17-05-2022, 06:02 PM
उसके बाद मैं जल्दी जल्दी अपनी कमर मटकाकर गुंजन का मुंह अपने लंड से चोदने लगा। कुछ देर बाद मैं स्खलित हो गया और मैंने अपना सारा माल गुंजन के मुंह में छोड़ दिया। हम प्यार करने लगे। मैंने उसको सीधा लिटा दिया और उसके दूध पिने लगा। फिर मैंने गुंजन की चूत पर आ गया। मैंने उसके दोनों पैर खोल दिए और उसकी वो मस्त मस्त बुर पीने लगा जिसे मैंने विडियो में देखा था। उफ्फ्फ्फ़ ….क्या भरी हुई चूत थी मेरी माल की। मैं जीभ से चूत का एक एक होठ खोल खोलकर मजे लेकर पी रहा था। चूत को दाने को मैं विशेष रूप से चाट रहा था और मेरी सामान गुंजन को मैं मीठा मीठा दर्द दे रहा था। उसे तड़पा रहा था। उसकी बुर बहुत ही भरी हुई थी और बेहद चिकनी और सेक्सी थी।
गुंजन चुदी चुदाई माल थी। पर मुझे क्या। मुझे तो मस्त मस्त बुर चोदने को मिल रही थी इलसिए मुझे कोई दिक्कत नही थी। मैं लगन और निष्ठा से उसका भोसड़ा पी रहा था। वो कामवासना को महसूस कर रही थी। लगातर उसकी बुर पीने से गुंजन की चूत तो आग की तरह धधकने लगी थी। बार बार बुर फुल जाती थी और बार बार अंदर की तरफ पिचक जाती थी। मैं कभी चूत को पीता था तो कभी गुंजन के चूत के दाने को। फिर मैंने अपनी ३ उँगलियाँ गुंजन की बुर में पेल दी और अंदर चलाने लगा। गुंजन.. ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….करने लगी। मेरी ऊँगली डालने से तो गुंजन की चूत में बवंडर आ गया। मैं जब जोर जोर से बुर फेटने लगा तो वो पागल होने लगी। उसे बड़ा मीठा मीठा अहसास हो रहा था। बार बार गुंजन अपनी कमर और गांड उठा रही थी। मैंने फच फच उसकी चूत बड़ी तेज तेज फेट रहा था। कुछ देर बाद मेरी मेहनत रंग लाई और गुंजन की बुर उपर नीचे आने लगा।
गुंजन चुदी चुदाई माल थी। पर मुझे क्या। मुझे तो मस्त मस्त बुर चोदने को मिल रही थी इलसिए मुझे कोई दिक्कत नही थी। मैं लगन और निष्ठा से उसका भोसड़ा पी रहा था। वो कामवासना को महसूस कर रही थी। लगातर उसकी बुर पीने से गुंजन की चूत तो आग की तरह धधकने लगी थी। बार बार बुर फुल जाती थी और बार बार अंदर की तरफ पिचक जाती थी। मैं कभी चूत को पीता था तो कभी गुंजन के चूत के दाने को। फिर मैंने अपनी ३ उँगलियाँ गुंजन की बुर में पेल दी और अंदर चलाने लगा। गुंजन.. ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….करने लगी। मेरी ऊँगली डालने से तो गुंजन की चूत में बवंडर आ गया। मैं जब जोर जोर से बुर फेटने लगा तो वो पागल होने लगी। उसे बड़ा मीठा मीठा अहसास हो रहा था। बार बार गुंजन अपनी कमर और गांड उठा रही थी। मैंने फच फच उसकी चूत बड़ी तेज तेज फेट रहा था। कुछ देर बाद मेरी मेहनत रंग लाई और गुंजन की बुर उपर नीचे आने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.