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Incest शालिनी दीदी
#39
भाई मेरे करीब बैठ गया और मुझे पकड़ लिया उसने मेरे होठ पे एक किश किया मेरे होठ लकपका रहे थे, मैं भी कांपते हुए होठ से भाई को चूम ली, भाई ने घूघंट को उत्त्तर के साड़ी के पल्लू को भी निचे कर दिया, मेरे सांस से मेरी छाती ऊपर निचे हो रही थी, भाई जब मेरी छाती को देखा तो वो देखता ही रह गया क्यों की मेरी दोनों चूचियाँ टाइट थी, और उभर काफी ज्यादा था, ऊपर से दोनों चूचियाँ सटने से नीच में रेखा खीच गयी थी, भाई ने दोनों चूचियों की दरार में अपनी ऊँगली घुसाई, मेरे तो रोम रोम खड़े हो गए, और वो फिर मुझे अपनी बाहों में भर लिया और अगले ही पल हम दोनों एक साथ बेड पे लेट गए,

धीरे धीरे वो मेरी ब्लाउज के हुक को खोल दिया और पीछे से मेरी ब्रा के हुक को भी, मुझे काफी शर्म आ रही थी मैंने अपने हाथो से अपने आँख को ढक ली पर भाई ने मेरे दोनों चूच को बारी बारी से दबाने लगा और कुछ ही पल में वो अपने मुह में ले लिया, मैं तो बस आआह आआआह आआआह और दांत पीसने के अलावा कुछ भी नहीं कर पा रही थी, फिर वो मेरे साडी को ऊपर उठा दिया और पेंटी भी खोल दी, फिर वो सरक के निचे हो गया और मेरी दोनों टांगो को फैला कर मेरे बूर को चाटने लगा, मुझे पहली बार एहसास हुआ की इसमें इतनी मजा है, मैं भाई के बाल को पकड़ के अपने बूर में चिपका ली और चटवाने लगी,[Image: 91210498_091_b82b.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
शालिनी दीदी - by neerathemall - 13-05-2022, 04:09 PM
RE: शालिनी दीदी - by neerathemall - 18-05-2022, 01:26 PM
RE: शालिनी दीदी - by sri7869 - 24-09-2023, 12:14 AM



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