19-05-2022, 08:29 AM
(28-03-2022, 04:38 PM)neerathemall Wrote: खैर मैं उठा, लंड तो पूरा लथपथ था भाभी के योनि रस से और मेरे वीर्य से.. इतना माल तो मेरा कभी नहीं निकला था..
और भाभी की चूत भी मुँह खोले ‘O’ की आकृति की हो गई थी.. पूरी लाल दीख रही थी.. बाथरूम बाजू में था।
किसी तरह मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम ले गया।
मैं- भाभी, आप कांख के बाल क्यों साफ नहीं करती?
भाभी- नहीं, क्यों?
मैं- किया करो ना.. और स्लीव्लेस पहना करो!
भाभी- वहाँ शेव कैसे करूँ
भाभी- आआअह… फ़िर से मुझे मत गर्म करो प्लीज… एक बार मैंने गुनाह कर लिया है… आआ आह्ह्ह…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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