Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
अरे जान……तुम तो खामखा रूठ गयी। अरे! मैं तो तुमसे सच्चा प्यार करता हूँ” मैंने कहा। तब जाकर गुंजन का मूड सही हुआ। मैंने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और ‘मेरा बाबू…..मेरा बच्चा…..कहकर मैंने उसे बुलाने लगा और प्यार करने लगा। उफ्फ्फ्फ़ गुंजन के गाल काले जरुर दे पर जवानी अभी बिलकुल उफान पर थी। बड़ी मखमली और चिकनी त्वचा थी उसकी। मैं उसके गाल पर प्यार की बरसात करने लगा। फिर हम दोनों फ्रेंच किस करने लगे। फिर हम दोनों एक दूसरे की गर्मागर्म सासें पीने लगे और एक दूसरे के रसीले होठ पीने लगे। धीरे धीरे हम दोनों पागल हो गए। बार बार गुंजन का दुपट्टा हम लोगो के बीच में आ रहा था। इसलिए मैंने उसे निकाल दिया और किनारे रख दिया और उसको अपनी गोद में बिठाकर मैंने किस करने लगा। कुछ दी देर में हम दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। और मेरे हाथ गुंजन के ३४” के बड़े बड़े सुडौल और बेहद आकर्षक मम्मो की पर आ गये और मैं उसके दूध सहलाने लगा।
गुंजन से कुछ नही क्या। उसको भी ये अच्छा लग रहा था की मैं उसके रसीले दूध को अपने हाथ में ले लूँ। जब मैं उसकी कमीज निकालने लगा तो वो खिलखिलाकर हसने लगी और दूर भागने नही।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.