे अपने दो प्यारे बच्चो के साथ अकेले ही रहती है और दोस्तों आप समझ ही सकते हो की जब किसी शादी शुदा महिला को कई दोनों तक लौड़ा नसीब नहीं होगा तो उस महिला की चुदवाने की चुदास कितनी बढ़ जाती है.
हम चचेरे भाई बहन जरुर थे पर उसके साथ साथ बहुत अच्छे दोस्त भी थे तो मै हमेशा उन के अकेले पन की आड़ ले कर उन्हे सिम्पथी दिखता, हमेशा उनको उकसाता, कहता “कैसे मॅनेज करती है तू” बोर नही होता क्या तुझे” कोई दोस्त बना ले” , तो वो मुझे सारी बात खुल कर बोलती थी और हमेशा न्यू न्यू एक्सर्साइज़स के टिप्स लेती थी क्यू की मै रेग्युलर जिम जाता हू तो मैने उसे रेग्युलर स्काउट करने के लिये बताया जिस से उसकी गोरी – गोरी गांड थोड़ी बाहर की तरफ निकल कर और भी शेप मे आ गई.
हम चचेरे भाई बहन जरुर थे पर उसके साथ साथ बहुत अच्छे दोस्त भी थे तो मै हमेशा उन के अकेले पन की आड़ ले कर उन्हे सिम्पथी दिखता, हमेशा उनको उकसाता, कहता “कैसे मॅनेज करती है तू” बोर नही होता क्या तुझे” कोई दोस्त बना ले” , तो वो मुझे सारी बात खुल कर बोलती थी और हमेशा न्यू न्यू एक्सर्साइज़स के टिप्स लेती थी क्यू की मै रेग्युलर जिम जाता हू तो मैने उसे रेग्युलर स्काउट करने के लिये बताया जिस से उसकी गोरी – गोरी गांड थोड़ी बाहर की तरफ निकल कर और भी शेप मे आ गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.