17-05-2022, 04:49 PM
मै दीदी की चुदाई करने के लिए मन गया, दीदी मेरी बात सुन कर खुश हो गयी। उन्होंने मेरे हाथो को पकड कर अपनी तरफ खीच लिया और मुझको अपनी बाहों में भरते हुए मेरे होठो को चूमने लगी, ऐसा लग रहा था की वो अपनी इतने दिनों की भूख को मिटने में लगी है। वो मेरे होठो को बहुत ही जोश में चूस रही थी। मैंने भी उनको कस कर अपने बाहों में जकड़ लिया और उनके साथ मै भी उनके होठो को चूसते हुए पीने लगा। मैंने कभी सोचा नही था की अपने दीदी को मुझे चोदने का मौका मिलेगा। लगतार दीदी मेरे और मै दीदी के होठो को 30 मिनटों तक चूसते रहे.![[Image: 1635650705_52-boobzone-pro-p-porno-so-zr...ami-54.jpg]](https://boobzone.pro/uploads/posts/2021-10/thumbs/1635650705_52-boobzone-pro-p-porno-so-zrelimi-armyankami-54.jpg)
बहुत देर तक दीदी के होठो को को चूसते चूसते मेरा जोश इतना बढ़ गया था की मेरा लौडा किसी डंडे की तरह दीदी के जन्घो में चुभ रहा था। दीदी को किस करने के बाद दीदी खुद ही अपने कपड़ो को निकलने लगी। पहले तो उन्होंने अपने ऊपर के समीज को को निकाला, और फिर अपने सलवार को भी निकाल दिया। अब तो कयामत लग रही थी, मैंने भी अपने कपड़ो को निकाल दिया और दीदी के शरीर को अपने हाथो से सहलाने लगा।
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बहुत देर तक दीदी के होठो को को चूसते चूसते मेरा जोश इतना बढ़ गया था की मेरा लौडा किसी डंडे की तरह दीदी के जन्घो में चुभ रहा था। दीदी को किस करने के बाद दीदी खुद ही अपने कपड़ो को निकलने लगी। पहले तो उन्होंने अपने ऊपर के समीज को को निकाला, और फिर अपने सलवार को भी निकाल दिया। अब तो कयामत लग रही थी, मैंने भी अपने कपड़ो को निकाल दिया और दीदी के शरीर को अपने हाथो से सहलाने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
