19-05-2022, 03:26 PM
मेरे घर की बगल की पड़ोस में दो अधेड़ दंपत्ति रहते थे जो कि नौकरी करते थे। उन्हें हम रघु और रश्मि फैमिली के नाम से जानते थे। मैं उन्हें रघु अंकल -रश्मि आंटी कह कर बुलाती थी। ये दंपत्ति हमारे परिवार के काफी क्लोज थे और मां अक्सर अपने घर पर आमंत्रित करती थी ।माताजी को जब भी कहीं बाहर जाना होता था तो वे उन दोनों को हमारी जिम्मेदारी देकर जाया करती थी ।
एक दिन विद्यालय से आने के बाद मुझे शोर --गुल सुनाई देने लगा। यह शोर उन दोनों दंपत्ति के घर से सुनाई दिया। फिर तुरंत ही मैंने अपनी दीदी को उनके घर से रोते हुए,बाहर आते हुए, पाया।
इसका कारण क्या था?
ये मुझे समझ में नहीं आया!
अपनी घर जाने पर मैंने दीदी को एक कमरे में बंद पाया, इसलिए मैंने उन्हें डिस्टर्ब किए बिना सबसे पहले कारण की तलाश जानने के लिए अंकल आंटी के घर जाने का फैसला किया और जैसे ही मैं उनके घर के अंदर गई।
एक दिन विद्यालय से आने के बाद मुझे शोर --गुल सुनाई देने लगा। यह शोर उन दोनों दंपत्ति के घर से सुनाई दिया। फिर तुरंत ही मैंने अपनी दीदी को उनके घर से रोते हुए,बाहर आते हुए, पाया।
इसका कारण क्या था?
ये मुझे समझ में नहीं आया!
अपनी घर जाने पर मैंने दीदी को एक कमरे में बंद पाया, इसलिए मैंने उन्हें डिस्टर्ब किए बिना सबसे पहले कारण की तलाश जानने के लिए अंकल आंटी के घर जाने का फैसला किया और जैसे ही मैं उनके घर के अंदर गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.