20-05-2022, 03:26 PM
बुआ, मैं आपके चूत के दर्शन करना चाहता हूँ और उसे जीभर के चूमना चाहता हूँ। उसकी गंध अभी भी मुझे बेचैन कर रही है।"
अब मैं चौंक उठी।
मैं कुछ बोलती इससे पहले ही रवि ने कहा "बुआ आपने पहले ही कहा है आप नाराज नहीं होंगीं और आप कुछ भी कर सकती हैं। अगर नहीं करना चाहती हैं तो कोई बात नहीं। मुझे पहले ही मालुम था कि आपसे नहीं होगा।पर आप नाराज ना हों।"
मैंने उससे कहा "क्या मालुम था मुझे कि तुम ऐसा कुछ कहोगे और औरतें भी अपने जुबान की पक्की होती है।" ऐसा कहकर मैं अपने कमरे में चली गयी।
वहाँ मैं सोचने लगी कि ये मैंने क्या कर दिया। खैर बहुत सोचने के बाद मैंने अपनी चड्डी उतारी और रवि को आवाज दिया।
थोडी़ देर में रवि आया और बिस्तर पर बैठा। मैंने कहा "देखो बेटा, यह जो तुम कह रहे हो वह कहीं से भी सही नहीं है। परंतु चुँकि शुरुआत मैंने की और मुझे तुम्हारी शर्त पूरी करनी है, इसीलिए मैं तुम्हारी बात मानूँगी। लेकिन यह सब बातें किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए।"
तब रवि ने कहा "बुआ यह बातें मैं किसी को नहीं बताऊँगा चाहे कुछ भी हो जाए।"
मैंने उसे आँख बंद करने को कहा और अपना पेटिकोट उठाया। फिर उसे आँख खोलने को कहा। वह कुछ देर युँ ही मेरी नंगी जाँघ और चूत को निहारता रहा, फिर काफी करीब से देखने लगा। फिर तेजी से उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फिरायी। मेरी तो हालत खराब हो गयी। मेरी जिंदगी में यह पहली बार था कि कोई मेरी चूत पर जीभ फिरा रहा हो। मेरे पति ने भी मेरे साथ ऐसा कभी नहीं किया।
अब मैं चौंक उठी।
मैं कुछ बोलती इससे पहले ही रवि ने कहा "बुआ आपने पहले ही कहा है आप नाराज नहीं होंगीं और आप कुछ भी कर सकती हैं। अगर नहीं करना चाहती हैं तो कोई बात नहीं। मुझे पहले ही मालुम था कि आपसे नहीं होगा।पर आप नाराज ना हों।"
मैंने उससे कहा "क्या मालुम था मुझे कि तुम ऐसा कुछ कहोगे और औरतें भी अपने जुबान की पक्की होती है।" ऐसा कहकर मैं अपने कमरे में चली गयी।
वहाँ मैं सोचने लगी कि ये मैंने क्या कर दिया। खैर बहुत सोचने के बाद मैंने अपनी चड्डी उतारी और रवि को आवाज दिया।
थोडी़ देर में रवि आया और बिस्तर पर बैठा। मैंने कहा "देखो बेटा, यह जो तुम कह रहे हो वह कहीं से भी सही नहीं है। परंतु चुँकि शुरुआत मैंने की और मुझे तुम्हारी शर्त पूरी करनी है, इसीलिए मैं तुम्हारी बात मानूँगी। लेकिन यह सब बातें किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए।"
तब रवि ने कहा "बुआ यह बातें मैं किसी को नहीं बताऊँगा चाहे कुछ भी हो जाए।"
मैंने उसे आँख बंद करने को कहा और अपना पेटिकोट उठाया। फिर उसे आँख खोलने को कहा। वह कुछ देर युँ ही मेरी नंगी जाँघ और चूत को निहारता रहा, फिर काफी करीब से देखने लगा। फिर तेजी से उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फिरायी। मेरी तो हालत खराब हो गयी। मेरी जिंदगी में यह पहली बार था कि कोई मेरी चूत पर जीभ फिरा रहा हो। मेरे पति ने भी मेरे साथ ऐसा कभी नहीं किया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.