17-05-2022, 05:29 PM
धीरे धीरे मैंने उनकी साड़ी को ऊपर उठाना शुरू किया।
आःह्ह्ह क्या गोरी टांगें हैं बिल्कुल चिकनी! कल रात कम रोशनी में अच्छे से दिखी नहीं थी।
मैंने अब भाभी को पीछे घुमा दिया, पीछे से उनकी साड़ी ऊपर करने लगा तो पूछने लगी- पीछे क्यूँ हो अजय?
मैंने कहा- आपकी गांड देखनी है भाभी।
वो बोली- पहले बुर चूस कर शांत करो, फिर गांड देखना।
भाभी ने खुद ही मुड़ कर अपनी बुर मेरे मुँह पर लगा दी, मैंने उनका एक पैर अपने बेड पर रख दिया, एक नीचे ही था जिससे उनकी बुर खुल गई और मैंने अपने होंठ भाभी के चूत के होटों पर रख दिए।
भाभी बोली- अजय, तुम्हें बहुत तरीका आता है औरतों को खुश करने का? खा जाओ मेरो चूत को आज!
भाभी बोले जा रही थी और मेरा सर अपने बुर में दबाये जा रही थी।
मैं भी अपनी जीभ से उनकी बुर चाट रहा था।
तभी मैंने उनकी बुर को अपने दोनों हाथों से फैला के जीभ से पिंक वाला अंदर का हिस्सा चाटा तो भाभी ने मेरा सर अचानक से अपनी बुर पर दबा लिया और काफी पानी आया उनकी बुर से, मैंने सब चाट कर साफ़ कर दिया।
अब मैंने भाभी को फिर से पीछे घुमा दिया, अपना गाल उनके कूल्हे से रगड़ रहा था, आगे हाथ करके उनकी बुर को फिर से सहलाने लगा था जिससे वो फिर से गर्म हो जाये, अपने होटों से गांड को किस कर रहा था, भाभी को थोड़ा आगे झुका कर अच्छे से गांड को मसलने लगा।
अब भाभी को भी मज़ा आ रहा था, आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह किये जा रही थी।
मैंने उनके गांड को हल्का फैला के गुलाबी छेद पर ऊँगली रखी तो भाभी ने अपनी गांड थोड़ी सिकोड़ ली जिससे छेद बहुत टाइट हो गया।
मैंने भाभी से कहा- आपकी गांड बहुत सेक्सी है।
तो बोली- कितनी?
मैंने कहा- सबसे अच्छी भाभी, जब गांड हिला कर चलती हो तो जान ले लेती हो। मुझे आज आपकी गांड पेलनी है, जम के गांड मारनी है।
भाभी बोली- मैंने कभी नहीं गांड मरवाई है।
तो मैंने कहा- कैसे भैया ने इतनी सेक्सी गांड छोड़ दी बिना चोदे?
तो भाभी हँसी और कहने लगी- शायद तुम्हारे लिए छोड़ दी हो।
तो मुझे लगा कि हो न हो भाभी के मन में भी गांड मरवाने का विचार है, तभी मैंने कहा- आज आपकी गांड मारता हूँ, चूत बाद में मारूँगा!
भाभी बोली- मुझे भी बहुत दिनों से मन था गांड मरवाने का क्यूँकि मेरी एक सहेली अक्सर गांड मरवाती है, कहती है कि बहुत मज़ा आता है, बिल्कुल शुरू के दिनों की याद आ जाती है।
मैं अपनी एक ऊँगली उनकी गांड के छेद पर रख के अंदर दबाने लगा, छेद बहुत टाइट था।
मैंने कहा- उंगली चूस के गीली करो!
तो भाभी मेरी बीच वाली ऊँगली मुँह में लेकर चूसने लगी, ढेर सारा थूक लगा कर गीली की, मैंने अब छेद पर रख के बढ़ाया अंदर तो थोड़ी अंदर चली गई।
भाभी कसमसाई तो अंदर आधी ऊँगली डाल कर ऊँगली से ही चोदने लगा और हल्का हल्का कर के पूरा ऊँगली डाल दी। अब मैं अच्छे से घुमा रहा था ऊँगली को अंदर ताकि लंड के लिए जगह बन जाये।
‘आह्ह्ह्ह्ह् आह्ह्ह आह्ह्ह…’ भाभी किये जा रही थी।
मैंने पूछा- कैसी फीलिंग है?
आःह्ह्ह क्या गोरी टांगें हैं बिल्कुल चिकनी! कल रात कम रोशनी में अच्छे से दिखी नहीं थी।
मैंने अब भाभी को पीछे घुमा दिया, पीछे से उनकी साड़ी ऊपर करने लगा तो पूछने लगी- पीछे क्यूँ हो अजय?
मैंने कहा- आपकी गांड देखनी है भाभी।
वो बोली- पहले बुर चूस कर शांत करो, फिर गांड देखना।
भाभी ने खुद ही मुड़ कर अपनी बुर मेरे मुँह पर लगा दी, मैंने उनका एक पैर अपने बेड पर रख दिया, एक नीचे ही था जिससे उनकी बुर खुल गई और मैंने अपने होंठ भाभी के चूत के होटों पर रख दिए।
भाभी बोली- अजय, तुम्हें बहुत तरीका आता है औरतों को खुश करने का? खा जाओ मेरो चूत को आज!
भाभी बोले जा रही थी और मेरा सर अपने बुर में दबाये जा रही थी।
मैं भी अपनी जीभ से उनकी बुर चाट रहा था।
तभी मैंने उनकी बुर को अपने दोनों हाथों से फैला के जीभ से पिंक वाला अंदर का हिस्सा चाटा तो भाभी ने मेरा सर अचानक से अपनी बुर पर दबा लिया और काफी पानी आया उनकी बुर से, मैंने सब चाट कर साफ़ कर दिया।
अब मैंने भाभी को फिर से पीछे घुमा दिया, अपना गाल उनके कूल्हे से रगड़ रहा था, आगे हाथ करके उनकी बुर को फिर से सहलाने लगा था जिससे वो फिर से गर्म हो जाये, अपने होटों से गांड को किस कर रहा था, भाभी को थोड़ा आगे झुका कर अच्छे से गांड को मसलने लगा।
अब भाभी को भी मज़ा आ रहा था, आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह किये जा रही थी।
मैंने उनके गांड को हल्का फैला के गुलाबी छेद पर ऊँगली रखी तो भाभी ने अपनी गांड थोड़ी सिकोड़ ली जिससे छेद बहुत टाइट हो गया।
मैंने भाभी से कहा- आपकी गांड बहुत सेक्सी है।
तो बोली- कितनी?
मैंने कहा- सबसे अच्छी भाभी, जब गांड हिला कर चलती हो तो जान ले लेती हो। मुझे आज आपकी गांड पेलनी है, जम के गांड मारनी है।
भाभी बोली- मैंने कभी नहीं गांड मरवाई है।
तो मैंने कहा- कैसे भैया ने इतनी सेक्सी गांड छोड़ दी बिना चोदे?
तो भाभी हँसी और कहने लगी- शायद तुम्हारे लिए छोड़ दी हो।
तो मुझे लगा कि हो न हो भाभी के मन में भी गांड मरवाने का विचार है, तभी मैंने कहा- आज आपकी गांड मारता हूँ, चूत बाद में मारूँगा!
भाभी बोली- मुझे भी बहुत दिनों से मन था गांड मरवाने का क्यूँकि मेरी एक सहेली अक्सर गांड मरवाती है, कहती है कि बहुत मज़ा आता है, बिल्कुल शुरू के दिनों की याद आ जाती है।
मैं अपनी एक ऊँगली उनकी गांड के छेद पर रख के अंदर दबाने लगा, छेद बहुत टाइट था।
मैंने कहा- उंगली चूस के गीली करो!
तो भाभी मेरी बीच वाली ऊँगली मुँह में लेकर चूसने लगी, ढेर सारा थूक लगा कर गीली की, मैंने अब छेद पर रख के बढ़ाया अंदर तो थोड़ी अंदर चली गई।
भाभी कसमसाई तो अंदर आधी ऊँगली डाल कर ऊँगली से ही चोदने लगा और हल्का हल्का कर के पूरा ऊँगली डाल दी। अब मैं अच्छे से घुमा रहा था ऊँगली को अंदर ताकि लंड के लिए जगह बन जाये।
‘आह्ह्ह्ह्ह् आह्ह्ह आह्ह्ह…’ भाभी किये जा रही थी।
मैंने पूछा- कैसी फीलिंग है?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.