Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
म दोनों 69 पोजीशन में आ गए। मैंने अपना लंड गुंजन के मुंह में डाल दिया और खुद उसकी चूत पीने लगा। सायद वो भी किसी बड़े दिनों से लंड की प्यासी थी, इसलिए तुरंत उसने मेरा लौडा मुंह में ले लिया और मजे से चूसने लगी। मैं अच्छी तरह से उसकी चूत पी रहा था। ये वही रसीली बुर थी जिसका विडियो गुंजन से मुझे २ महीने पहले भेजा था। दोस्तों, आज तो मेरी लाटरी निकल गयी थी। जिस रसीली चूत को देख देखकर मैं मुठ मारा करता था, वो आज मेरे पास थी और मैं उसे पी रहा था। गुंजन की सील टूटी हुई थी, सायद १ २ बार वो चुदवा चुकी थी। मैंने मेहनत से दिल लगाकर उसकी बुर पी रहा था और चूत के दाने को होठो को मैं पूरी सिद्दत से पी रहा था। उधर गुंजन मेरा लंड मजे लेकर पी रही थी। हम दोनों से करीब एक दूसरे की चूत और लंड को करीब १ घंटा तक पिया और मजा मारा।
“अनुपम मेरी जान, आज तुम मुझसे चोदकर मेरी चूतकी प्यास शांत कर” गुंजन बोली
“मेरी माल…..आज मैं तुम्हारी प्यासी चूत को इतना लंड खिला दूंगा की दोबारा वो कभी लंड नही मांगेगी” मैंने कहा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.