17-05-2022, 04:45 PM
कुछ देर बाद दीदी और भी गर्म हो गई और वो अपने हाथ को अपने सलवार में डाल लिया और अपनी चूत में उंगली करने लगी, मुझे लगा की दीदी की वहां भी खुजली हो रही है तो मैंने दीदी से कहा – वहां भी मै सहला दूँ?? तो दीदी ने कहा – हाँ क्यों नही। उन्होंने अपने सलवार के नारे को खोल कर सलवार नीचे कर दिया और मेरे हाथो को को अपनी चूत के दाने में लगा कर सहलाते हुए कहा – यहीं पर सहलाना। . मैंने कहा ठीक है मै बहुत छोटा था इसलिए दीदी बेफिक्र होकर मुझसे अपने चूत में उंगली करवाने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.