17-05-2022, 04:11 PM
मैंने ऋतु की होंठ को चूस कर और ज्यादा गुलाबी कर दिया। ऋतु की सांस बढ़ने लगी। वो अपना गर्म गर्म सांस मेरे नाक के पास छोड़ रही थी। मैं ऋतु को फ्रेंच किस सिखा रहा था। मैंने ऋतु की होंठ को चूस कर अपनी जीभ अंदर उसके जीभ में लगा रहा था। ऋतु भी अपनी आँखे बंद करके होंठ चुसाई में मेरा साथ दे रही थी। मैंने होंठ को अंदर डाल कर ऋतु की होंठ को चूस रहा था।
ऋतु के होंठो को चूंसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। ऋतु को अपनी होंठ चुसवाने में भी बहुत मजा आ रहा था। ऋतु अभी पहली बार अपनी होंठ को किसी से चुसवा रही थी। मैंने अपना हाथ ऋतु के बदन पर फेरते हुए। उसकी स्कर्ट में अपना हाथ घुसा दिया। उसकी स्कर्ट में घुसते ही मेरा हाथ उसकी पैंटी के अंदर उसकी झांटो के जंगल में चला गया। उसकी चूत के बाल काफी बड़ी हो गई थी। अब तक उसने अपनी चूत के बालों को नहीं साफ़ किया था। मैंने बाथरूम में जाकर रेजर ले आया। मैंने ऋतु की स्कर्ट को निकाल कर उसकी पैंटी को निकाल दिया। उसकी चूत के पास बालों का जंगल उगा हुआ था। मैंने ऋतु के चूत के बालों को साफ़ किया। ऋतु की चूत बहुत ही खूब सूरत लग रही थी। ऋतु भी अपनी चूत को इतनी साफ़ और सुंदर देख कर चौक गई।
ऋतु के होंठो को चूंसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। ऋतु को अपनी होंठ चुसवाने में भी बहुत मजा आ रहा था। ऋतु अभी पहली बार अपनी होंठ को किसी से चुसवा रही थी। मैंने अपना हाथ ऋतु के बदन पर फेरते हुए। उसकी स्कर्ट में अपना हाथ घुसा दिया। उसकी स्कर्ट में घुसते ही मेरा हाथ उसकी पैंटी के अंदर उसकी झांटो के जंगल में चला गया। उसकी चूत के बाल काफी बड़ी हो गई थी। अब तक उसने अपनी चूत के बालों को नहीं साफ़ किया था। मैंने बाथरूम में जाकर रेजर ले आया। मैंने ऋतु की स्कर्ट को निकाल कर उसकी पैंटी को निकाल दिया। उसकी चूत के पास बालों का जंगल उगा हुआ था। मैंने ऋतु के चूत के बालों को साफ़ किया। ऋतु की चूत बहुत ही खूब सूरत लग रही थी। ऋतु भी अपनी चूत को इतनी साफ़ और सुंदर देख कर चौक गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
