17-05-2022, 06:03 PM
वो चुदासी हो चुकी थी और जल्दी से चुदना चाहती थी। मैंने लगातर उसका भोसड़ा फेट रहा था। एक बड़ी ही पिचकारी उसकी रसीली बुर से निकली। सफ़ेद रंग की क्रीम क्रीम चूत से निकली जिसे मैंने जीभ लगाकर चाट गया। फिर मैंने अपना ७” का मोटा लंड उसकी बुर में डाल दिया और उसे चोदने लगा। अब गुंजन चुद रही थी और मुझसे जल्दी जल्दी लंड खा रही थी। अब वो शांत हो रही थी, क्यूंकि मैं जल्दी जल्दी उसको ठोंक रहा था। मैंने उसके कंधे मजबूती से पकड़ लिए थे और खप्प खप्प उसको पेल रहा था। सोफे पर ही हम दोनों की चुदाई की फिल्म चल रही थी। कुछ देर बाद वो मुझसे चिपका गई। मैं उसके गाल, होठो, और दूध को पी पीकर उसे पेलने लगा। फिर १५ मिनट बाद मैंने उसकी रसीली कसी बुर में ही आउट हो गया और मैंने अपना माल छोड़ दिया।
गुंजन मुझसे मेरी माल की तरह लिपट गयी। हम दोनों एक दूसरे के होठ पीने लगे। जब मेरा लंड उसकी बुर से निकल आया तो वो चूसने लगी।
“गुंजन, इतना मस्त लंड चूसना तुमने कहाँ से सीखा??” मैंने अपनी माल गुंजन से पूछा
“अनुपम मैंने एक बार अपने मामा के यहाँ गयी थी। वही पर मुझसे पहली बार चूत मारने के बारे में मेरे मामा से सिखाया। उन्होंने मुझे कई रात चोदा और लंड चुस्वाया। बस वही पर मैंने लंड चूसना सीख लिया था” गुंजन बोली
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.