17-05-2022, 06:00 PM
मैंने मम्मो को हाथ में भर लिया और उनका साइज नापने लग गया। फिर मैं मजे लेकर पीने लगा। उफ्फ्फ्फ़….हाययययय…मजा आ गया दोस्तों। दिल मचल गया मेरा गुंजन जैसी माल के दूध पाकर। मैं किसी छोटे बच्चे की तरह उसके दूध पीने लगा। धीरे धीरे वो शांत हो गयी और किसी सीधी गाय की तरह मेरी गोद में बैठकर वो मुझे आराम से दूध पिला रही थी। आज तो मेरी किस्मत ही चमक गयी थी। मैं कितना बड़ा मूरख था की इतनी मस्त चुदासी माल मुझे इतने महीनो से मुझे लाइन मार रही थी और मैं इससे दूर भाग रहा था। अगर मैं ४ महीने पहले गुंजन के ऑफर को ले लिया होता तो उसे कम से कम १०० बार तो चोद और खा चुका होता। मैंने गुंजन को अपनी बाहों में भर लिया था। उसकी पीठ काफी लम्बी और सेक्सी थी। रंग काला जरुर था, पर चिकनी बहुत थी। मैं मजे से उसके दूध पी रहा था। वो मचल रही थी। सायद उसको ये सब अजीब लग रहा था। और हंस भी रही थी। पर मैं तो उसके मस्त मस्त दूध पीने में डूबा हुआ था। आःह्ह्ह उसकी चूचियां कितनी कसी और तनी हुई थी। मुझे पीने में बहुत आनंद मिल रहा था। बहुत मजा आ रहा था। फिर कुछ देर तक गुंजन के दूध पीने के बाद मैंने उसकी सलवार निकाल दी। फिर उसकी चड्ढी निकाल दी। वो पूरी तरह से नंगी हो गयी और समझ अपनी चूत को दोनों हाथों से वो छुपाने लगी। सायद उसे बहुत शर्म आ रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.