17-05-2022, 05:59 PM
“अरी जान….इसमें शर्म क्या करना” मैंने कहा
वो बार बार खिलखिलाकर हँसे जा रही थी। सायद उसे ये अजीब लग रहा था, पर अगर मैं उसको उपर से ही प्यार करूंगा तो चोदूंगा कैसे??? इसलिए मैंने किसी तरह उसको मना लिया और उसकी कमीज निकाल दी। उसकी ब्रा बड़ी चुस्त थी। मैंने वो भी निकाल दी। अब गुंजन मेरे सामने थी और बिलकुल उपर से नंगी थी। गुंजन कितनी मस्त चुदासी माल थी ये बात आज मुझको पता चला। वो अपने नग्न मम्मो को मुझसे छुपाने लगी। उनसे तुरंत अपने दूध अपने हाथ से छुपा लिए थे। वो बार बार हंस रही थी। शायद चुदाई करना उसको एक फनी और मजाकिया बात लग रही थी। मैंने किसी तरह से उसके हाथ खीचकर उसके दूध से हटाये। बाप रे!!….कितने मस्त मस्त सुंदर दूध थे। मम्मो का रंग जरुर काला था, पर मम्मे बेहद कसे और भरे हुए थे। बेहद सुडौल और शानदार थे। दोस्तों, मैं तो देखकर ललचा ही गाया था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.