17-05-2022, 05:55 PM
गुंजन मुझे लाइन देने लगी। मेरे पास कोई माल थी नही। पर दोस्तों मैं भी सारे लड़कों की तरह कोई गोरी और चिकनी लड़की को ही अपनी माल बनाना चाहता था। पर जब कुछ महीने बीत गये तो आये दिन मेरा लंड खड़ा होने लगा और किसी लड़की को चोदने का मेरा बड़ा दिल करने लगा। गुंजन के पास मेरा मोबाइल नम्बर था। पहले वो जब मुझे काल करती थी तो मैंने उससे दूर भागता था और उसकी काल नही उठाता था। क्यूंकि बाकी लड़को की तरह मैं भी किसी सुंदर और गोरी लड़की से रिश्ता रखना चाहता था। गुंजन काली भले ही थी पर मस्त माल थी और चोदने खाने के लिए वो बिलकुल सही लड़की थी। रंग से क्या हुआ, उसका जिस्म तो भरा हुआ था। अच्छे खासे ३४” के बूब्स थे उसके। वो जादातर सलवार सूट पहनती थी, पर उसका मस्त फिगर उसके सलवार सूट से भी दिख जाता था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.