17-05-2022, 04:12 PM
ऋतु के मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। मैंने ऋतु की दूध के निप्पल को काट काट कर पीने लगा। ऋतु भी सुसुक रही थी। ऋतु अपनी चूत में ऊँगली डाल कर आगे पीछे कर रही थी। मैं भी खूब दबा दबा कर चूंचियो को पी रहा था। मैं भी चूंचियो को पीते पीते मुठ मार रहा था। मैंने भी अब ऋतु की चूंचियों को पीना बंद किया। मैंने ऋतु को बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने ऋतु की दोनों टांगों को फैलाकर उसकी चूत के दर्शन अपने लौड़े को करवाया। मैंने अपना लौड़ा ऋतु की चूत पर रख कर रगड़ने लगा। मैंने अपना लंड ऋतु की चूत के दोनों टुकड़ो के बीच में रगड़ कर ऊपर नीचे कर रहा था। ऋतु चुदवाने को तड़प रही थी। मैंने भी उसे और तड़पा कर चोदने की सोच रहा था। मै कुछ देर तक अपना लौड़ा ऋतु की चूत पर रगड़ ही रहा था। मैंने अपना लौड़ा ऋतु की चूत के छेद पर रखा ही था। कि ऋतु ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी। मैंने भी अपने लंड को ऋतु की चूत में धक्का मारा। ऋतु की चूत बहुत ही टाइट थी। मेरा लौड़ा अंदर घुस ही नहीं रहा था। उधर ऋतु की चूत में आग लगी हुई थी। मैंने अपना लौड़ा ज़बरदस्ती ऋतु की चूत में डालने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
