20-05-2022, 04:43 PM
फिर वह उठीं और मेरे लंड की तरफ ध्यान लगाने लगीं.
मेरी तरफ देख कर वो मेरे लंड को छूने लगीं.
उनके मुलायम और नाज़ुक हाथों का स्पर्श मिला तो मैं झनझना उठा.
मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता कि मुझे कैसा लग रहा था. मैं मानो आसामान में उड़ रहा था. मैं दम साधे लेता रहा और मैंने कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की.
वो मेरे लंड को अब अपने हाथ में पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगी थीं.
मैं आंख बंद करके पड़ा रहा.
वो मेरे लंड की खाल को पूरा पीछे तक ले जा रही थीं, जिससे मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था.
चूंकि मैंने अब तक कभी किसी को चोदा नहीं था तो मुझे बड़ा अजीब लग रहा था.
मौसी मेरे लंड के साथ रह रह कर अपनी चूत को भी सहला रही थीं.
उनके नाज़ुक स्पर्श के आगे मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाया और मेरा पानी निकल गया.
मेरे लंड का रस मौसी के हाथ पर ही गिर गया.
उन्होंने अपने हाथ की तरफ देखा, फिर दूसरे हाथ से मेरे लंड को मेरे लोअर अन्दर करके वो उठ कर वहां से चली गईं.
कुछ देर बाद जब मैं उठा, तो मौसी मुझसे नजरें चुरा रही थीं और बार बार मेरे लंड की तरफ देख रही थीं.
उनका व्यवहार भी आज बदला हुआ था.
आज बच्चे दूध पिलाते समय वह अच्छे से अपने चूचे दिखा रही थीं.
तभी मौसी मुझसे मेरे बारे में पूछने लगीं.
हम दोनों बात करने लगे.
बातचीत में मालूम हुआ कि मौसा अभी दस दिन तक नहीं आने वाले थे.
आज तो मैंने ठान ली थी कि आज मौसी को चोद कर ही रहूंगा.
हम दोनों खाना खा कर सोने चले गए.
आज मेरे बोले बिना ही मौसी ने बच्चे को एक साइड में सुला दिया और खुद बीच में आकर लेट गईं.
आज मौसी गहरे गले की मैक्सी पहन कर आई थी.
उन्हें देख कर लग रहा था कि उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है.
रात हो गई, मौसी सो गईं.
मेरी नींद रात में खुली, तो मैंने पाया कि मौसी दूसरी तरफ मुँह करके सो रही थीं.
अब मुझे पता था कि मौसी भी मुझसे चुदवाना चाहती थीं इसलिए मैंने बेफिक्र होकर उनकी चूची पर अपना हाथ रख दिया और कुछ पल बाद एक चूची को दबाने लगा.
तभी मैंने पाया कि मौसी अपनी गांड पीछे करके मेरे खड़े लंड पर रगड़ रही थीं.
मैंने उनकी चूची दबा रहा था.
वह जाग गईं और अचानक मेरी तरफ मुड़ गईं.
एक बार को तो मैं डर गया लेकिन सुबह की बात याद करके मैं वैसे ही पड़ा रहा.
मौसी ने मेरी तरफ देखा और धीरे से कहा- इसके आगे भी कुछ करोगे?
मैं मौसी की इस अदा को देख कर चौंक गया था. मैं अभी कुछ बोलता, इसके पहले ही उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से चूसने लगीं.
मैं उनका विरोध तो नहीं कर रहा था, लेकिन साथ भी नहीं दे रहा था.
तभी मौसी मुझसे अलग हुईं और उन्होंने कहा- कल तो बड़ा किस कर रहे थे. आज क्या हो गया?
इस बात से मुझे फिर एक झटका लगा.
इसका मतलब साफ़ था कि जब मैं उन्हें कल चूम रहा था, तब मौसी जाग रही थीं.
इस बात से मैं बेफिक्र हो गया. मैं उन्हें अपने करीब खींच कर किस करने लगा.
मौसी मेरे साथ चूमाचाटी में मस्त होने लगीं.
फिर मैंने कहा- मौसी अगर कल ही बता देतीं, तो आपको आज तक का इंतज़ार नहीं करना पड़ता.
इस पर वह हंस पड़ीं और बोलीं- पहले तो ये मौसी मौसी कहना बंद करो. मुझे रीना कह कर पुकारो!
मेरी मौसी का नाम रीना है.
मैंने कहा- हां रीना रानी.
मौसी- हां अब सही लाइन पर आ गए. सुनो मेरी जान अब भी कौन सी देर हुई है. आज की रात अपनी है.
मैं खुश हो गया और कहा- मेरी जान, मैं आज तुमको जम कर चोद कर मजा दूंगा.
उन्होंने कहा- हां अब ज्यादा बात मत कर … बस जल्दी से चालू हो जा. राहुल आज मुझे शांत कर दे. मैं बहुत दिन से प्यासी हूं. तेरे मौसा तो अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं. उन्हें तो मेरा ख्याल ही नहीं रहता है.
यह बात कह कर वो थोड़ी दुखी हो गईं.
मैंने कहा- अरे आप चिंता क्यों करती हो, मैं हूं ना. मैं आपका पूरा ख्याल रखूंगा.
मेरी इस बात पर मौसी हंस दीं और हम दोनों के बीच में फिर से चुम्बन शुरू हो गए.
मेरी तरफ देख कर वो मेरे लंड को छूने लगीं.
उनके मुलायम और नाज़ुक हाथों का स्पर्श मिला तो मैं झनझना उठा.
मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता कि मुझे कैसा लग रहा था. मैं मानो आसामान में उड़ रहा था. मैं दम साधे लेता रहा और मैंने कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की.
वो मेरे लंड को अब अपने हाथ में पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगी थीं.
मैं आंख बंद करके पड़ा रहा.
वो मेरे लंड की खाल को पूरा पीछे तक ले जा रही थीं, जिससे मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था.
चूंकि मैंने अब तक कभी किसी को चोदा नहीं था तो मुझे बड़ा अजीब लग रहा था.
मौसी मेरे लंड के साथ रह रह कर अपनी चूत को भी सहला रही थीं.
उनके नाज़ुक स्पर्श के आगे मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाया और मेरा पानी निकल गया.
मेरे लंड का रस मौसी के हाथ पर ही गिर गया.
उन्होंने अपने हाथ की तरफ देखा, फिर दूसरे हाथ से मेरे लंड को मेरे लोअर अन्दर करके वो उठ कर वहां से चली गईं.
कुछ देर बाद जब मैं उठा, तो मौसी मुझसे नजरें चुरा रही थीं और बार बार मेरे लंड की तरफ देख रही थीं.
उनका व्यवहार भी आज बदला हुआ था.
आज बच्चे दूध पिलाते समय वह अच्छे से अपने चूचे दिखा रही थीं.
तभी मौसी मुझसे मेरे बारे में पूछने लगीं.
हम दोनों बात करने लगे.
बातचीत में मालूम हुआ कि मौसा अभी दस दिन तक नहीं आने वाले थे.
आज तो मैंने ठान ली थी कि आज मौसी को चोद कर ही रहूंगा.
हम दोनों खाना खा कर सोने चले गए.
आज मेरे बोले बिना ही मौसी ने बच्चे को एक साइड में सुला दिया और खुद बीच में आकर लेट गईं.
आज मौसी गहरे गले की मैक्सी पहन कर आई थी.
उन्हें देख कर लग रहा था कि उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है.
रात हो गई, मौसी सो गईं.
मेरी नींद रात में खुली, तो मैंने पाया कि मौसी दूसरी तरफ मुँह करके सो रही थीं.
अब मुझे पता था कि मौसी भी मुझसे चुदवाना चाहती थीं इसलिए मैंने बेफिक्र होकर उनकी चूची पर अपना हाथ रख दिया और कुछ पल बाद एक चूची को दबाने लगा.
तभी मैंने पाया कि मौसी अपनी गांड पीछे करके मेरे खड़े लंड पर रगड़ रही थीं.
मैंने उनकी चूची दबा रहा था.
वह जाग गईं और अचानक मेरी तरफ मुड़ गईं.
एक बार को तो मैं डर गया लेकिन सुबह की बात याद करके मैं वैसे ही पड़ा रहा.
मौसी ने मेरी तरफ देखा और धीरे से कहा- इसके आगे भी कुछ करोगे?
मैं मौसी की इस अदा को देख कर चौंक गया था. मैं अभी कुछ बोलता, इसके पहले ही उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से चूसने लगीं.
मैं उनका विरोध तो नहीं कर रहा था, लेकिन साथ भी नहीं दे रहा था.
तभी मौसी मुझसे अलग हुईं और उन्होंने कहा- कल तो बड़ा किस कर रहे थे. आज क्या हो गया?
इस बात से मुझे फिर एक झटका लगा.
इसका मतलब साफ़ था कि जब मैं उन्हें कल चूम रहा था, तब मौसी जाग रही थीं.
इस बात से मैं बेफिक्र हो गया. मैं उन्हें अपने करीब खींच कर किस करने लगा.
मौसी मेरे साथ चूमाचाटी में मस्त होने लगीं.
फिर मैंने कहा- मौसी अगर कल ही बता देतीं, तो आपको आज तक का इंतज़ार नहीं करना पड़ता.
इस पर वह हंस पड़ीं और बोलीं- पहले तो ये मौसी मौसी कहना बंद करो. मुझे रीना कह कर पुकारो!
मेरी मौसी का नाम रीना है.
मैंने कहा- हां रीना रानी.
मौसी- हां अब सही लाइन पर आ गए. सुनो मेरी जान अब भी कौन सी देर हुई है. आज की रात अपनी है.
मैं खुश हो गया और कहा- मेरी जान, मैं आज तुमको जम कर चोद कर मजा दूंगा.
उन्होंने कहा- हां अब ज्यादा बात मत कर … बस जल्दी से चालू हो जा. राहुल आज मुझे शांत कर दे. मैं बहुत दिन से प्यासी हूं. तेरे मौसा तो अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं. उन्हें तो मेरा ख्याल ही नहीं रहता है.
यह बात कह कर वो थोड़ी दुखी हो गईं.
मैंने कहा- अरे आप चिंता क्यों करती हो, मैं हूं ना. मैं आपका पूरा ख्याल रखूंगा.
मेरी इस बात पर मौसी हंस दीं और हम दोनों के बीच में फिर से चुम्बन शुरू हो गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.