21-05-2022, 12:11 PM
(This post was last modified: 30-07-2022, 12:58 AM by rashmimandal. Edited 4 times in total. Edited 4 times in total.)
5 फुट 10 इंच की ऊँचाई, 33 वर्षीय, काम की देवी रश्मि मंडल वर्तमान में इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी की एक जांबाज एजेंट है. भरा-भरा, कसा हुआ बदन, एक-एक अंग गोलाईयां और कठोरता लिए हुए. खरबूजे की तरह कठोर और बड़े वक्ष, उन गोलाइयों से नीचे उसका सपाट और कसा हुआ उदर भाग. तरबूज से गोल, चिकने और कठोर नितंभ. केले के तने जैसी कन्दली जांघें. जब वह साड़ी पहनती है, साक्षात सुन्दरता की देवी प्रतीत होती है. उसके शरीर का एक-एक हिस्सा, एक-एक कटाव ऐसा था कि लोग उसे निहारते रह जाते. और जिसे रश्मि छूने को मिल जाए वह पागल हुए बिना नही रह सकता था. खैर, रश्मि को कोई ऐसे ही छू भी नही सकता था. इतनी खुबसूरत और मांसल बदन वाली रश्मि जितनी सुन्दर थी, उतनी ही तेज तर्रार और घातक भी. मार्शल आर्ट और कराटे की ज्ञाता, किक बॉक्सिंग की चैम्पियन. रश्मि मंडल इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी की जान थी और ताकत भी. इतने कम समय में उसने कितने ही केस निपटाए थे और कितने ही मिशनों को अंजाम दिया था.
यह कहानी तब की है जब रश्मि 22 साल की थी. रश्मि अपने कॉलेज के दोस्तों अमर, सचिन, रीमा, आलिया और शाहीन के साथ गोवा से लौट रही थी.
रश्मि मैडम आज किस सोच में डूबी हुईं हैं तभी अमर ने मजाक करते हुए कहा.
रश्मि दीदी का आज एग्जाम रिजल्ट आ रहा है- आलिया ने चहकते हुए कहा.
कौन से एग्जाम का रिजल्ट? रीमा ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा. कही तूने आई.आई.ए. (इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी) वाला एग्जाम दे तो नही दिया था?
हाँ, वही दीदी आलिया ने कहा.
क्या सच में, और हमें पता है तेरा सलेक्सन हो ही जायेगा, रीमा ने हसते हुए कहा.
तब रश्मि हमें तुम मारोगे तो नहीं ? अमर ने कहा.
रश्मि: वह तो तुम्हारे हरकतों पर डिपेंड करता है.
अमर 5 फुट 10 इन्च का जवान हैंडसम लड़का है. उसके मन में रश्मि के लिए कामुक भाव था.
आप तो पक्का किसी दिन रश्मि दीदी से मार खाओगे: आलिया ने तपाक से कहा.
पूरे ग्रुप में आलिया बस थी जो उन सब के साथ नही पढ़ी थी. आलिया, शाहीन की छोटी बहन थी. 18 साल की आलिया दिखने में रश्मि से पूरी तरह अलग थी. जहाँ रश्मि-लम्बी तगड़ी तगड़ी, भरे-भरे बदन, खरबूजे के तरह बड़े और सुडौल वक्ष वाली है. वक्ष के नीचे से उसके सपाट और मुलायम उदर का सफ़र शुरू होता था. खरबूजे से बड़े और गोल नितंभ, केले की तने से गोल और कठोर जांघें और पैर. पूरे बदन का एक-एक हिस्सा सुडौल और कसा हुआ. जवानी उसके शरीर में कूट-कूट कर भरी हुई है. जो उसे देखता, बस देखता ही रह जाता. जिसे उसे छूने का मौका मिले वह पागल हो जाये. पर उसके मजबूत और एक-एक स्पष्ट कटाव वाले 5 फीट 10 इंची तगड़े शरीर को देख लोग उससे डरते भी थे.
उसके विपरित आलिया 5 फुट की स्लिम पर खूबसूरत लड़की है. उसका यौवन अभी फूट रहा है. वह छरहरी और नाजुक है. आलिया एकदम गोरी चिट्टी, अल्फ़ान्सो आम जैसा नुकीला वक्ष, जिसे देख कर लगता है जैसे टी-शर्ट से एक तिकोना आकृति बाहर आने को बेताब है. वैसे ही छोटा पर सुडौल मुलायम नितंभ. आलिया बहुत चंचल स्वाभाव की है. हमेशा जीन्स और टी-शर्ट पहनती है. वह रश्मि के शरीर, सुन्दरता, बनावट, उसके दिमाग और उसके विभिन्न कलाओं से अत्यधिक प्रभावित थी. रश्मि को ताईक्वान्डों, मार्शल आर्ट और कराटे की जानकारी थी और वह किक बॉक्सिंग की चैम्पियन थी.
पूरे गोवा ट्रिप में आलिया, रश्मि के साथ और आस-पास ही चिपकी रही. और अमर को इस बात से चिढ़ हो गयी थी. वह कॉलेज में तो कभी रश्मि मंडल के उतने पास जाने की हिम्मत नहीं कर सका, पर उसने सोचा था गोवा में वह रश्मि को पाकर रहेगा. पर उसकी योजना धरी की धरी रह गयी थी. रश्मि को इस बात का अंदाजा था. अगर अमर हिम्मत करता तो शायद वह भी वह वहाँ उसे प्यास बुझाने के लिए उपयोग कर सकती थी. अमर की ना हिम्मत हुई और ना ही मौका मिला.
ट्रिप में रश्मि ने ध्यान दिया, आलिया उसे अजीब से नजरों से देखती थी. रश्मि ने सोचा हो सकता है यह उसकी जिज्ञासा हो. उसे याद है जब वह 18 की थी तो उसकी कॉलेज की एक मैडम के लिए उसके मन में बहुत जिज्ञासा थी. मैडम क्या बोलती थी, उसे लगता था ये कितनी ज्यादा इंटेलीजेंट हैं. शायद वैसा ही आलिया के मन में उसके लिए जिज्ञासा हो. रश्मि का पेपर अच्छा गया था और उसे पूरा भरोसा था उसका सलेक्सन इंटरव्यू के लिए हो जायेगा पर फिर भी उसे मन में अजीब सी कशमकश थी. उसे पूरे शिद्दत से इंडियन इंटेलीजेंट एजेंसी ज्वाइन करना था. उदयपुर पहुंचते ही उसका रिजल्ट आ गया. रश्मि के हाथ में मोबाइल था और बाकि पांचों उसके पास, सबकी नजर रश्मि के टाइप करते उंगली पर.
शाहीन ने कहा, रश्मि अब ओपन भी कर, हमें पता है तेरा सलेक्सन हो ही गया होगा. रश्मि ने उसकी ओर देखा और कांपती हुई उँगलियों से रोल नंबर टाइप करने लगी. जैसे ही लॉग इन हुआ. उसका नाम खुला, सबने देखा. नीचे लिखा था, इंटरव्यू के लिए आमंत्रित. रीमा ख़ुशी से जोर से चिल्लाते हुए उससे गले से लग गयी.
रीमा भी रश्मि की तरह भरे पूरे और सुडौल बदन वाली लड़की है. वह रश्मि से हर मामले में 19-20 ही है. उसका वक्ष रश्मि से थोड़ा छोटा, शानदार गोलाई लिए हुए और कड़क है. जब वह रश्मि से गले लगी तो आलिया ने ध्यान से देखा, दोनों के वक्ष एक दूसरे से टकरा कर, एक दूसरे पर दबाव डाल रहे थे. रश्मि और रीमा तो सामान्य दोस्त से, अब उनका वहां ध्यान कहाँ थे. वो तो ख़ुशी से चीख-चिल्ला रहे थे.
रश्मि बोली, मेरी तरफ से सबको पार्टी. हुर्रे, सबने एक साथ चिल्लाया. पर फाइनल सलेक्सन के बाद रश्मि ने थोडा रुक कर बोला. नही, हमें तो अभी चाहिए, क्यों साथियों- अमर ने नेता बनते हुए कहा.
जिस पर उसे आलिया और सचिन का सहयोग मिला. शाहीन हमेशा की तरह शांत ही थी और रीमा ने गंभीर होते हुए कहा- नहीं, पार्टी इसके इंटरव्यू के बाद ही, अभी उसे तैयारी भी करना होगा. डेट के हिसाब से बस 20 दिन ही है इसके पास. इसलिए तुम मुझे बहुत समझदार लगती हो- रश्मि ने मुस्कुराते हुए कहा. बाकि सब थोडा निराश हुए पर मान गए.
बस अपने गंतव्य पर पहुँच गयी, सब अपना-अपना सामान ले कर उतरने लगे. नीचे सबने एक जगह पर अपना सामान रखा. अब सबको अलविदा कहने का समय था. यह उनके कॉलेज समाप्त होने के बाद बचे हुए कुछ दिनों में टाइम-पास करके के लिए ट्रिप था. इसके बाद अब ये सब कब मिलेंगे, कौन कहाँ होगा कहा नही जा सकता है. अमर ने सबको बाय बोला और अपनी बाइक के लिए स्टैंड की ओर चल पड़ा. सचिन का घर रीमा के घर की तरफ था तो वह रीमा के साथ उसके कार में वहां तक जाने वाला था. शाहीन और आलिया को रश्मि अपनी गाड़ी से उनके घर छोड़ने वाली थी. सबने वादा किया कि वे समय निकाल कर बीच-बीच में जरूर मिलेंगे. और सब वहां से चल पड़े. शाहीन थोड़ी सांवली सी लड़की थी. बहुत ज्यादा खूबसूरत नही, फिगर भी कुछ खास नही. अधिकतर वह शांत रहती थी. रश्मि उसे जबरदस्ती उसकी अम्मी से बात करके गोवा लेकर गयी थी ताकि वह थोड़ा खुले. और उसके साथ आलिया को फ्री में ट्रिप मिल गया.
आलिया और शाहीन के घर पहुँचने के बाद आलिया और उसकी अम्मी ने रश्मि को बहुत कहा थोड़ी देर रुक जाओ पर उसने नहीं माना. वह उन्हें छोड़कर तुरंत वहां से जाना चाहती थी. उसे अपने लिए अरेंजमेंट करना था. रश्मि ड्राइविंग सीट पर ही थी. आलिया, शाहीन और उनकी माँ नीचे खड़े थे. तभी आलिया ने कहा पिछला टायर पंचर है. क्या कहते हुए मैं बाहर आ गयी. मुझे तुरंत याद आया स्टेपनी भी गाड़ी से बाहर है. मैं फंस गयी. आंटी ने अब आदेश की तरह कहा, अब आज रुक जाओ, कल सुबह गाड़ी बनवा कर चले जाना. काफी रात हो चुकी थी. मेरे पास और कोई चारा नही था.
हम सब अन्दर गये, हाथ मुह धोकर हम सबने खाना खाया. शाहीन के पापा अहमद अंकल भी डिनर पर थे. रुखसाना आंटी 45 के आस पास थोड़ी मोटे बदन की औरत थी. पर उनकी जवानी अब भी अनछुई लगती थी. अंकल की उम्र 50 से ऊपर थी. वो बहुत ही कम मिलते थे. खाना खाते समय आंटी ने मुझसे खूब बात की और गोवा ट्रिप के बारे में पूछा.
खाने के बाद मुझे आलिया के कमरे में सोने के लिए कहा गया. वहां एक एक्स्ट्रा बेड रखा हुआ था. मैं काफी थकी हुई थी. मैं रूम पर आई, बाथरूम में गयी. जीन्स निकाल कर लोअर पहना और अपने टी-शर्ट के २ बटन को खोल दिया. आह, कितना आराम है. मैं जल्दी से सो जाना चाहती थी. मैं बाथरूम से निकली. मेरे हाथ में एक टावेल है जिससे मैं अपना मुंह और हाथ पोछ रही हूँ. आलिया बेड के पास वाले कुर्सी पर बैठी है. मैने ध्यान दिया, अलिया मुझे चुपके से बीच-बीच में देख रही थी. मैंने सोचा, ऐसा क्या देखते रहती है यह लड़की? क्या चल रहा है इसके मन में?. उसे गोवा की वह बात याद आई जब वो दोनों शराब के नशे में धुत्त थे, आलिया ने उससे कहा था दीदी आप इतनी गजब की क्यों हैं?और फिर आलिया उससे गले से लग कर सो गयी थी. रश्मि उससे छोटी बहन जैसा ही व्यवहार करती थी.
क्या देख रही है रे लड़की, मैने कहा.
कुछ नहीं दीदी, आलिया झेंपते हुए इधर उधर देखते हुए बोली.
कहाँ सोना है मुझे, बहुत थकी हुईं हूँ मैं, मैंने कहा. उसने बेड की तरफ उंगली दिखाई. मै कूद कर बेड में पहुँच गयी, आलिया मुझे देख ही रही थी. मैंने कहा तुझे नहीं सोना? बस दीदी लाइट बंद करके नाईट लाईट ऑन करके सो ही रही हूँ. आलिया ने कहा.
मैं गहरी नींद में थी, तभी मुझे लगा कोई मुझे छू रहा है. किसी का हाथ मेरे पेट पर रेंग रहा है. वह भी मेरे नंगी पेट पर मेरे टी-शर्ट के अन्दर. मैं सतर्क हो गयी, मैंने तुरंत सोचा यहाँ आलिया को छोड़कर कौन आ सकता है. धीरे से मैंने आँख को थोड़ा सा खोला. आलिया मेरे बदल में बेड से चिपक कर सो रही थी. वह बाएं करवट लिए हुई थी और उसका मुंह मेरी ओर था, आधी नींद में लग रही थी. उसका दायाँ हाथ मेरी कमर में बंधे लोअर और टी-शर्ट के लोअर बार्डर के बीच से मेरी टी-शर्ट के अन्दर है और वह हौले-हौले मेरी नंगी पेट को सहला रही है. आलिया की आँख बंद है. अपना दूसरा हाथ वह टी-शर्ट के ऊपर से अपने छोटे आकर के सुडौल दायें वक्ष पर रखी है. धीरे से वह अपने वक्ष को सहला रही है. उसके दूसरे वक्ष का बस किनारा दिख रहा है. बाकि हाथ के नीचे दबा हुआ है. आलिया अपना आँख बंद रखी है. ध्यान से देखने से समझ आया आलिया टी-शर्ट के नीचे ब्रा नही पहनी है. मैं उसके सीने के गोलाइयों को परख रही थी. तभी उसका हाथ हल्का सा खिसका और उसके हलके पारदर्शी टी-शर्ट के ऊपर बाएं वक्ष का मटर के दाने जैसा अग्रभाग मुझे दिखने लगा. मैं उसके सीने को ध्यान से देख रही हूँ. उसका हाथ अब भी मेरे पेट में मचल रहा था. अब मुझे समझ आया कि वह नीन्द में थी. उसे ऐसे देखकर पता नही मुझे क्या होने लगा. मै भावनाओं में बहने लगी. मुझे तरलता का अहसास हुआ. आलिया परी की तरह सुन्दर लग रही थी. उसके पारदर्शी टी-शर्ट के अन्दर का सीना मुझे भा रहा था. मैं आलिया को अब तक छोटी बहन की तरह देखती थी. ऐसी भावना मेरे अन्दर उसके लिए कभी नही आई. हाँ, गोवा में मैंने आलिया को चोरी छिपे अपने वक्षों को, उदर को, जांघों आदि को देखते पाया था. पर मुझे लगा था वह बस जिज्ञासा से मुझे देखती है. मैं सुन्दर हूँ, और हॉट भी. कौन मुझे नही देखना चाहेगा? पर मुझे नही पता था आलिया ऐसी है. उस नाईट लाइट में वह मासूम परी लग रही थी. उसकी हरकतें देखकर मैं उसे पकड़ कर अपने सीने से लगा लेना चाहती थी.
यह कहानी तब की है जब रश्मि 22 साल की थी. रश्मि अपने कॉलेज के दोस्तों अमर, सचिन, रीमा, आलिया और शाहीन के साथ गोवा से लौट रही थी.
रश्मि मैडम आज किस सोच में डूबी हुईं हैं तभी अमर ने मजाक करते हुए कहा.
रश्मि दीदी का आज एग्जाम रिजल्ट आ रहा है- आलिया ने चहकते हुए कहा.
कौन से एग्जाम का रिजल्ट? रीमा ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा. कही तूने आई.आई.ए. (इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी) वाला एग्जाम दे तो नही दिया था?
हाँ, वही दीदी आलिया ने कहा.
क्या सच में, और हमें पता है तेरा सलेक्सन हो ही जायेगा, रीमा ने हसते हुए कहा.
तब रश्मि हमें तुम मारोगे तो नहीं ? अमर ने कहा.
रश्मि: वह तो तुम्हारे हरकतों पर डिपेंड करता है.
अमर 5 फुट 10 इन्च का जवान हैंडसम लड़का है. उसके मन में रश्मि के लिए कामुक भाव था.
आप तो पक्का किसी दिन रश्मि दीदी से मार खाओगे: आलिया ने तपाक से कहा.
पूरे ग्रुप में आलिया बस थी जो उन सब के साथ नही पढ़ी थी. आलिया, शाहीन की छोटी बहन थी. 18 साल की आलिया दिखने में रश्मि से पूरी तरह अलग थी. जहाँ रश्मि-लम्बी तगड़ी तगड़ी, भरे-भरे बदन, खरबूजे के तरह बड़े और सुडौल वक्ष वाली है. वक्ष के नीचे से उसके सपाट और मुलायम उदर का सफ़र शुरू होता था. खरबूजे से बड़े और गोल नितंभ, केले की तने से गोल और कठोर जांघें और पैर. पूरे बदन का एक-एक हिस्सा सुडौल और कसा हुआ. जवानी उसके शरीर में कूट-कूट कर भरी हुई है. जो उसे देखता, बस देखता ही रह जाता. जिसे उसे छूने का मौका मिले वह पागल हो जाये. पर उसके मजबूत और एक-एक स्पष्ट कटाव वाले 5 फीट 10 इंची तगड़े शरीर को देख लोग उससे डरते भी थे.
उसके विपरित आलिया 5 फुट की स्लिम पर खूबसूरत लड़की है. उसका यौवन अभी फूट रहा है. वह छरहरी और नाजुक है. आलिया एकदम गोरी चिट्टी, अल्फ़ान्सो आम जैसा नुकीला वक्ष, जिसे देख कर लगता है जैसे टी-शर्ट से एक तिकोना आकृति बाहर आने को बेताब है. वैसे ही छोटा पर सुडौल मुलायम नितंभ. आलिया बहुत चंचल स्वाभाव की है. हमेशा जीन्स और टी-शर्ट पहनती है. वह रश्मि के शरीर, सुन्दरता, बनावट, उसके दिमाग और उसके विभिन्न कलाओं से अत्यधिक प्रभावित थी. रश्मि को ताईक्वान्डों, मार्शल आर्ट और कराटे की जानकारी थी और वह किक बॉक्सिंग की चैम्पियन थी.
पूरे गोवा ट्रिप में आलिया, रश्मि के साथ और आस-पास ही चिपकी रही. और अमर को इस बात से चिढ़ हो गयी थी. वह कॉलेज में तो कभी रश्मि मंडल के उतने पास जाने की हिम्मत नहीं कर सका, पर उसने सोचा था गोवा में वह रश्मि को पाकर रहेगा. पर उसकी योजना धरी की धरी रह गयी थी. रश्मि को इस बात का अंदाजा था. अगर अमर हिम्मत करता तो शायद वह भी वह वहाँ उसे प्यास बुझाने के लिए उपयोग कर सकती थी. अमर की ना हिम्मत हुई और ना ही मौका मिला.
ट्रिप में रश्मि ने ध्यान दिया, आलिया उसे अजीब से नजरों से देखती थी. रश्मि ने सोचा हो सकता है यह उसकी जिज्ञासा हो. उसे याद है जब वह 18 की थी तो उसकी कॉलेज की एक मैडम के लिए उसके मन में बहुत जिज्ञासा थी. मैडम क्या बोलती थी, उसे लगता था ये कितनी ज्यादा इंटेलीजेंट हैं. शायद वैसा ही आलिया के मन में उसके लिए जिज्ञासा हो. रश्मि का पेपर अच्छा गया था और उसे पूरा भरोसा था उसका सलेक्सन इंटरव्यू के लिए हो जायेगा पर फिर भी उसे मन में अजीब सी कशमकश थी. उसे पूरे शिद्दत से इंडियन इंटेलीजेंट एजेंसी ज्वाइन करना था. उदयपुर पहुंचते ही उसका रिजल्ट आ गया. रश्मि के हाथ में मोबाइल था और बाकि पांचों उसके पास, सबकी नजर रश्मि के टाइप करते उंगली पर.
शाहीन ने कहा, रश्मि अब ओपन भी कर, हमें पता है तेरा सलेक्सन हो ही गया होगा. रश्मि ने उसकी ओर देखा और कांपती हुई उँगलियों से रोल नंबर टाइप करने लगी. जैसे ही लॉग इन हुआ. उसका नाम खुला, सबने देखा. नीचे लिखा था, इंटरव्यू के लिए आमंत्रित. रीमा ख़ुशी से जोर से चिल्लाते हुए उससे गले से लग गयी.
रीमा भी रश्मि की तरह भरे पूरे और सुडौल बदन वाली लड़की है. वह रश्मि से हर मामले में 19-20 ही है. उसका वक्ष रश्मि से थोड़ा छोटा, शानदार गोलाई लिए हुए और कड़क है. जब वह रश्मि से गले लगी तो आलिया ने ध्यान से देखा, दोनों के वक्ष एक दूसरे से टकरा कर, एक दूसरे पर दबाव डाल रहे थे. रश्मि और रीमा तो सामान्य दोस्त से, अब उनका वहां ध्यान कहाँ थे. वो तो ख़ुशी से चीख-चिल्ला रहे थे.
रश्मि बोली, मेरी तरफ से सबको पार्टी. हुर्रे, सबने एक साथ चिल्लाया. पर फाइनल सलेक्सन के बाद रश्मि ने थोडा रुक कर बोला. नही, हमें तो अभी चाहिए, क्यों साथियों- अमर ने नेता बनते हुए कहा.
जिस पर उसे आलिया और सचिन का सहयोग मिला. शाहीन हमेशा की तरह शांत ही थी और रीमा ने गंभीर होते हुए कहा- नहीं, पार्टी इसके इंटरव्यू के बाद ही, अभी उसे तैयारी भी करना होगा. डेट के हिसाब से बस 20 दिन ही है इसके पास. इसलिए तुम मुझे बहुत समझदार लगती हो- रश्मि ने मुस्कुराते हुए कहा. बाकि सब थोडा निराश हुए पर मान गए.
बस अपने गंतव्य पर पहुँच गयी, सब अपना-अपना सामान ले कर उतरने लगे. नीचे सबने एक जगह पर अपना सामान रखा. अब सबको अलविदा कहने का समय था. यह उनके कॉलेज समाप्त होने के बाद बचे हुए कुछ दिनों में टाइम-पास करके के लिए ट्रिप था. इसके बाद अब ये सब कब मिलेंगे, कौन कहाँ होगा कहा नही जा सकता है. अमर ने सबको बाय बोला और अपनी बाइक के लिए स्टैंड की ओर चल पड़ा. सचिन का घर रीमा के घर की तरफ था तो वह रीमा के साथ उसके कार में वहां तक जाने वाला था. शाहीन और आलिया को रश्मि अपनी गाड़ी से उनके घर छोड़ने वाली थी. सबने वादा किया कि वे समय निकाल कर बीच-बीच में जरूर मिलेंगे. और सब वहां से चल पड़े. शाहीन थोड़ी सांवली सी लड़की थी. बहुत ज्यादा खूबसूरत नही, फिगर भी कुछ खास नही. अधिकतर वह शांत रहती थी. रश्मि उसे जबरदस्ती उसकी अम्मी से बात करके गोवा लेकर गयी थी ताकि वह थोड़ा खुले. और उसके साथ आलिया को फ्री में ट्रिप मिल गया.
आलिया और शाहीन के घर पहुँचने के बाद आलिया और उसकी अम्मी ने रश्मि को बहुत कहा थोड़ी देर रुक जाओ पर उसने नहीं माना. वह उन्हें छोड़कर तुरंत वहां से जाना चाहती थी. उसे अपने लिए अरेंजमेंट करना था. रश्मि ड्राइविंग सीट पर ही थी. आलिया, शाहीन और उनकी माँ नीचे खड़े थे. तभी आलिया ने कहा पिछला टायर पंचर है. क्या कहते हुए मैं बाहर आ गयी. मुझे तुरंत याद आया स्टेपनी भी गाड़ी से बाहर है. मैं फंस गयी. आंटी ने अब आदेश की तरह कहा, अब आज रुक जाओ, कल सुबह गाड़ी बनवा कर चले जाना. काफी रात हो चुकी थी. मेरे पास और कोई चारा नही था.
हम सब अन्दर गये, हाथ मुह धोकर हम सबने खाना खाया. शाहीन के पापा अहमद अंकल भी डिनर पर थे. रुखसाना आंटी 45 के आस पास थोड़ी मोटे बदन की औरत थी. पर उनकी जवानी अब भी अनछुई लगती थी. अंकल की उम्र 50 से ऊपर थी. वो बहुत ही कम मिलते थे. खाना खाते समय आंटी ने मुझसे खूब बात की और गोवा ट्रिप के बारे में पूछा.
खाने के बाद मुझे आलिया के कमरे में सोने के लिए कहा गया. वहां एक एक्स्ट्रा बेड रखा हुआ था. मैं काफी थकी हुई थी. मैं रूम पर आई, बाथरूम में गयी. जीन्स निकाल कर लोअर पहना और अपने टी-शर्ट के २ बटन को खोल दिया. आह, कितना आराम है. मैं जल्दी से सो जाना चाहती थी. मैं बाथरूम से निकली. मेरे हाथ में एक टावेल है जिससे मैं अपना मुंह और हाथ पोछ रही हूँ. आलिया बेड के पास वाले कुर्सी पर बैठी है. मैने ध्यान दिया, अलिया मुझे चुपके से बीच-बीच में देख रही थी. मैंने सोचा, ऐसा क्या देखते रहती है यह लड़की? क्या चल रहा है इसके मन में?. उसे गोवा की वह बात याद आई जब वो दोनों शराब के नशे में धुत्त थे, आलिया ने उससे कहा था दीदी आप इतनी गजब की क्यों हैं?और फिर आलिया उससे गले से लग कर सो गयी थी. रश्मि उससे छोटी बहन जैसा ही व्यवहार करती थी.
क्या देख रही है रे लड़की, मैने कहा.
कुछ नहीं दीदी, आलिया झेंपते हुए इधर उधर देखते हुए बोली.
कहाँ सोना है मुझे, बहुत थकी हुईं हूँ मैं, मैंने कहा. उसने बेड की तरफ उंगली दिखाई. मै कूद कर बेड में पहुँच गयी, आलिया मुझे देख ही रही थी. मैंने कहा तुझे नहीं सोना? बस दीदी लाइट बंद करके नाईट लाईट ऑन करके सो ही रही हूँ. आलिया ने कहा.
मैं गहरी नींद में थी, तभी मुझे लगा कोई मुझे छू रहा है. किसी का हाथ मेरे पेट पर रेंग रहा है. वह भी मेरे नंगी पेट पर मेरे टी-शर्ट के अन्दर. मैं सतर्क हो गयी, मैंने तुरंत सोचा यहाँ आलिया को छोड़कर कौन आ सकता है. धीरे से मैंने आँख को थोड़ा सा खोला. आलिया मेरे बदल में बेड से चिपक कर सो रही थी. वह बाएं करवट लिए हुई थी और उसका मुंह मेरी ओर था, आधी नींद में लग रही थी. उसका दायाँ हाथ मेरी कमर में बंधे लोअर और टी-शर्ट के लोअर बार्डर के बीच से मेरी टी-शर्ट के अन्दर है और वह हौले-हौले मेरी नंगी पेट को सहला रही है. आलिया की आँख बंद है. अपना दूसरा हाथ वह टी-शर्ट के ऊपर से अपने छोटे आकर के सुडौल दायें वक्ष पर रखी है. धीरे से वह अपने वक्ष को सहला रही है. उसके दूसरे वक्ष का बस किनारा दिख रहा है. बाकि हाथ के नीचे दबा हुआ है. आलिया अपना आँख बंद रखी है. ध्यान से देखने से समझ आया आलिया टी-शर्ट के नीचे ब्रा नही पहनी है. मैं उसके सीने के गोलाइयों को परख रही थी. तभी उसका हाथ हल्का सा खिसका और उसके हलके पारदर्शी टी-शर्ट के ऊपर बाएं वक्ष का मटर के दाने जैसा अग्रभाग मुझे दिखने लगा. मैं उसके सीने को ध्यान से देख रही हूँ. उसका हाथ अब भी मेरे पेट में मचल रहा था. अब मुझे समझ आया कि वह नीन्द में थी. उसे ऐसे देखकर पता नही मुझे क्या होने लगा. मै भावनाओं में बहने लगी. मुझे तरलता का अहसास हुआ. आलिया परी की तरह सुन्दर लग रही थी. उसके पारदर्शी टी-शर्ट के अन्दर का सीना मुझे भा रहा था. मैं आलिया को अब तक छोटी बहन की तरह देखती थी. ऐसी भावना मेरे अन्दर उसके लिए कभी नही आई. हाँ, गोवा में मैंने आलिया को चोरी छिपे अपने वक्षों को, उदर को, जांघों आदि को देखते पाया था. पर मुझे लगा था वह बस जिज्ञासा से मुझे देखती है. मैं सुन्दर हूँ, और हॉट भी. कौन मुझे नही देखना चाहेगा? पर मुझे नही पता था आलिया ऐसी है. उस नाईट लाइट में वह मासूम परी लग रही थी. उसकी हरकतें देखकर मैं उसे पकड़ कर अपने सीने से लगा लेना चाहती थी.