19-05-2022, 03:43 PM
मोहल्ले में उनकी किसी से नहीं बनती थी।
उनका घर हमारे घर के बगल में ही था और हम दोनों के छत आपस में सटे हुए थे।
कुछ इस तरह कि -एक छत के ऊपर छत पर आ जाया जा सकता था... मैं ऊपर छत पर गई और मैंने देखा दीदी उसी तरह मुर्गी बनी हुई है........और तनु आंटी उनको घूर रही हैं।
by
TheEroticKing
उनका घर हमारे घर के बगल में ही था और हम दोनों के छत आपस में सटे हुए थे।
कुछ इस तरह कि -एक छत के ऊपर छत पर आ जाया जा सकता था... मैं ऊपर छत पर गई और मैंने देखा दीदी उसी तरह मुर्गी बनी हुई है........और तनु आंटी उनको घूर रही हैं।
by
TheEroticKing
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.